ग्वालियर हाईकोर्ट परिसर में डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा स्थापना को लेकर बढ़ा विवाद: अब 15 अक्टूबर को ग्वालियर बन सकता है तनाव का केंद्र, धारा 163 लागू प्रशासन अलर्ट पर!

ग्वालियर प्रशासन ने कहा है, कानून व्यवस्था में किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरती जाएगी। शहर और ग्रामीण इलाकों में चौकसी बढ़ा दी गई है। संवेदनशील इलाकों में पुलिस की गश्त जारी है।
अब 15 अक्टूबर को ग्वालियर बन सकता है तनाव का केंद्र, धारा 163 लागू प्रशासन अलर्ट पर!
अब 15 अक्टूबर को ग्वालियर बन सकता है तनाव का केंद्र, धारा 163 लागू प्रशासन अलर्ट पर! Internet
Published on

भोपाल। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा स्थापना का विवाद अब एक गंभीर सामाजिक-राजनीतिक मुद्दे का रूप ले चुका है। बीते कुछ महीनों से इस विवाद ने अब नया मोड़ ले लिया है, जब हाईकोर्ट के वकील अनिल मिश्रा द्वारा डॉ. अंबेडकर को लेकर की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणी ने ग्वालियर-चंबल अंचल में तनाव का माहौल बना दिया है। मिश्रा के बयान को लेकर दलित संगठनों और भीम आर्मी से जुड़े समूहों ने 15 अक्टूबर को ग्वालियर में बड़े विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है, जबकि सवर्ण समाज के संगठन भी उसी दिन शक्ति प्रदर्शन की तैयारी में हैं।

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए ग्वालियर जिला प्रशासन और पुलिस ने धारा 163 लागू कर दी है। अब बिना अनुमति किसी भी प्रकार का जुलूस, धरना या सभा नहीं की जा सकेगी।

कैसे शुरू हुआ विवाद?

ग्वालियर हाईकोर्ट परिसर में डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा लगाने की मांग कुछ महीनों पहले शुरू हुई थी। आज़ाद समाज पार्टी, भीम आर्मी, ओबीसी महासभा सहित कई संगठन और वकीलों का एक धड़ा परिसर में अंबेडकर की प्रतिमा स्थापना की मांग कर रहा था। वहीं, कुछ वकील इसके विरोध में थे, उनका कहना था कि न्यायालय परिसर में किसी व्यक्ति विशेष की मूर्ति लगाना न्याय की निष्पक्षता पर सवाल खड़ा कर सकता है।

इसी मुद्दे पर बीते महीनों में कई बार वकीलों के बीच तीखी नोकझोंक और झड़पें हो चुकी हैं। 17 मई 2025 को तो स्थिति हिंसक हो गई थी, जब हाईकोर्ट के बाहर भीम आर्मी के पूर्व सदस्य रूपेश केन के साथ कुछ वकीलों ने मारपीट कर दी थी।

इसके बाद प्रशासन ने मूर्ति स्थापना पर अस्थायी रोक लगा दी थी। डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा को शहर से लगभग 15 किलोमीटर दूर मूर्तिकार प्रभात राय की वर्कशॉप में रखवा दिया गया था, जहां उसकी सुरक्षा के लिए दो पुलिसकर्मी तैनात हैं।

अनिल मिश्रा का विवादित बयान

विवाद को और भड़काने वाला ताजा मामला वकील अनिल मिश्रा के वीडियो बयान से जुड़ा है। पुलिस एफआईआर के अनुसार, मिश्रा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर जारी वीडियो में डॉ. भीमराव अंबेडकर को अंग्रेजों का एजेंट, झूठा और गुलाम कहकर संबोधित किया तथा आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया। इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया हुई। दलित संगठनों, आज़ाद समाज पार्टी और भीम आर्मी ने मिश्रा की गिरफ्तारी की मांग करते हुए 15 अक्टूबर को ग्वालियर बंद और विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है। मिश्रा के खिलाफ ग्वालियर और महाराष्ट्र में दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई हैं।

सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट कार्रवाई

विवाद बढ़ने के बाद पुलिस ने सोशल मीडिया पर करीब 260 भड़काऊ पोस्ट हटवाई हैं और 50 से अधिक लोगों को नोटिस जारी किए हैं। एसएसपी धर्मवीर सिंह ने बताया कि सोशल मीडिया पर भ्रामक संदेशों और अफवाहों को रोकने के लिए सायबर टीम को सक्रिय किया गया है।

