उरई (जालौन): देश भर में जहाँ संविधान लागू होने के 76 साल पूरे होने पर संविधान दिवस मनाया जा रहा है, वहीं बुंदेलखंड में युवाओं के व्यापक अभियान 'युवा दस्तक' ने अपने सफर के 3 साल पूरे कर लिए हैं। इस विशेष अवसर पर युवा दस्तक की टीम ने दह्गुवां गाँव स्थित डॉ. अंबेडकर पार्क में संविधान दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया।
युवा दस्तक के संस्थापक और संयोजक कुलदीप कुमार बौद्ध ने बताया कि 3 साल पहले युवाओं ने 25 साल के विजन (2022-2047) के साथ इस अभियान की शुरुआत की थी। अभियान की तीसरी वर्षगांठ पर युवाओं ने एक बड़ा संकल्प लिया है। इसके तहत देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्य न्यायाधीश, सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, राज्यपाल, सांसदों, विधायकों और अन्य जनप्रतिनिधियों को पत्र भेजा जाएगा। इन पत्रों के माध्यम से उनसे संवैधानिक मूल्यों पर आधारित भारत बनाने का वचन और वादा लिया जाएगा।
जागरूकता रैली और संविधान की प्रस्तावना का पाठ
कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. अंबेडकर पार्क में वृक्षारोपण के साथ हुई। इसके बाद युवाओं ने पूरे गाँव में संविधान जागरूकता रैली निकाली। रैली के समापन पर संविधान सभा और बाबा साहब डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया और सभी ने सामूहिक रूप से संविधान की प्रस्तावना का पाठ किया। इस दौरान उपस्थित युवाओं ने संवैधानिक मूल्यों पर आधारित भारत के निर्माण का संकल्प लिया।
बेरोजगारी, पलायन और महिला सुरक्षा पर हुई चर्चा
कार्यक्रम के दौरान आयोजित 'संविधान सभा' में अलग-अलग पैनल में गंभीर मुद्दों पर चर्चा की गई। चर्चा में एडवोकेट रश्मि वर्मा, एडवोकेट निकहत परवीन, अनिता, ऊषा देवी और अन्य वक्ताओं ने पितृसत्ता, महिला हिंसा और दहेज जैसे मुद्दों को उठाया। निकहत परवीन ने मुस्लिम महिलाओं के मुद्दों को रखा, तो वहीं रश्मि वर्मा ने न्याय तक पहुँच और जीवन में संविधान के महत्व पर प्रकाश डाला।
युवा लीडर आयुष उर्फ़ गुड्डू भैया ने कहा कि आज युवा बड़े पैमाने पर बेरोजगार हैं और भटक रहे हैं। वहीं, टिंकू और सचिन चौधरी ने युवाओं के पलायन और पढ़ाई करने वाले छात्रों की स्कॉलरशिप का मुद्दा जोर-शोर से उठाया।
देबेन्द्र, ऊषा, सुरेंद्र, अनिता और प्रदीप ने जोर देकर कहा कि हमें घर-घर तक संविधान पहुँचाना होगा।
कार्यक्रम में गंगाराम अध्यापक सहित कई प्रमुख बुद्धिजीवियों ने चिंता व्यक्त की कि आज संवैधानिक मूल्यों का हनन हो रहा है, ऐसे में इन्हें बचाने और स्थापित करने पर जोर देना समय की मांग है। वक्ताओं ने कहा कि 'युवा दस्तक' युवाओं को संविधान के प्रति जागरूक करने की एक अहम पहल है।
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