
भोपाल। मध्यप्रदेश के जबलपुर स्थित जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय से शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। विश्वविद्यालय में पदस्थ एक अपर डिवीजन क्लर्क (यूडीसी) और एक प्यून ने नौकरी दिलाने का झांसा देकर 22 वर्षीय युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। पुलिस ने दोनों आरोपियों यूडीसी दुर्गाशंकर सिंगरहा (58) और प्यून मुकेश सेन को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
पीड़िता के अनुसार, करीब 20 दिन पहले उसे सोशल मीडिया के माध्यम से विश्वविद्यालय में संविदा भर्ती की जानकारी मिली। जानकारी मिलने पर उसने विश्वविद्यालय कार्यालय से संपर्क किया, जहां उसकी बात यूडीसी दुर्गाशंकर सिंगरहा से हुई। आरोपी ने उससे शैक्षणिक दस्तावेज मंगवाए और खुद को कुलगुरु का करीबी बताते हुए नौकरी लगवाने का भरोसा दिलाया। भरोसे में लेने के लिए उसने बार-बार इंटरव्यू और प्रक्रिया की बात कही।
पीड़िता ने पुलिस को बताया कि 25 दिसंबर क्रिसमस के अवकाश के दिन आरोपी ने उसे इंटरव्यू के बहाने विश्वविद्यालय परिसर स्थित कृषि नगर कॉलोनी बुलाया। वहां से उसे प्यून मुकेश सेन के घर ले जाया गया। आरोप है कि घर पहुंचते ही मुकेश ने कमरे का दरवाजा बाहर से बंद कर दिया, जिसके बाद दुर्गाशंकर ने युवती के साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता का आरोप है कि यह पूरी वारदात पूर्व-नियोजित थी।
घटना के अगले दिन पीड़िता आधारताल थाने पहुंची और आपबीती सुनाई। पुलिस ने तत्काल एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की। थाना प्रभारी आधारताल, प्रवीण कुमरे के अनुसार, दोनों आरोपियों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म की धाराओं में मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने छापेमारी कर दोनों को उनके घर से गिरफ्तार कर लिया। शुक्रवार को आरोपियों के बयान दर्ज किए गए और उन्हें कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया।
घटना के सामने आने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। कर्मचारियों द्वारा पद और पहचान का दुरुपयोग कर युवतियों को फंसाने की आशंका ने सुरक्षा व्यवस्था और आंतरिक निगरानी पर भी प्रश्नचिह्न लगा दिए हैं। सोशल मीडिया पर नौकरी के नाम पर फैल रही अफवाहों और फर्जी सूचनाओं को लेकर भी चिंता जताई जा रही है।
पुलिस का कहना है कि मामले की गहराई से जांच की जा रही है यह भी देखा जा रहा है कि कहीं और लोग तो इसमें शामिल नहीं थे, और क्या इसी तरह की घटनाएं पहले भी हुई हैं। पीड़िता को हरसंभव कानूनी सहायता और सुरक्षा देने का भरोसा दिलाया गया है। प्रशासनिक स्तर पर भी जांच की मांग तेज हो गई है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।
द मूकनायक से बातचीत में कांग्रेस प्रवक्ता रोशनी यादव ने कहा कि भाजपा सरकार में कानून का डर पूरी तरह खत्म हो गया है। प्रदेश में आए दिन महिलाओं के साथ गंभीर घटनाएं सामने आ रही हैं, लेकिन सरकार अपराध रोकने में नाकाम साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि जब सरकारी संस्थानों तक में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं, तो आम जनता की सुरक्षा का अंदाजा लगाया जा सकता है।
रोशनी यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार सिर्फ कागजी कानून-व्यवस्था का दावा करती है, जबकि जमीनी हकीकत इसके ठीक उलट है। उन्होंने मांग की कि इस मामले में आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए और सरकार महिलाओं की सुरक्षा को लेकर जवाबदेही तय करे, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
मध्य प्रदेश लंबे समय से महिलाओं के खिलाफ अपराधों, खासकर दुष्कर्म के मामलों में देशभर में चर्चा का विषय बना रहा है। वर्ष 2023 में भी स्थिति बहुत बेहतर नहीं रही। एनसीआरबी की रिपोर्ट बताती है कि प्रदेश दुष्कर्म की घटनाओं में देशभर में तीसरे स्थान पर रहा। यहां एक साल के भीतर 2,979 मामले दर्ज हुए। राजस्थान 5,078 घटनाओं के साथ सबसे ऊपर रहा, जबकि उत्तर प्रदेश में 3,516 मामले सामने आए।
यह आंकड़े साफ दिखाते हैं कि प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा अब भी बड़ी चुनौती बनी हुई है। हालाँकि सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई योजनाएं और हेल्पलाइन नंबर शुरू किए हैं, लेकिन ज़मीनी स्तर पर इनका असर बहुत कम दिखाई दे रहा है।
द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.