
पटना- विश्व मानवाधिकार दिवस के अवसर पर बुधवार को बिहार की राजधानी पटना स्थित आदर्श केंद्रीय कारा, बेऊर के हाई सिक्योरिटी सेल में बंद 6 कैदियों ने एक दिवसीय भूख हड़ताल करने का ऐलान किया है। कैदी अपनी बुनियादी सुविधाओं और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए 6 प्रमुख मांगें रखेंगे। पत्रकार रूपेश कुमार सिंह ने मंगलवार को जेल से हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान पत्नी इप्सा शताक्षी को यह जानकारी दी। सिंह ने बताया कि जेल प्रशासन को 8 दिसंबर को ही लिखित आवेदन सौंप दिया गया था, लेकिन अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
हाई सिक्योरिटी सेल (गोलघर 2) में बंद ये कैदी लंबे समय से जेल की खराब व्यवस्था से जूझ रहे हैं। भूख हड़ताल में शामिल कैदियों में 73 वर्षीय बुजुर्ग प्रमोद मिश्रा, पत्रकार रूपेश कुमार सिंह, सुधीर भगत, अभ्यास भुइंया, अनिल यादव और राजेश गुप्ता शामिल हैं। रूपेश ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कहा, "जेल में मानवाधिकारों का सबसे बड़ा हनन हो रहा है। रोशनदान बंद होने से हवा का आवागमन रुक गया है, जिससे कमरों में लैट्रिन की बदबू और गैसें फंस जाती हैं। स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ रही हैं, क्योंकि कमरों में कोई खिड़की नहीं, सिर्फ लोहे का गेट है। जेल में लगभग 5000 बंदी पर केवल तीन एसटीडी बूथ है जिसमें एक खराब ही है। सौ बंदियों पर एक ही नल है जिससे कई बंदी लैट्रिन की शीट पर ही वहीं लगे नल से नहाने को मजबूर हो जाते हैं।"
इन मुद्दों को ध्यान में रखते हुए कैदियों ने निम्नलिखित छह मांगें रखी हैं:
1. बंदियों को जेल मैन्युअल की डाइट के अनुसार नाश्ता, खाना दिया जाए, कटौती न किया जाए एवं तेल,साबुन समेत दांत की सफाई के लिए दातुन या टूथपेस्ट दिया जाए।
2. बंदियों की समुचित इलाज की व्यवस्था कारा अस्पताल में किया जाए, यहाँ इलाज न हो पाने की स्थिती में कारा के बाहर के अस्पतालों में यथाशीघ्र ले जाया जाए, टाल-मटोल न किया जाए।
3. गोलघर 2 (हाई सिक्यूरिटी सेल) के तमाम डिग्रीयों (कमरों) में नहाने के लिए एक अलग से नल लगाया जाए।
4. बंदियों के अपने परिजनों,वकीलों एवं दूसरे जेलों में बंद केस पार्टनरों से पत्राचार की सुविधा जेल प्रशासन के खर्च पर उपलब्ध कराया जाए।
5. अपने अधिकारों के लिए आंदोलन करने वाले बंदियों को प्रशासनिक लगाकर कारा स्थानांतरण न किया जाए।
6. जेल में एसटीडी की सुविधा पर्याप्त नहीं है,इसलिए एसटीडी बूथ की संख्या बढ़ाई जाए एवं प्रतिदिन एसटीडी बूथ पर 10 मिनट बात करने की सुविधा प्रदान किया जाए।
रूपेश कुमार सिंह ने अपील की, "मानवाधिकार दिवस पर हमारी यह हड़ताल जेल व्यवस्था में सुधार की मांग है। हम चाहते हैं कि सरकार और मानवाधिकार संगठन हमारी आवाज सुनें।" जेल अधिकारियों ने अब तक कोई जवाब नहीं दिया है।
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