भोपाल। मध्य प्रदेश की निवासी स्विट्ज़रलैंड में रह रही पीएचडी स्कॉलर डॉ. रोहिणी घावरी ने नगीना से सांसद और भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद पर गंभीर आरोप लगाए हैं। रोहिणी का कहना है कि चंद्रशेखर ने शादी का झांसा देकर उनका शोषण किया और जब उन्होंने आवाज उठाई तो पुलिस और सिस्टम ने उनका साथ नहीं दिया। हालात इतने बिगड़ गए कि रोहिणी ने सोशल मीडिया पर आत्महत्या की धमकी दे डाली। वहीं उनके माता-पिता ने भी साफ कहा है कि अगर बेटी को न्याय नहीं मिला तो पूरा परिवार संसद भवन के सामने आत्महत्या करेगा।
रोहिणी की मां नूतन घावरी ने स्थानीय समाचार पत्र दैनिक भास्कर से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महिलाओं का सम्मान करने की बात करते हैं, लेकिन हमारी बेटी को न्याय नहीं मिला। उन्होंने बताया कि बेटी के मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय और दिल्ली पुलिस से कई बार शिकायत की गई, लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं की जा रही। उनका कहना है कि अगर इसी तरह चुप्पी रही तो परिवार मजबूर होकर संसद भवन के सामने सामूहिक आत्महत्या करेगा।
रोहिणी के पिता शिव घावरी ने कहा कि बेटी ने स्विट्ज़रलैंड से ही ट्वीट कर अपनी पीड़ा जताई और यहां तक कह दिया था कि वह अपनी जान दे देगी। इस डर से परिवार तुरंत सक्रिय हुआ। शिव घावरी खुद दिल्ली पुलिस कमिश्नर से मिले, लेकिन उन्हें यही जवाब मिला कि शिकायत दर्ज कराने के लिए रोहिणी को खुद आना पड़ेगा। इसी वजह से वह अगस्त में भारत लौटीं, लेकिन उसके बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
पिता शिव घावरी ने खुलासा किया कि साल 2022 में चंद्रशेखर उनके घर आया था। उस दौरान उसने उन्हें भीम आर्मी का प्रदेश अध्यक्ष बनाने का लालच दिया। लेकिन चूंकि वे कांग्रेस से राजनीति करते रहे हैं, इसलिए उन्होंने मना कर दिया। इसके बाद परिवार को पता चला कि चंद्रशेखर और रोहिणी एक-दूसरे के करीब आ चुके हैं और शादी की बात हो रही है। मगर बाद में यह खुलासा हुआ कि चंद्रशेखर पहले से शादीशुदा हैं।
बीते दिनों रोहिणी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लगातार पोस्ट करते हुए चंद्रशेखर पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने एक पोस्ट में लिखा कि चंद्रशेखर ने उनका जीवन बर्बाद कर दिया और अब वह अपनी पत्नी व बच्चों के साथ खुशियां मना रहे हैं। रोहिणी ने लिखा- “आज तेरे नाम पर जहर खाऊंगी, तूने मुझे खत्म कर दिया।”
एक अन्य पोस्ट में रोहिणी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पीएमओ को टैग करते हुए कहा - “मेरी लाश भारत मत लाना। किसी ने मेरी आवाज नहीं सुनी। यह पूरा सिस्टम सिर्फ ताकतवर लोगों को सुनता है, गरीब और दलित बेटियों की आवाज नहीं।”
इससे तीन दिन पहले भी उन्होंने पीएम को टैग करते हुए कहा था कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिला तो यह मोदी सरकार के कार्यकाल का सबसे बड़ा कलंक होगा कि एक वाल्मीकि दलित बेटी संयुक्त राष्ट्र (UN) के मंच से आत्महत्या करने को मजबूर हो रही है।
रोहिणी के आरोपों के बाद सांसद चंद्रशेखर आजाद रावण की ओर से कानूनी जवाब भी सामने आया। उनके वकील की तरफ से 9 सितंबर को रोहिणी को मानहानि का नोटिस भेजा गया। इसमें उनके सोशल मीडिया पोस्टों का हवाला देते हुए कहा गया है कि लगाए गए आरोप झूठे हैं और इनसे सांसद की छवि को नुकसान पहुंचा है। अब घावरी परिवार भी इस नोटिस का जवाब तैयार कर रहा है।
मीडिया से बातचीत में रोहिणी ने बताया कि वे कई बार दिल्ली पुलिस कमिश्नर से मिलीं और सभी सबूत सौंपे। लेकिन उन्हें हर बार यही जवाब मिला कि “ऊपर से आदेश नहीं है, इसलिए एफआईआर नहीं हो सकती।” रोहिणी ने कहा कि यह स्थिति बेहद अपमानजनक और निराशाजनक है।
उन्होंने कहा- “हमारे देश में पीड़िता को तब तक कोई नहीं सुनता जब तक वह आत्महत्या का प्रयास न करे। जब तक मैं जहर न खा लूं, शायद तब तक कोई कार्रवाई नहीं होगी।”
द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.