अहमदाबाद: गुजरात के जूनागढ़ में एक दलित युवक को बुरी तरह पीटा गया, लूट लिया गया और जान से मारने की धमकी दी गई। यह घटना पिछले 21 दिनों में दलितों के खिलाफ तीसरे जातिवादी अत्याचार के रूप में सामने आई है। घटना का वायरल वीडियो इस बात को दर्शाता है कि आज भी स्वतंत्रता के दशकों बाद समाज में जातिवाद की जड़ें गहरी हैं।
यह घटना 16 अगस्त की दोपहर हुई, जब पीड़ित युवक अपने एक मित्र से मिलने गया था। तभी एक लड़का उसके पास आया और मदद की गुहार लगाई क्योंकि उसके भाई को ले जाया जा रहा था। पीड़ित युवक और उसका मित्र लड़के के पीछे स्वामी विवेकानंद स्कूल के मैदान पहुंचे, जहां उन्हें यह समझ में आया कि यह एक जाल था।
मैदान में तीन उच्च जाति के युवकों ने युवक को घेर लिया और उसके बारे में पूछताछ की। जब युवक ने बताया कि वह कड़ियावाड़ का है, तो हिटेश नामक युवक और उसके दो अज्ञात साथी उसे जातिवादी गालियों से अपमानित करने लगे और बेल्ट और डंडों से बुरी तरह पीटा, जिससे युवक के शरीर पर गंभीर चोटें आईं।
हमलावरों ने युवक का मोबाइल फोन भी छीन लिया और पुलिस में शिकायत करने पर उसकी जान लेने की धमकी दी।
पीड़ित ने जूनागढ़ सिविल अस्पताल के लोगों से बताया कि, “उन्होंने मुझे बेल्ट और डंडे से मारा, मेरा फोन छीन लिया और जान से मारने की धमकी दी। आज मेरी बारी है, कल किसी और की हो सकती है। मैं केवल न्याय चाहता हूँ।”
पुलिस ने जूनागढ़ ए डिविजन थाने में भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। आरोपियों को पकड़ने के लिए अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं। डिप्टी एसपी हितेश ढांढलिया ने आश्वासन दिया कि “सख्त कानूनी कार्रवाई जल्द से जल्द की जाएगी।”
जूनागढ़ का यह हमला अकेला नहीं है। यह पिछले तीन हफ्तों में गुजरात में दलितों के खिलाफ तीसरा हमला है, जो दिखाता है कि जातिवाद आज भी हिंसा को बढ़ावा दे रहा है।
हर घटना समाज में समानता के वादे में एक दरार है और कमजोर समुदायों के लिए न्याय और सुरक्षा की तत्काल आवश्यकता का एक गंभीर संकेत।
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