
नई दिल्ली: गुवाहाटी में रविवार को आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में, इंडीजीनस ट्राइबल साहित्य सभा, असम (ITSSA) ने राज्य सरकार के उस प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया है जिसमें छह गैर-आदिवासी समुदायों को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की सिफारिश की गई है। बोडोलैंड गेस्ट हाउस में हुई केंद्रीय कार्यकारी समिति की इस बैठक में एक प्रस्ताव पारित कर साफ किया गया कि असम कैबिनेट का ऐसा कोई भी फैसला स्वीकार नहीं किया जाएगा जो मौजूदा मूल निवासी आदिवासी समुदायों के संवैधानिक अधिकारों को कमजोर करता हो।
ITSSA ने स्पष्ट किया है कि छठी अनुसूची और उसके बाहर की स्वायत्त परिषदों के तहत आदिवासी समुदायों को मिले विशेषाधिकारों पर आंच आने वाली किसी भी नीति को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। संगठन ने यह भी संकल्प लिया कि वे इस मुद्दे पर राज्य के अन्य आदिवासी संगठनों के साथ मिलकर संघर्ष करेंगे।
बैठक में 10 नवंबर, 2025 को कामरूप (मेट्रो) जिले के सोनापुर में होने वाली विशाल आदिवासी जागरूकता रैली में भाग लेने की भी पुष्टि की गई। यह रैली ट्राइबल ऑर्गेनाइजेशन्स ऑफ असम (CCTOA) की समन्वय समिति द्वारा आयोजित की जा रही है, जिसका उद्देश्य आदिवासियों के अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाना और एकजुटता प्रदर्शित करना है।
इस बैठक में बोडो, कार्बी, राभा, देउरी, गारो और डिमासा साहित्य सभाओं सहित कई प्रमुख आदिवासी साहित्यिक निकायों के प्रतिनिधि और पदाधिकारी मौजूद थे।
द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.