MP के खाचरोद में इंसानियत शर्मसार: रेप की कोशिश नाकाम होने पर 9 साल की मासूम की बेरहमी से हत्या

पुलिस की सख्त पूछताछ में आरोपी रियाज खान टूट गया और उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया।
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भोपाल। मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के खाचरोद कस्बे में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। यहां एक 9 साल की मासूम बच्ची के साथ पहले दुष्कर्म करने की कोशिश की गई और जब आरोपी अपने मंसूबों में नाकाम रहा तो उसने बच्ची की बेरहमी से हत्या कर दी। गंभीर रूप से घायल बच्ची को रतलाम के अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान सोमवार को उसकी मौत हो गई।

नानी के घर आई थी मासूम

पुलिस के अनुसार, बच्ची रविवार को स्कूल की छुट्टी होने के कारण अपनी दो बड़ी बहनों के साथ खाचरोद स्थित नानी के घर आई थी। दोपहर के समय नानी और बड़ी बहनें छत पर बैठी थीं, जबकि बच्ची घर के बाहर खेल रही थी। काफी देर तक बच्ची दिखाई नहीं दी तो नानी ने उसकी तलाश शुरू करवाई। बड़ी बहन को बाहर भेजा गया, लेकिन बच्ची कहीं नजर नहीं आई।

पड़ोसी ने रची झूठी कहानी

शाम करीब 5.45 बजे पड़ोस में रहने वाला रियाज खान बच्ची को बेहोशी की हालत में अपने घर से उठाकर बाहर लाया। उसने परिजनों को बताया कि बच्ची छत से गिर गई है। बच्ची के चेहरे पर गंभीर सूजन थी, सिर, नाक और आंखों पर गहरे घाव थे और खून बह रहा था। हालत देख परिजन घबरा गए और उसे तुरंत खाचरोद अस्पताल लेकर पहुंचे।

डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद बच्ची की गंभीर हालत को देखते हुए उसे रतलाम मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। बच्ची को बचाने की हरसंभव कोशिश की गई, लेकिन लगातार बिगड़ती हालत के चलते सोमवार को उसकी मौत हो गई।

डॉक्टर की रिपोर्ट से खुला सच

खाचरोद एसडीओपी आकांक्षा बिछोटे ने बताया कि जब डॉक्टरों से विस्तृत चर्चा की गई तो उन्होंने स्पष्ट किया कि बच्ची के शरीर पर गिरने से होने वाली चोटों जैसे निशान नहीं हैं। चोटें किसी कठोर और भारी वस्तु से बार किए जाने की ओर इशारा कर रही थीं। इस जानकारी के बाद पुलिस को संदेह हुआ और मामले की दिशा बदल गई।

इसके बाद पुलिस ने डॉग स्क्वाड और फोरेंसिक टीम को मौके पर बुलाया। टीम ने आरोपी रियाज खान के घर की बारीकी से जांच की और वहां से अहम साक्ष्य जुटाए गए।

पूछताछ में टूटा आरोपी, कबूला जुर्म

पुलिस की सख्त पूछताछ में आरोपी रियाज खान टूट गया और उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। आरोपी ने बताया कि रविवार को उसके घर में कोई नहीं था। उसी दौरान बच्ची घर के अंदर आ गई। उसे अकेला पाकर उसने दुष्कर्म करने का प्रयास किया। बच्ची ने विरोध किया, चिल्लाने लगी और हाथ-पैर पटकने लगी।

आरोपी ने बताया कि घबराहट और गुस्से में उसने बच्ची को जोर से धक्का दे दिया, जिससे वह जमीन पर गिरकर बेहोश हो गई। इसके बाद उसने बच्ची को बोरी में बंद कर दिया और मोगरी से लगातार वार किए। उसे लगा कि बच्ची की मौत हो चुकी है, इसलिए वह घर से बाहर निकल गया।

कुछ देर बाद जब वह लौटा तो देखा कि बच्ची की सांस अभी चल रही है। इसके बाद रियाज बच्ची को उसकी नानी के पास ले गया। उसके छत से गिरने की झूठी कहानी सुनाई।

द मूकनायक से बातचीत करते हुए राज्य महिला आयोग की पूर्व सदस्य ने कहा कि मध्यप्रदेश में छोटी-छोटी बच्चियों के खिलाफ अपराध लगातार बढ़ रहे हैं, जो बेहद चिंताजनक और शर्मनाक स्थिति है। उन्होंने कहा कि मासूम बच्चों के साथ हो रही ऐसी घटनाएं यह बताती हैं कि समाज में डर और कानून का भय खत्म होता जा रहा है। बच्चों की सुरक्षा के लिए बने कानून और सरकारी दावे जमीनी स्तर पर पूरी तरह विफल नजर आ रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि ऐसे मामलों में सिर्फ गिरफ्तारी या बयानबाजी पर्याप्त नहीं है, बल्कि दोषियों को त्वरित और कठोर सजा मिलनी चाहिए, ताकि समाज में सख्त संदेश जाए। साथ ही सरकार को स्कूलों, मोहल्लों और परिवार स्तर पर बच्चों की सुरक्षा के लिए ठोस व्यवस्था करनी होगी। जब तक बच्चों के खिलाफ अपराध को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति लागू नहीं की जाती, तब तक ऐसी दर्दनाक घटनाएं रुकने वाली नहीं हैं।

NCRB के आंकड़ों में स्थिति भयाभय

मध्य प्रदेश लंबे समय से महिलाओं के खिलाफ अपराधों, खासकर दुष्कर्म के मामलों में देशभर में चर्चा का विषय बना रहा है। वर्ष 2023 में भी स्थिति बहुत बेहतर नहीं रही। एनसीआरबी की रिपोर्ट बताती है कि प्रदेश दुष्कर्म की घटनाओं में देशभर में तीसरे स्थान पर रहा। यहां एक साल के भीतर 2,979 मामले दर्ज हुए। राजस्थान 5,078 घटनाओं के साथ सबसे ऊपर रहा, जबकि उत्तर प्रदेश में 3,516 मामले सामने आए।

यह आंकड़े साफ दिखाते हैं कि प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा अब भी बड़ी चुनौती बनी हुई है। हालाँकि सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई योजनाएं और हेल्पलाइन नंबर शुरू किए हैं, लेकिन ज़मीनी स्तर पर इनका असर बहुत कम दिखाई दे रहा है।

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