इंटरनेट पर वायरल वीडियो देख भावुक हो जाएंगे आप: एक लड़की ने शेयर किया पहला पीरियड अनुभव, 1.4 करोड़ से ज्यादा व्यूज!

परिवार का प्यार और सम्मान जीत लेगा दिल: समाज का बदलता नजरिया
सोशल मीडिया पर एक ऐसा ही वीडियो वायरल हो गया है, जिसमें एक किशोरीआयुषा ने अपने पहले पीरियड का जश्न परिवार के साथ मनाया।
सोशल मीडिया पर एक ऐसा ही वीडियो वायरल हो गया है, जिसमें एक किशोरीआयुषा ने अपने पहले पीरियड का जश्न परिवार के साथ मनाया।
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नई दिल्ली- एक समय था जब मासिक धर्म यानी पीरियड्स को taboo (वर्जित विषय ) माना जाता था। लड़कियां इसे परिवार में भी छिपाती थीं और समाज में शर्म व कलंक से जोड़ा जाता था। लेकिन Gen Z ने पितृसत्तात्मक सोच को तोड़ दिया है। टेक्नोलॉजी के सहयोग से आज लड़कियां अपनी महिला बनने की खुशी को न सिर्फ परिवार-दोस्तों के साथ, बल्कि पूरी दुनिया के साथ गर्व से शेयर कर रही हैं। हाल ही में सोशल मीडिया पर एक ऐसा ही वीडियो वायरल हो गया है, जिसमें एक किशोरीआयुषा ने अपने पहले पीरियड का जश्न परिवार के साथ मनाया। यह वीडियो न सिर्फ भावुक कर रहा है, बल्कि समाज में बदलते नजरिए को भी दर्शा रहा है।

इंस्टाग्राम पर आयुषा द्वारा पोस्ट किए गए इस वीडियो को अब तक 1 करोड़ से ज्यादा व्यूज मिल चुके हैं। वीडियो में आयुषा अपने घर के दरवाजे पर खड़ी नजर आ रही हैं, जबकि परिवार वाले उनके पहले पीरियड के सम्मान में एक रस्म निभा रहे हैं। जब परिवार की एक महिला पर्दा हटाती हैं तो पिता भावुक होकर आयुषा को गले लगा लेते हैं। परिवार के छोटे पुरुष सदस्य उनके पैरों पर पैसे रखकर सिर झुकाते हैं – यह एक प्रतीकात्मक सम्मान का इशारा है, जो महिला बनने की इस मील के पत्थर को उत्सव की तरह मनाता है। कैप्शन में लिखा है, "POV: Your family celebrates your first menstruation this way।"

वीडियो देखकर सोशल मीडिया यूजर्स की प्रतिक्रियाएं उमड़ पड़ी हैं।
वीडियो देखकर सोशल मीडिया यूजर्स की प्रतिक्रियाएं उमड़ पड़ी हैं।

वीडियो देखकर सोशल मीडिया यूजर्स की प्रतिक्रियाएं उमड़ पड़ी हैं। ज्यादातर लोग इसे सराहते हुए कह रहे हैं कि हर परिवार को इससे सीखना चाहिए। एक यूजर ने लिखा, "पूरी दुनिया के लिए सिर्फ एक शब्द – 'लर्न'।" दूसरे ने कहा, "यही तो सपोर्टिव फैमिली का मतलब है।" एक अन्य कमेंट में लिखा, "हर लड़की को ऐसा ही सम्मान मिलना चाहिए।

लेकिन इंटरनेट पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं भी हैं। कई महिलाओं ने अपने पुराने अनुभव साझा किए, जो विपरीत थे। एक यूजर ने लिखा, "मुझे अपना पहला पीरियड याद है। नौवीं क्लास में था, फोन भी नहीं था। मां ने कहा कमरे में बंद हो जाओ। बाद में पापा आए, गले लगाया और कहा कि तुम जो चाहो कर सकती हो। उस पल मुझे अपनी बेटी होने पर गर्व हुआ। उन्हें बहुत मिस करती हूं।" वहीं, एक अन्य ने बताया, "मेरी मां ने कहा था कि किसी से शेयर मत करना।" ये कहानियां बताती हैं कि कैसे समय के साथ सोच बदली है।

पिछले दो दशकों में मासिक धर्म अब निषिद्ध टोपिक नहीं रहा। जागरूकता अभियानों और सोशल मीडिया के जरिए लोग इसे सामान्य शारीरिक प्रक्रिया के रूप में स्वीकार करने लगे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे वीडियो न सिर्फ स्टिग्मा/ कलंक मिटाते हैं, बल्कि लड़कियों में आत्मविश्वास बढ़ाते हैं। आयुषा के एक अन्य रील में वह पीरियड के दौरान डांस प्रैक्टिस करते हुए बाधाओं का जिक्र करती नजर आ रही हैं, जो दिखाता है कि जश्न के साथ-साथ चुनौतियों को भी खुलकर बात करने की हिम्मत आ गई है।

यह वीडियो साबित करता है कि बदलाव आ रहा है। अब सवाल यह है, क्या हर परिवार ऐसी खुशी और सम्मान का हिस्सा बनेगा? अगर आपने यह वीडियो नहीं देखा, तो जल्दी देखें, यह न सिर्फ इमोशनल है, बल्कि प्रेरणादायक भी।

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