लखीमपुर खीरी: साल 2021 के चर्चित लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में एक नया मोड़ आ गया है। इस मामले के एक अहम गवाह को कथित तौर पर धमकाने के आरोप में पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री और बीजेपी नेता अजय मिश्रा टेनी, उनके बेटे आशीष मिश्रा और दो अन्य लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है कि यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के कड़े रुख के बाद हुई है।
यह मामला तब तूल पकड़ा जब इसी साल अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस को कड़ी फटकार लगाई थी। दरअसल, मामले के एक गवाह ने अगस्त 2023 में ही शिकायत दर्ज कराई थी कि उसे केस में गवाही न देने के लिए धमकाया जा रहा है, लेकिन पुलिस ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की थी। सुप्रीम कोर्ट ने इसी निष्क्रियता को लेकर यूपी पुलिस की खिंचाई की थी, जिसके बाद अब यह FIR दर्ज की गई है।
आपको बता दें कि 2021 में केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान लखीमपुर खीरी में हिंसा भड़क उठी थी। आरोप है कि आशीष मिश्रा के नाम पर रजिस्टर्ड एक महिंद्रा थार गाड़ी ने प्रदर्शन कर रहे किसानों को कुचल दिया था, जिसमें चार किसानों और एक पत्रकार की दर्दनाक मौत हो गई थी। इसके बाद भड़की हिंसा में दो बीजेपी नेताओं और थार के ड्राइवर की भी जान चली गई थी। इस मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा फिलहाल जमानत पर बाहर है।
पुलिस के अनुसार, यह मामला शनिवार को पदुवा पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया है। इसमें अजय मिश्रा, आशीष मिश्रा, अमनदीप सिंह और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 195-A (झूठी गवाही के लिए किसी व्यक्ति को धमकाना), 506 (आपराधिक धमकी) और 120-B (आपराधिक साजिश) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। लखीमपुर खीरी के पुलिस अधीक्षक (SP) संकल्प शर्मा ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
शिकायतकर्ता बलजिंदर सिंह ने दावा किया है कि वह उन प्रदर्शनकारी किसानों में से थे जो गाड़ी की चपेट में आने से घायल हुए थे। उनका बयान पुलिस और मजिस्ट्रेट दोनों ने दर्ज किया था।
बलजिंदर ने आरोप लगाया कि 16 अगस्त, 2023 को जब उन्हें अदालत में गवाही देने के लिए जाना था, उससे ठीक पहले अमनदीप सिंह और एक अन्य व्यक्ति, जो कथित तौर पर अजय मिश्रा का करीबी है, उनके घर आए। उन्होंने बलजिंदर पर गवाही न देने का दबाव बनाया, पैसे का लालच दिया और गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी भी दी। शिकायतकर्ता ने यह भी दावा किया है कि उन्होंने इन दोनों व्यक्तियों के साथ हुई बातचीत को अपने फोन में रिकॉर्ड कर लिया था।
बलजिंदर ने बताया कि इस घटना के बाद वह और उनका परिवार इतना डर गए कि उन्हें अपना गांव छोड़कर ससुराल में रहना पड़ रहा है और उन्होंने अपनी पूरी जमीन पट्टे पर दे दी है। गौरतलब है कि 2021 की लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में दो क्रॉस-FIR तिकोनिया पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थीं और दोनों ही मामलों में ट्रायल चल रहा है।
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