
भोपाल की सड़कों के किनारे खड़े पेड़ अगर बोल पाते, तो शायद एक-दूसरे से यही कहते- "हमने दशकों तक इस शहर को ज़हर बनती हवा से बचाया, तपती धूप में छांव दी, सांसों को ऑक्सीजन दी…और आज विकास के नाम पर हमें खामोशी से काट दिया जा रहा है।" अयोध्या बायपास पर चल रही पेड़ों की कटाई सिर्फ हरियाली का खत्म होना नहीं है, यह भोपाल की सांसों, उसके भविष्य और उसके पर्यावरण पर सीधा प्रहार है।
दरअसल, राजधानी भोपाल में अयोध्या बायपास के चौड़ीकरण का काम शुरू होते ही सियासी और सामाजिक विरोध तेज हो गया है। यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के नाम पर बायपास पर बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई की जा रही है, जिसे लेकर मंगलवार को कांग्रेस ने जोरदार प्रदर्शन किया। कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने ऑक्सीजन मास्क पहनकर, जेसीबी मशीन पर चढ़कर और कट रहे पेड़ों के बीच पहुंचकर न केवल विरोध जताया, बल्कि सरकार और प्रशासन पर पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करने का आरोप भी लगाया। प्रदर्शन के दौरान “पेड़ बचाओ, जीवन बचाओ” और “विकास नहीं, विनाश बंद करो” जैसे नारे गूंजते रहे।
कांग्रेस का आरोप है कि अयोध्या बायपास चौड़ीकरण परियोजना के तहत हजारों की संख्या में पेड़ों को काटा जा रहा है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रवीण सक्सेना ने कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री देशवासियों से ‘एक पेड़ मां के नाम’ लगाने की अपील कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर भोपाल में 40-40 साल पुराने पेड़ों को बेरहमी से काटा जा रहा है। ये पेड़ न सिर्फ शहर को हरियाली देते हैं, बल्कि लोगों को शुद्ध हवा और जीवनदायिनी ऑक्सीजन भी प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह का विकास आने वाली पीढ़ियों के भविष्य के साथ समझौता है और इसका खामियाजा लोगों को स्वास्थ्य संकट के रूप में भुगतना पड़ेगा।
प्रवीण सक्सेना ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पेड़ों की कटाई बिना पूरी अनुमति और पारदर्शिता के की जा रही है। उन्होंने दावा किया कि कटे हुए पेड़ों की लकड़ी को अवैध रूप से बेचा जा रहा है और इस पूरे मामले में प्रशासन की भूमिका संदिग्ध है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने चेतावनी दी कि यदि पेड़ों की कटाई तत्काल बंद नहीं की गई तो कांग्रेस सड़कों पर उतरकर उग्र आंदोलन करेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सिर्फ राजनीति नहीं कर रही, बल्कि शहर के पर्यावरण और लोगों के जीवन की रक्षा के लिए संघर्ष कर रही है।
भोपाल की हवा हो रही खराब!
पूर्व विधानसभा प्रत्याशी रवीन्द्र साहू ने भोपाल की बिगड़ती हवा का मुद्दा उठाते हुए कहा कि देश में सबसे खराब वायु गुणवत्ता दिल्ली की है और उसके बाद भोपाल का स्थान आता है। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब राजधानी पहले से ही प्रदूषण की मार झेल रही है, तब हजारों पेड़ों की कटाई हालात को और भयावह बना देगी। रवीन्द्र साहू ने साफ किया कि कांग्रेस विकास के खिलाफ नहीं है, लेकिन विकास ऐसा होना चाहिए जो पर्यावरण के साथ संतुलन बनाए। उन्होंने सुझाव दिया कि सड़क चौड़ीकरण के बजाय फ्लाइओवर बनाए जाएं, ताकि पेड़ों को बचाया जा सके।
रवीन्द्र साहू ने यह भी कहा कि अयोध्या बायपास के दोनों ओर पहले ही बड़ी संख्या में पेड़ काटे जा चुके हैं। अगर यही स्थिति बनी रही तो आने वाले समय में लोगों को घर से बाहर निकलते वक्त ऑक्सीजन मास्क पहनना मजबूरी बन जाएगी। उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानी NHAI के उस दावे पर भी सवाल उठाए, जिसमें नए पेड़ लगाए जाने की बात कही जाती है। उनका कहना था कि जमीनी हकीकत में कहीं भी नए पेड़ नजर नहीं आ रहे हैं और सिर्फ कागजों में ही हरियाली दिखाई जा रही है।
व्यापक रूप ले सकता है आंदोलन
प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सरकार से मांग की कि विकास कार्यों की योजना बनाते समय पर्यावरण को प्राथमिकता दी जाए। उनका कहना था कि यदि यातायात समस्या का समाधान करना है तो आधुनिक और पर्यावरण अनुकूल विकल्प अपनाए जाएं, न कि शहर की हरियाली को खत्म किया जाए। कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने उनकी मांगों को नजरअंदाज किया तो यह आंदोलन और व्यापक रूप ले सकता है।
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