मिर्जापुर- उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में प्रजापति (कुम्हार) ओबीसी समाज के सैकड़ों परिवारों को पीने के पानी से वंचित करने का मामला सामने आया है। स्थानीय बिरहा गायिका सरगम सरोज द्वारा लगवाए गए बोरवेल को प्रशासन ने उखाड़ दिया, जिसके बाद ये परिवार अब गड्ढों का कीचड़ भरा पानी पीने को मजबूर हैं। यह घटना जातिगत भेदभाव और सरकारी गुंडागर्दी के आरोपों से घिरी हुई है, जिसकी वायरल वीडियो सोशल मीडिया पर साझा की जा रही है।
जिले के एक गांव में सरगम सरोज ने सामाजिक कार्य के तहत एक बोरवेल लगवाया था, जिसका उपयोग प्रजापति समाज के सैकड़ों परिवार कर रहे थे। सरगम सरोज को हाल ही में किसी मामले में जेल भेजा गया, जिसके बाद स्थानीय प्रशासन ने कथित तौर पर द्वेषवश बोरवेल को उखाड़ दिया। अब इन परिवारों को पीने के लिए पास के गड्ढों से पानी निकालना पड़ रहा है, जो कीचड़ और गंदगी से भरा हुआ है। एक वीडियो में एक युवती अपनी व्यथा बता रही है कि उन्हें 2-3 किलोमीटर दूर जाकर पानी लाना पड़ता है। वीडियो में महिलाओं के चेहरे पर निराशा साफ झलक रही है, जबकि कुछ पुरुष स्थानीय लोग दिखाई दे रहे हैं।
स्थानीय पत्रकार गौरव कुशवाहा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर इसकी जानकारी साझा करते हुए कहा, "जिल्ले इलाही ए उत्तरप्रदेश आपके राज में प्रजापति समाज गड्ढे का पानी पीने को मजबूर है। मिर्जापुर में ऐसा हाल है कि बिरहा गायिका सरगम सरोज ने एक बोर करवाया था जिसे प्रजापति समाज के कई परिवार पानी पीते थे। लेकिन उनको जेल भेजने के बाद उनसे ऐसा द्वेष निकाला गया कि इन परिवारों से पानी का हक भी छीन लिया गया, बोर तक उखाड़वा दिया गया।" उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डीएम मिर्जापुर को टैग करते हुए कार्रवाई की मांग की है।
यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, और कई सोशल एक्टिविस्ट्स ने इसे 'गुंडागर्दी' करार दिया है। भीम आर्मी और आज़ाद समाज पार्टी से जुड़े कार्यकर्ता इस वीडियो को शेयर कर रहे हैं।
प्रजापति समाज के संगठन सर्व प्रजापति शक्ति ट्रस्ट के संस्थापक अजय प्रजापति ने भी इसकी निंदा की: "मिर्जापुर में #प्रजापति_परिवार को पानी पीने के अधिकार से वंचित किया जा रहा है। अगर ये घटना सच है तो इस पर संज्ञान लिया जाना चाहिए। बहुत ही निंदनीय।" उन्होंने मिर्जापुर पुलिस को टैग किया है।
सोशल मीडिया पर टैग किए गए डीएम मिर्जापुर और मुख्यमंत्री कार्यालय पर कार्रवाई का दबाव बढ़ रहा है। प्रजापति समाज के कार्यकर्ता चेतावनी दे रहे हैं कि अगर न्याय नहीं मिला तो आंदोलन तेज होगा।
यह घटना उत्तर प्रदेश में ओबीसी समुदायों के खिलाफ बढ़ते भेदभाव के व्यापक मुद्दे को उजागर करती है, जहां बुनियादी अधिकारों तक पहुंच सीमित हो रही है। संविधान की धारा 21 (जीवन का अधिकार) के तहत यह स्पष्ट उल्लंघन है।
सरगम सरोज मिर्जापुर की प्रसिद्ध बिरहा गायिका हैं, जो लोक संगीत के माध्यम से सामाजिक मुद्दों को उठाती रही हैं। उन्होंने गांव में कई सामाजिक कार्य किए, जिसमें यह बोरवेल भी शामिल था। बिरहा मंडली का संचालन गायिका सरोज सरगम के पति राममिलन बिंद करते थे. गायिका पिछले ढाई से तीन साल से पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्प संख्यक) के लिए गाना गा रही है.
हाल ही में सरोज सरगम के हिंदू देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी का मामला सामने आने के बाद मिर्जापुर पुलिस ने मड़िहान थाने में उसके ऊपर मुकदमा दर्ज किया था. इसके अलावा शहर कोतवाली थाने में भी मार्च 2025 को गायिका और उसके पति पर केस दर्ज किया गया था. पिछले महीने सरगम, उनके पति के साथ पूरी मंडली के कुल 8 जनों को गिरफ्तार किया है. सरोज सरगम के खिलाफ मिर्जापुर के साथ-साथ मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों में भी आठ मुकदमे दर्ज किए गए हैं.
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