केरल : पुलिस थाने में गर्भवती महिला को थप्पड़ मारने वाला इंस्पेक्टर सस्पेंड, हाईकोर्ट के आदेश पर उजागर CCTV फुटेज ने खोली पोल!
कोच्चि- केरल के एर्नाकुलम नॉर्थ पुलिस स्टेशन में जून 2024 को गर्भवती महिला शैमोल एन.जे. को थप्पड़ मारने का मामला सुर्खियों में है। पुलिस ने महिला पर पुलिस थाने में अटैक करने और राजकार्य बाधित करने का झूठा केस बनाया था लेकिन सीसीटीवी फुटेज के सामने आने के बाद मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के आदेश पर अब आरोपी इंस्पेक्टर के.जी. प्रतापचंद्र को निलंबित कर दिया गया। पीड़िता की एक साल लंबी कानूनी लड़ाई के बाद केरल हाईकोर्ट ने फुटेज जारी करने का आदेश दिया, जिससे घटना की सच्चाई उजागर हुई और पूरे राज्य में पुलिस के प्रति आक्रोश फैल गया।
घटना का फ्लैशबैक: थाने में क्या हुआ?
20 जून 2024 को एर्नाकुलम नॉर्थ पुलिस स्टेशन में यह शर्मनाक घटना घटी। पीडिता शैमोल के पति बेंजो बेबी को पुलिस ने हिरासत में लिया था। बेंजो पर आरोप था कि उन्होंने पुलिसकर्मियों और नशे में धुत कुछ लोगों के बीच हुई मारपीट को मोबाइल पर रिकॉर्ड किया, जिससे राज कार्य बाधित हुआ। बेंजो को पांच दिनों के लिए जेल भेज दिया गया।
इसकी खबर मिलते ही छह महीने की गर्भवती शैमोल अपने छोटे छोटे दो जुड़वां बच्चों के साथ स्टेशन पहुंचीं। उन्होंने बताया कि पुलिस को पति की पिटाई करते देखकर उसने हस्तक्षेप किया। लेकिन इंस्पेक्टर प्रताप चंद्रा ने उन्हें सीने पर धक्का दिया और जोरदार थप्पड़ जड़ दिया। CCTV में साफ दिखता है कि एक महिला कांस्टेबल ने भी शैमोल को थप्पड़ मारा, जबकि अन्य पुलिसकर्मी इंस्पेक्टर को रोकते नजर आते हैं।
शैमोल ने मीडिया से कहा, "मैंने सिर्फ सवाल पूछा था कि मेरे पति को क्यों पीटा जा रहा है। मेरे हाथ में बच्चे थे, कोई हथियार नहीं। फिर भी उन्होंने मुझे 'ड्रामा' बंद करने को कहा और थप्पड़ मार दिया।" पुलिस का दावा है कि शैमोल ने स्टेशन में हंगामा मचाया और एक कांस्टेबल पर हमला किया, लेकिन फुटेज इससे उलट कहानी बयान करता है।
घटना के बाद दंपति ने मुख्यमंत्री और डीजीपी डॉ. एस.जे. रवाड़ा को शिकायत की। लेकिन स्पेशल ब्रांच की रिपोर्ट में प्रताप को क्लीन चिट मिल गई। निराश शैमोल ने एर्नाकुलम चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट कोर्ट में जांच और इंस्पेक्टर की बर्खास्तगी की मांग की। मामला हाईकोर्ट पहुंचा जहां फुटेज जारी करने का आदेश आया जो अब वायरल हो गया है। वायरल वीडियो ने सोशल मीडिया पर तूफान मचा दिया।
मुख्यमंत्री ने जनाक्रोश के बाद तुरंत निलंबन का निर्देश दिया। प्रताप उस वक्त अरूर पुलिस स्टेशन के SHO थे। शैमोल ने कहा, "हम लड़ाई जारी रखेंगे। इंस्पेक्टर को नौकरी से हटाना ही काफी नहीं, सख्त सजा होनी चाहिए।"
फुटेज सामने आने के बाद काक्कानाड से एक अन्य पीडित रिनीश ने भी पुलिस इन्स्पेक्टर की बर्बरता के विरुद्ध आवाज उठाई। अप्रैल 2023 में एर्नाकुलम नॉर्थ ब्रिज के नीचे सो रहे रिनीश को प्रताप ने लाठी से पीटा और थप्पड़ मारा। रिनीश ने बताया, "सवाल करने पर उन्होंने कहा, 'काक्कानाड का आदमी यहां क्या कर रहा है?' फिर पिटाई की और शिकायत करने पर उल्टा केस की धमकी दी।" उन्होंने डीजीपी, पुलिस कम्प्लेंट अथॉरिटी और ह्यूमन राइट्स कमीशन से गुहार लगाई थी।
लोकसभा में विपक्ष के नेता वी.डी. सतीशन ने मुद्दे को लेकर पोस्ट करते हुए मुख्यमंत्री को घेरा। उन्होंने इसे "केरल पुलिस की बर्बरता का नग्न चेहरा" बताया।सतीशन ने इस मामले की तृशूर के यूथ कांग्रेस नेता सुजीत पर हमले से तुलना करते हुए कहा, "गर्भवती महिला को थाने में थप्पड़? एक साल बाद फुटेज आया, क्योंकि पीड़िता ने हाईकोर्ट तक लड़ाई लड़ी, महिलाओं की सुरक्षा कहां गया"?
उन्होंने आरोप लगाया कि "गृह मंत्री के रूप में करीब साढ़े नौ सालों से विजयन के राज में पुलिस पर माफिया का कब्जा है। अपराधी पुलिसकर्मी सेवा में बने रहते हैं। एक डीआईजी तो कुख्यात अपराधी कोडि सुनी से रिश्वत लेने के बावजूद पद पर है। सख्त कार्रवाई हो, वरना यह लोकतंत्र का अपमान है।"
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