
छोटा उदयपुर: गुजरात पुलिस ने छोटा उदयपुर जिले से एक 31 वर्षीय आदिवासी युवक को गिरफ्तार किया है। उस पर आरोप है कि उसने एक इंस्टाग्राम रील के जरिए मारे गए शीर्ष नक्सली कमांडर मडवी हिडमा की तारीफ की और उसे ‘स्वतंत्रता सेनानी’ बताया। पुलिस का कहना है कि इस कृत्य से भारत की संप्रभुता खतरे में पड़ गई है।
क्या है पूरा मामला?
आरोपी की पहचान कवांट तालुका के रहने वाले परेश राठवा (31) के रूप में हुई है। यह गिरफ्तारी तब हुई जब आंध्र प्रदेश पुलिस के एक ऑपरेशन में नक्सली कमांडर हिडमा के मारे जाने के करीब एक महीने बाद राठवा ने कथित तौर पर यह रील पोस्ट की। पुलिस के मुताबिक, राठवा ने इस हफ्ते की शुरुआत में यह विवादित वीडियो बनाया था, जिसके बाद बुधवार को उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस की सोशल मीडिया पर थी पैनी नजर
छोटा उदयपुर स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (SOG) की टीम लगातार सोशल मीडिया गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि एसओजी (SOG) फेसबुक, इंस्टाग्राम, स्नैपचैट और व्हाट्सएप पर इन्फ्लुएंसर्स के अकाउंट्स को स्कैन कर रही थी। इसी दौरान मंगलवार को उनकी नजर राठवा की पोस्ट पर पड़ी। कवांट पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर के अनुसार, आरोपी ने 25 नवंबर को यह रील पोस्ट की थी।
एसपी ने दी सख्त चेतावनी
बुधवार को मामले की जानकारी देते हुए छोटा उदयपुर के जिला पुलिस अधीक्षक (SP) इम्तियाज शेख ने कहा, “परेश राठवा ने इंस्टाग्राम पर एक रील पोस्ट की थी जिसमें उसने हिडमा को स्वतंत्रता सेनानी बताया और आदिवासी लोगों को नक्सली होने की बात कही। यह पोस्ट देश की संप्रभुता को चुनौती देने वाली थी और आंतरिक एकता व सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर रही थी। इसका उद्देश्य समुदायों के बीच कलह पैदा करना भी था। हमने इसका संज्ञान लिया है और एसओजी पुलिस निरीक्षक ने आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उसे औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया है। आगे की कानूनी प्रक्रिया जारी है।”
इसके साथ ही, एसपी शेख ने आदिवासी युवाओं को सोशल मीडिया के दुष्प्रभावों के प्रति आगाह किया। उन्होंने कहा, “आदिवासी युवाओं के लिए मेरा संदेश है कि वे सोशल मीडिया की चकाचौंध, लाइक्स और फॉलोअर्स के चक्कर में न पड़ें और बिना सत्यापन के रील पोस्ट न करें। ऐसी रील पोस्ट करके आप कानून की नजर में अपराधी बन सकते हैं। कोई भी पोस्ट या कमेंट करने से पहले हमेशा तथ्यों की जांच करें, अन्यथा आप गंभीर कानूनी मुसीबत में फंस सकते हैं।”
इन धाराओं के तहत हुई कार्रवाई
आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की कई गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। एफआईआर में शामिल धाराओं में शामिल है- धारा 152: भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालना (इसमें भाषण, लेखन, इलेक्ट्रॉनिक माध्यम या वित्त के जरिए अलगाव, सशस्त्र विद्रोह और अलगाववादी गतिविधियों को शामिल किया गया है)। धारा 192: दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर उकसाना। धारा 196(1)(a): धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा या समुदाय के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य, शत्रुता या घृणा को बढ़ावा देना। धारा 196(1)(b): ऐसा कोई भी कार्य जो विभिन्न धार्मिक, नस्लीय या भाषाई समूहों के बीच सद्भाव बनाए रखने के प्रतिकूल हो और जिससे सार्वजनिक शांति भंग होने की आशंका हो। धारा 197(1)(d): गलत या भ्रामक जानकारी प्रकाशित करना जिससे भारत की संप्रभुता, एकता, अखंडता या सुरक्षा को खतरा हो।
द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.