तेलंगाना गुरुकुल स्कूलों में दूषित भोजन से छात्र पड़ रहे बीमार: बीसी दल अध्यक्ष बोले- ये मानवाधिकार उल्लंघन

तेलंगाना राज्य मानवाधिकार आयोग से तत्काल हस्तक्षेप की मांग
मधापुर सरकारी स्कूल (चंद्रनायक थांडा) में नाश्ता और मध्याह्न भोजन के बाद 44 छात्र उल्टी और दस्त जैसे लक्षणों से पीड़ित हो गए, जिसके कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
मधापुर सरकारी स्कूल (चंद्रनायक थांडा) में नाश्ता और मध्याह्न भोजन के बाद 44 छात्र उल्टी और दस्त जैसे लक्षणों से पीड़ित हो गए, जिसके कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। एआई निर्मित सांकेतिक चित्र
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हैदराबाद- बीसी दल (पिछड़ा वर्ग विकास और नेतृत्व) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अधिवक्ता दंड्रा कुमारस्वामी ने तेलंगाना के सरकारी और गुरुकुल स्कूलों में दूषित भोजन के सेवन के बाद छात्रों के बार-बार बीमार पड़ने की घटनाओं को बच्चों के मौलिक अधिकारों का गंभीर उल्लंघन बताते हुए तेलंगाना राज्य मानवाधिकार आयोग (टीएसएचआरसी) की अध्यक्ष को औपचारिक शिकायत सौंपकर तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 का हवाला देते हुए कुमारस्वामी ने कहा कि राज्य छात्रों के जीवन, स्वास्थ्य और गरिमा के अधिकार को सुनिश्चित करने के संवैधानिक दायित्व से बंधा है। हालांकि, सरकारी संस्थानों में बार-बार होने वाली food poisoning (खाद्य विषाक्तता) की घटनाएं प्रणालीगत लापरवाही को दर्शाती हैं, जो बच्चों की जान को जोखिम में डाल रही हैं।

12 दिसंबर को हुई घटनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि मधापुर सरकारी स्कूल (चंद्रनायक थांडा) में नाश्ता और मध्याह्न भोजन के बाद 44 छात्र उल्टी और दस्त जैसे लक्षणों से पीड़ित हो गए, जिसके कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। कुछ छात्रों की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें निजी अस्पतालों में स्थानांतरित किया गया। इसी तरह, बागलिंगमपल्ली अल्पसंख्यक गुरुकुल स्कूल में भी कथित दूषित भोजन के सेवन के बाद छात्रों को चिकित्सा सहायता की आवश्यकता पड़ी।

मधापुर सरकारी स्कूल (चंद्रनायक थांडा) में नाश्ता और मध्याह्न भोजन के बाद 44 छात्र उल्टी और दस्त जैसे लक्षणों से पीड़ित हो गए, जिसके कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
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कुमारस्वामी ने इंगित किया कि हाल के वर्षों में राज्य भर में ऐसी घटनाएं बार-बार घटी हैं, जो संबंधित विभागों और अधिकारियों द्वारा अपर्याप्त निगरानी और जवाबदेही पर गंभीर चिंता पैदा करती हैं। उन्होंने कहा कि राज्य संरक्षण में रहने वाली संस्थानों में सुरक्षा की कमी लोकतांत्रिक शासन और बाल कल्याण के लिए गंभीर चुनौती है।

आयोग को सौंपी गई अपनी शिकायत में उन्होंने इन घटनाओं की स्वतंत्र और व्यापक जांच, लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों, ठेकेदारों और प्रबंधनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई, सभी सरकारी और गुरुकुल स्कूलों में निरंतर खाद्य गुणवत्ता निगरानी तंत्र की स्थापना की मांग की है। इसके अलावा, प्रभावित छात्रों के लिए पर्याप्त चिकित्सा देखभाल और मुआवजा, तथा पुनरावृत्ति रोकने के लिए दीर्घकालिक दिशानिर्देशों के निर्माण की भी मांग की गई है।

बच्चों के अधिकारों की रक्षा में राज्य मानवाधिकार आयोग की भूमिका पर जोर देते हुए कुमारस्वामी ने आयोग से इस मामले का तत्काल संज्ञान लेने का आग्रह किया है।

मधापुर सरकारी स्कूल (चंद्रनायक थांडा) में नाश्ता और मध्याह्न भोजन के बाद 44 छात्र उल्टी और दस्त जैसे लक्षणों से पीड़ित हो गए, जिसके कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
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मधापुर सरकारी स्कूल (चंद्रनायक थांडा) में नाश्ता और मध्याह्न भोजन के बाद 44 छात्र उल्टी और दस्त जैसे लक्षणों से पीड़ित हो गए, जिसके कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
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