180 साल की सजा! मां ने प्रेमी से करवाया बेटी का शोषण, बच्ची को कहा- "तुम्हारे दिमाग में लगाया हिडन कैमरा, किसी को बताओगी तो..."

केरल में POCSO कोर्ट ने सुनाई 180 साल की सजा, 40 साल काटनी होगी जेल!
समाज में माँ को ईश्वर के समान माना जाता है, लेकिन इस केस में एक कलुषित माँ ने न सिर्फ अपनी मातृत्व की गरिमा को धूमिल किया, बल्कि अपनी ही बेटी के साथ हो रही अमानवीय यातना को बढ़ावा दिया।
समाज में माँ को ईश्वर के समान माना जाता है, लेकिन इस केस में एक कलुषित माँ ने न सिर्फ अपनी मातृत्व की गरिमा को धूमिल किया, बल्कि अपनी ही बेटी के साथ हो रही अमानवीय यातना को बढ़ावा दिया।इन्टरनेट
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मलप्पुरम- केरल के मलप्पुरम जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जो रोंगटे खड़े कर देने वाला है। जिले के मंजेरी में एक पॉक्सो (POCSO) अदालत ने एक 12 वर्षीय बच्ची के साथ यौन शोषण के मामले में आरोपियों को 180-180 वर्ष की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 11.75 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। हैरान करने वाला पहलू यह है कि इन आरोपियों में पीड़िता की अपनी माँ और उसका प्रेमी शामिल हैं।

प्रकरण के अनुसार पीड़िता की माँ ने अपने पति को छोड़कर 2019 में अपने प्रेमी के साथ रहना शुरू किया और अपनी 11-12 साल की बेटी को भी साथ ले गई। घटना की शुरुआत दिसंबर 2019 से नवंबर 2020 के बीच अनमंगाड़ू में एक किराए के घर से हुई, जहाँ पीड़ित बच्ची को लगभग एक साल तक यातनाएँ झेलनी पड़ीं।

इसके बाद अगले एक साल तक यह सिलसिला वल्लिक्कपट्टा के एक अन्य घर में चला। अदालत में यह बात साबित हुई कि दोनों आरोपियों ने बच्ची को शराब पिलाकर और उसे अश्लील वीडियो दिखाकर उसका यौन शोषण किया। मामला तब और गंभीर हो गया जब पता चला कि पीड़िता की माँ ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर नाबालिग बच्ची को अपने साथ लेकर तिरुवनंतपुरम से मलप्पुरम के लिए भाग गई थी। वहाँ एक किराए के कॉटेज में रहकर माँ की सहमति और सहायता से उसके प्रेमी ने न सिर्फ बच्ची के साथ बलात्कार किया, बल्कि उससे जबरन ओरल सेक्स भी करवाया।

समाज में माँ को ईश्वर के समान माना जाता है, लेकिन इस केस में एक कलुषित माँ ने न सिर्फ अपनी मातृत्व की गरिमा को धूमिल किया, बल्कि अपनी ही बेटी के साथ हो रही अमानवीय यातना को बढ़ावा दिया।
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अभियोजन पक्ष के अनुसार मुख्य आरोपी ने बच्ची के मन में गहरा डर बिठाने के लिए एक डरावनी चाल चली। उसने बच्ची को यह विश्वास दिलाया कि उसके सिर में एक 'छिपा हुआ कैमरा' लगा दिया गया है और अगर उसने किसी को भी इस शोषण के बारे में बताने की कोशिश की, तो वह तुरंत पकड़ी जाएगी। इस धमकी के कारण बच्ची दो लंबे वर्षों तक इस नर्क को सहती रही और किसी से कुछ कहने की हिम्मत नहीं कर पाई। यह भी पता चला कि दोनों आरोपी बच्ची की मौजूदगी में ही आपस में यौन संबंध बनाते थे, जिससे POCSO अधिनियम और किशोर न्याय अधिनियम के गंभीर प्रावधान लागू हुए।

अदालत ने भारतीय दंड संहिता (IPC), किशोर न्याय अधिनियम और POCSO अधिनियम की कई धाराओं के तहत दोनों आरोपियों को दोषी ठहराया। सजा के तौर पर उन्हें विभिन्न धाराओं के तहत मिली सजाओं का योग 180 वर्ष बैठता है, लेकिन न्यायिक प्रक्रिया के नियमानुसार ये सभी सजाएं एक साथ यानी समवर्ती रूप से चलेंगी। इसका सीधा अर्थ यह है कि दोनों आरोपियों को वास्तव में जेल में केवल 40 वर्ष का कारावास भोगना होगा। अभियोजन पक्ष ने स्पष्ट किया कि जुर्माने की राशि अदालत द्वारा पीड़ित लड़की को मुआवजे के रूप में प्रदान की जाएगी, जो उसके भविष्य के पुनर्वास में सहायक होगी। दोनों दोषियों को उनकी सजा काटने के लिए तवानूर जेल भेजने का आदेश दिया गया है।

समाज में माँ को ईश्वर के समान माना जाता है, लेकिन इस केस में एक कलुषित माँ ने न सिर्फ अपनी मातृत्व की गरिमा को धूमिल किया, बल्कि अपनी ही बेटी के साथ हो रही अमानवीय यातना को बढ़ावा दिया।
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समाज में माँ को ईश्वर के समान माना जाता है, लेकिन इस केस में एक कलुषित माँ ने न सिर्फ अपनी मातृत्व की गरिमा को धूमिल किया, बल्कि अपनी ही बेटी के साथ हो रही अमानवीय यातना को बढ़ावा दिया।
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