झारखंड स्थापना दिवस की तैयारियां तेज: बिरसा मुंडा के समाधि स्थल और जेल पार्क की बदल रही सूरत, रांची में विशेष सफाई अभियान

15 नवंबर को मनाए जाने वाले झारखंड स्थापना दिवस और जनजातीय गौरव दिवस के लिए राजधानी तैयार, रांची नगर निगम ने शहीद स्थलों के सौंदर्यीकरण के लिए झोंकी ताकत।
Jharkhand Foundation Day
Jharkhand Foundation Day: 15 नवंबर के लिए रांची तैयार, बिरसा मुंडा स्मारकों का हुआ कायाकल्प(IANS)
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रांची: झारखंड आगामी 15 नवंबर को अपना स्थापना दिवस मनाने के लिए तैयार है। यह दिन इसलिए भी खास है क्योंकि इसी दिन 'धरती आबा' भगवान बिरसा मुंडा की जयंती भी है, जिसे पूरा देश 'जनजातीय गौरव दिवस' के रूप में मनाता है। इस महत्वपूर्ण अवसर को देखते हुए राजधानी रांची में सौंदर्यीकरण का काम नए सिरे से शुरू हो गया है।

रांची नगर निगम (आरएमसी) के अपर प्रशासक संजय कुमार ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सभी तैयारियां समय पर पूरी कर ली जाएं और इसके लिए अन्य विभागों के साथ बेहतर तालमेल रखा जाए। उन्होंने जोर देते हुए कहा, "हमारी हर गतिविधि में झारखंड के 25वें स्थापना वर्ष का उत्साह झलकना चाहिए। साफ-सफाई, रोशनी और आम लोगों की सुविधाओं का स्तर बेहतरीन होना चाहिए, ताकि यहां आने वाले नागरिकों और मेहमानों को एक सुखद और स्वागतयोग्य वातावरण मिल सके।"

शहीद स्थलों का हो रहा कायाकल्प

नगर निगम ने भगवान बिरसा मुंडा की विरासत से जुड़े प्रमुख स्थलों के जीर्णोद्धार और सफाई के लिए विशेष अभियान छेड़ा है। कोकर स्थित बिरसा मुंडा समाधि स्थल, जहां इस महान आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी की अस्थियां संरक्षित हैं, और जेल पार्क स्थित उनकी प्रतिमा, जो ब्रिटिश शासन के खिलाफ उनके संघर्ष का प्रतीक है, दोनों जगहों की सूरत बदली जा रही है।

कोकर समाधि स्थल पर आरएमसी के कर्मचारी प्रतिमा और चहारदीवारी को नया रंग-रोगन दे रहे हैं। स्मारक पट्टिका को पॉलिश कर चमकाया जा रहा है और आसपास की सड़कों से कचरे का ढेर हटाया जा रहा है। जीर्णोद्धार कार्य में लगे निगम कर्मी अजय प्रसाद ने बताया, "हम उच्च गुणवत्ता वाले पेंट और सुरक्षात्मक कोटिंग का उपयोग कर रहे हैं ताकि यह लंबे समय तक सुरक्षित रहे।"

पार्कों में विशेष सफाई और छंटाई

जेल पार्क में भी इसी तरह का काम चल रहा है। वहां प्रतिमा और उसके आसपास के क्षेत्र की गहन सफाई के साथ-साथ पेड़ों की छंटाई भी की जा रही है। आरएमसी के माली सुनील उरांव ने बताया, "फुटपाथ और बिजली के तारों के पास पेड़ों की डालियां काफी फैल गई थीं। हम उन्हें ट्रिम कर रहे हैं और वहां जमा मलबे को साफ कर रहे हैं।"

स्थानीय लोगों में भी इन तैयारियों को लेकर उत्साह है। कोकर की निवासी प्रतिमा एक्का ने कहा, "भगवान बिरसा मुंडा का योगदान झारखंड की पहचान को परिभाषित करता है। उनके जन्मदिन और राज्य स्थापना दिवस से पहले इन स्मारकों की इतनी देखभाल होते देखना अच्छा लग रहा है।"

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