असम: ST दर्जे की मांग पर आदिवासियों ने फूंका बिगुल! बना नया मोर्चा 'AAOUFA', सरकार को दी खुली चुनौती— 'हक दो वरना...'

मानस नेशनल पार्क में 55 सदस्यीय कमेटी के साथ हुआ AAOUFA का गठन, अमित हेम्ब्रम ने दी बड़े आंदोलन की चेतावनी।
Assam ST Status
ST दर्जे की लड़ाई के लिए बना AAOUFA, अमित हेम्ब्रम ने फूंका बिगुल(सांकेतिक तस्वीर )
Published on

असम: राज्य के आदिवासी समुदायों ने अपने अधिकारों और अस्तित्व की लड़ाई को एक नई धार देने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाया है। सदियों से हाशिये पर रहे इन समुदायों को न्याय दिलाने और 'अनुसूचित जनजाति' (ST) का दर्जा प्राप्त करने के उद्देश्य से असम के सभी प्रमुख आदिवासी संगठनों ने एकजुट होकर एक नए मंच का गठन किया है।

इस नवनिर्मित संगठन का नाम 'ऑल आदिवासी ऑर्गेनाइजेशंस यूनाइटेड फॉर्म ऑफ असम' (AAOUFA) रखा गया है। यह मंच अब राज्य में आदिवासियों की सामाजिक और राजनीतिक समस्याओं को एक सुर में सरकार के सामने रखेगा।

मानस नेशनल पार्क में लिखी गई एकजुटता की इबारत

इस ऐतिहासिक गठबंधन की घोषणा विश्व धरोहर स्थल 'मानस नेशनल पार्क' में आयोजित एक विशेष बैठक के दौरान की गई। बैठक में 'ऑल आदिवासी स्टूडेंट्स एसोसिएशन ऑफ असम' सहित कई अन्य समूहों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। सभी ने एक मत से स्वीकार किया कि बिखरे हुए प्रयासों के बजाय अब एक झंडे के नीचे आकर संघर्ष करने का समय आ गया है।

55 सदस्यीय कमेटी का गठन: अमित हेम्ब्रम को कमान

संगठन को सुचारू रूप से चलाने के लिए एक 55 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। सर्वसम्मति से अमित हेम्ब्रम को इस नए मोर्चे का अध्यक्ष और गैडविन हेम्ब्रम को सचिव चुना गया है। विस्तृत चर्चा और विचार-विमर्श के बाद, संगठन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए अपनी आधिकारिक शुरुआत की घोषणा की।

"राजनीतिक हेरफेर अब और बर्दाश्त नहीं"

नवनिर्वाचित अध्यक्ष अमित हेम्ब्रम ने इस मौके पर कहा, "आज का दिन आदिवासी समाज के लिए एक मील का पत्थर है। हमने आधिकारिक तौर पर एक संयुक्त मोर्चा बनाया है जिसका मुख्य लक्ष्य हमारे लोगों की सबसे बड़ी मांग—ST का दर्जा—हासिल करना है।"

उन्होंने मौजूदा व्यवस्था पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि भाजपा सरकार के शासन में पैदा हुए राजनीतिक भ्रम ने उनकी मान्यता को बहुत लंबा खींच दिया है। हेम्ब्रम ने स्पष्ट किया कि अब उनका पूरा ध्यान अपने अधिकार को प्राप्त करने पर केंद्रित है।

सरकार से आर-पार की लड़ाई के संकेत

संगठन ने साफ कर दिया है कि वे बातचीत के रास्ते बंद नहीं करेंगे। हेम्ब्रम ने कहा कि वे वर्तमान सरकार और भविष्य में आने वाले किसी भी प्रशासन के साथ चर्चा करने के लिए तैयार हैं। लेकिन, उन्होंने चेतावनी देते हुए यह भी कहा, "अगर अधिकारियों ने हमारी मांगों पर चुप्पी साधे रखी या उन्हें अनसुना किया, तो हम उग्र प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होंगे और समाज को और अधिक मजबूती से लामबंद किया जाएगा।"

संगठन ने सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि वह हाशिये पर पड़े लोगों की मदद करने के बहाने आदिवासी समुदायों का शोषण कर रही है।

लोअर से अपर असम तक फैलेगा आंदोलन

अमित हेम्ब्रम ने अपनी बात को मजबूती से रखते हुए कहा, "आज की सबसे बड़ी और साझा मांग बिल्कुल साफ है—आदिवासी समुदायों को ST का दर्जा मिलना ही चाहिए। हमारी पहचान के साथ अब कोई भी राजनीतिक खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"

फिलहाल इस आंदोलन की कमान लोअर असम (निचले असम) के प्रतिनिधियों के हाथों में है, लेकिन आने वाले दिनों में इसका विस्तार अपर असम (ऊपरी असम) तक करने की योजना है। AAOUFA का गठन असम के सामाजिक-राजनीतिक परिदृश्य में आदिवासियों की सामूहिक आवाज को बुलंद करने की दिशा में एक बड़ा और निर्णायक कदम माना जा रहा है।

Assam ST Status
MP इंदौर हाई कोर्ट का अहम फैसला: वयस्क महिला अपनी मर्जी से जहां चाहे रह सकती है, शादीशुदा होना बाधा नहीं
Assam ST Status
मैसूरु: वन अधिकार कानून को लागू करने में भारी लापरवाही, आदिवासियों ने केंद्र सरकार से लगाई गुहार
Assam ST Status
बहराइच हिंसा: 'मनुस्मृति' का जिक्र कर कोर्ट ने सुनाई सरफराज को फांसी की सजा, कहा- यह अपराध मानवता के लिए कलंक

द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.

The Mooknayak - आवाज़ आपकी
www.themooknayak.com