
लातूर (महाराष्ट्र): महाराष्ट्र के लातूर जिले में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली एक घटना में पुलिस ने अब और भी सख्त रुख अख्तियार किया है। यहां एक कैफे में नाबालिग दलित लड़की के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में पुलिस ने मंगलवार को कैफे वाली जगह के मालिक के खिलाफ भी मामला दर्ज कर लिया है। अधिकारियों के मुताबिक, मालिक पर अपराध की जानकारी छिपाने और अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देने का आरोप है।
क्या है पूरा मामला?
यह घटना इसी महीने की 4 तारीख की है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि एक 18 वर्षीय युवक ने दलित समुदाय की एक नाबालिग लड़की का कथित तौर पर अपहरण किया और उसे लातूर स्थित इस कैफे में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया।
घटना की शिकायत मिलते ही पुलिस ने तत्परता दिखाई और कुछ ही घंटों के भीतर पीड़िता को खोज निकाला। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने मुख्य आरोपी और कैफे का संचालन करने वाले दो अन्य लोगों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। इन सभी पर भारतीय न्याय संहिता (BNS), यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम और SC/ST (अत्याचार निवारण) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
कैफे मालिक की लापरवाही पर कार्रवाई
मंगलवार को पुलिस ने उस जगह के मालिक पर भी कानूनी कार्रवाई की, जहां यह कैफे चल रहा था। पुलिस अधिकारी ने बताया कि मालिक के खिलाफ POCSO अधिनियम की धारा 21 (मामले की रिपोर्ट करने या रिकॉर्ड करने में विफलता के लिए सजा) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
जांच में सामने आया है कि कैफे के अंदर किचन के पास अवैध रूप से एक एकांत कंपार्टमेंट (केबिन) बनाया गया था। यहां अतिरिक्त पैसे लेकर जोड़ों को 'प्राइवेट सीटिंग' की सुविधा दी जा रही थी। अधिकारी ने बताया कि जगह का मालिक इस अवैध निर्माण और इसके गलत इस्तेमाल से पूरी तरह वाकिफ था। सब कुछ जानते हुए भी उसने इसे नजरअंदाज किया और कैफे संचालक को यह व्यवस्था जारी रखने की अनुमति दी।
इतना ही नहीं, मालिक पर यह भी आरोप है कि उसने जानबूझकर इस गंभीर अपराध की सूचना पुलिस या संबंधित अधिकारियों को नहीं दी और मामले को दबाने की कोशिश की। इसी लापरवाही और जानकारी छिपाने के चलते अब उसे भी इस केस में आरोपी बनाया गया है।
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