उन्होंने कहा, “15 अक्टूबर को जिले में धारा 163 लागू है। बिना अनुमति कोई भी सभा, जुलूस या प्रदर्शन नहीं किया जा सकेगा। सोशल मीडिया पर नफरत फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”

जिला प्रशासन की शांति समिति बैठक

जिला कलेक्टर रुचिका चौहान और एसएसपी धर्मवीर सिंह ने शनिवार को शांति समिति की बैठक बुलाई, जिसमें 30 से अधिक प्रबुद्ध नागरिक, व्यापारी और जनप्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक में तय हुआ कि 15 अक्टूबर को कोई भी संगठन किसी प्रकार का प्रदर्शन या कार्यक्रम नहीं करेगा।

कलेक्टर चौहान ने निर्देश दिए, “राजस्व और पुलिस अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में संयुक्त भ्रमण करें। होटल, लॉज और सरायों की जांच करें। त्योहारों के समय शांति बनाए रखना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।”

उन्होंने यह भी कहा कि समिति के सदस्य भड़काऊ पोस्ट डालने वालों को व्यक्तिगत रूप से समझाएं ताकि कानून-व्यवस्था की स्थिति न बिगड़े।

बलवा और उपद्रव से निपटने के लिए पुलिस ने की मॉक ड्रिल

संभावित उपद्रव को देखते हुए बहोड़ापुर स्थित पुलिस लाइन में मॉक ड्रिल आयोजित की गई। इसमें एएसपी विदिता डागर, सुमन गुर्जर, जयराज कुबेर सहित शहर के सभी सीएसपी और थाना प्रभारी शामिल हुए। ड्रिल में पुलिस बल को दो पार्टियों में बांटकर बलवा की स्थिति में कार्रवाई का अभ्यास कराया गया।

इस दौरान पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और भीड़ नियंत्रण की रणनीति का परीक्षण किया। एक आरक्षक संतोष सिंह आंसू गैस के गोले के टुकड़े से घायल हो गए, जिनके माथे पर दो टांके आए हैं। एसएसपी ने सभी जवानों को निर्देश दिए कि वे बलवा किट वाहनों में रखें, उनकी सफाई और उपयोग का अभ्यास करें, ताकि किसी भी स्थिति में देर न हो।

पूर्व में क्या हुए विवाद?

11 मई को बार एसोसिएशन ने उस स्थान पर तिरंगा झंडा फहराया, जहां अंबेडकर प्रतिमा लगाने का प्रस्ताव था।जब पुलिस ने रोकने की कोशिश की, तो विवाद और धक्का-मुक्की की स्थिति बन गई। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद बार एसोसिएशन के अध्यक्ष पवन पाठक ने कहा, “हमने यह झंडा ऑपरेशन सिंदूर की याद में फहराया है। इसका किसी आंदोलन या विरोध से संबंध नहीं है।”

लेकिन दलित संगठनों ने इसे प्रतिमा स्थापना विरोधी कदम बताया था, जिससे तनाव और बढ़ गया।

प्रशासन की सख्त निगरानी

ग्वालियर प्रशासन ने कहा है, कानून व्यवस्था में किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरती जाएगी। शहर और ग्रामीण इलाकों में चौकसी बढ़ा दी गई है। संवेदनशील इलाकों में पुलिस की गश्त जारी है। कलेक्टर और एसपी ने जनता से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और आपसी सौहार्द बनाए रखें।

अब 15 अक्टूबर को ग्वालियर बन सकता है तनाव का केंद्र, धारा 163 लागू प्रशासन अलर्ट पर!
MP: सोशल मीडिया पोस्ट से भड़के मनुवादियों ने ओबीसी समुदाय के युवक से पैर धुलवाकर गंदे पानी को 'चरणामृत' मान पीने को किया मजबूर, ₹5100 जुर्माना वसूला!
अब 15 अक्टूबर को ग्वालियर बन सकता है तनाव का केंद्र, धारा 163 लागू प्रशासन अलर्ट पर!
MP: ग्वालियर में एडवोकेट अनिल मिश्रा की डॉ. अंबेडकर पर विवादित टिप्पणी पर प्रदेशभर में आक्रोश, भोपाल से काग्रेसियों ने फूंका पुतला।
अब 15 अक्टूबर को ग्वालियर बन सकता है तनाव का केंद्र, धारा 163 लागू प्रशासन अलर्ट पर!
MP: छिंदवाड़ा कफ सिरप कांड: तमिलनाडु की कंपनी के मालिक रंगनाथन गोविंदन 10 दिन की पुलिस रिमांड पर, SIT करेगी गहराई से जांच

द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.

The Mooknayak - आवाज़ आपकी
www.themooknayak.com