'हम नहीं एक्सपेरिमेंट के चूहे': FTII इटानगर में स्टूडेंट्स क्यों कर रहे हैं सेमेस्टर 2 का बहिष्कार, पूरी डिटेल्स पढ़ें

कैंपस अभी भी निर्माणाधीन है, जहां स्टूडियो, प्रीव्यू थिएटर, साउंड स्टूडियो जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। मंत्रालय ने 2025 में नए एडमिशन रोक दिए लेकिन पहले बैच को जबरन निर्माणाधीन कैंपस में पढ़ाया जा रहा है।
छात्रों की मांगें स्पष्ट हैं:"जब तक सभी न्यूनतम शैक्षणिक शर्तें पूरी नहीं हो जातीं, हम सेमेस्टर 2 शुरू नहीं करेंगे।
छात्रों की मांगें स्पष्ट हैं:"जब तक सभी न्यूनतम शैक्षणिक शर्तें पूरी नहीं हो जातीं, हम सेमेस्टर 2 शुरू नहीं करेंगे।
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इटानगर- अरुणाचल प्रदेश के जोते स्थित फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII) इटानगर के छात्रों ने दूसरे सेमेस्टर के बहिष्कार की घोषणा की है। स्क्रीन एक्टिंग और डॉक्यूमेंट्री सिनेमा कोर्स के पहले बैच के छात्रों ने स्पष्ट घोषणा की है कि जब तक कैंपस में न्यूनतम शैक्षणिक सुविधाएं उपलब्ध नहीं होंगी, वे कक्षाएं शुरू नहीं करेंगे। छात्रों ने कहा कि वे सरकार की गलतियों का खामियाजा भुगतने को तैयार नहीं हैं।

आपको बता दें यह भारत का तीसरा राष्ट्रीय फिल्म संस्थान है, जो सत्यजीत रे फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट (SRFTI) कोलकाता का एक्सटेंशन है। यह कैंपस 50 एकड़ में फैला है, जहां एक्टिंग, डायरेक्शन, सिनेमेटोग्राफी जैसे कोर्स चलते हैं। लेकिन देरी से शुरूआत हुई। 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन की घोषणा के बाद, कैंपस को 'स्टेट-ऑफ-द-आर्ट' बनाने का वादा किया गया था। लेकिन 2024 में पहले बैच के 45 छात्रों की एडमिशन के समय ही विवाद शुरू हो गया। पहला बैच एडमिट हुआ, जब कैंपस सिर्फ 30% पूरा था।

स्क्रीन एक्टिंग और डॉक्यूमेंट्री सिनेमा कोर्स के पहले बैच के छात्रों ने अब दूसरे सेमेस्टर की शुरुआत का बहिष्कार कर दिया है। उनका कहना है कि कैंपस अभी भी निर्माणाधीन है, जहां स्टूडियो, प्रीव्यू थिएटर, साउंड स्टूडियो जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। छात्रों का आरोप है कि वे 'प्रयोग के चूहों' की तरह इस्तेमाल हो रहे हैं, जबकि मंत्रालय ने नए एडमिशन रोक दिए हैं। यह आंदोलन न केवल वर्तमान पीढ़ी के भविष्य को खतरे में डाल रहा है, बल्कि संस्थान की प्रतिष्ठा पर भी सवाल खड़े कर रहा है।

स्टूडेंट्स ने इस साल मार्च और मई में दो बार अकादमिक हाल्ट लिया. मई के विरोध के बाद मंत्रालय ने 'जल्द सुधार' का आश्वासन दिया जिसके आधार पर अगस्त में क्लासेस फिर शुरू हुईं। लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ नहीं बदला। नवंबरमें छात्रों ने फिर से इंफ्रास्ट्रक्चर पूरा करने की मांग की, जिसमें साउंड स्टूडियो को ऑपरेशनल करने, कैमरों की पर्याप्त उपलब्धता और फील्डवर्क रिसोर्सेज सुनिश्चित करने का मुद्दा था।

लेकिन कोई समाधान नहीं मिला और अब बेसिक सुविधाओं के अभाव में स्टूडेंट्स का कहना है कि उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है।

निर्माणाधीन कैंपस में प्रदर्शन करते हुए फर्स्ट बैच के स्टूडेंट्स
निर्माणाधीन कैंपस में प्रदर्शन करते हुए फर्स्ट बैच के स्टूडेंट्स

निर्माणाधीन कैंपस में पढ़ाई का दबाव

छात्रों ने स्पष्ट घोषणा की है कि वे दूसरे सेमेस्टर शुरू नहीं करेंगे जब तक न्यूनतम शैक्षणिक सुविधाएं मुहैया न कराई जाएं। "हमने पहले ही एक पूर्ण सेमेस्टर खो दिया है। हम शेष तीन सेमेस्टरों को बर्बाद नहीं होने देंगे।" छात्रों का कहना है कि कैंपस में कैमरों की कमी, खराब क्लासरूम, अपर्याप्त मेडिकल सपोर्ट और बुनियादी जरूरतों जैसे पानी-बिजली की अनियमित आपूर्ति ने उनकी पढ़ाई को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।

स्क्रीन एक्टिंग के छात्रों ने विशेष रूप से कैमरा-एक्टिंग पेडागॉजी और उचित एक्टिंग स्पेस की कमी का जिक्र किया है। एक छात्र ने कहा, " अगर यही स्थिति जारी रही तो हमारी डिप्लोमा फिल्में वैश्विक तकनीकी मानकों पर खरी नहीं उतरेंगी ।" वहीं, डॉक्यूमेंट्री सिनेमा के छात्रों ने साउंड स्टूडियो और फील्डवर्क रिसोर्सेज की कमी पर जोर दिया।

हालिया आरटीआई दस्तावेजों से खुलासा हुआ है कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 2025 के लिए नए एडमिशन रोक दिए हैं क्योंकि कैंपस अभी भी पूरा नहीं हुआ है। छात्रों का सवाल है: "अगर संस्थान आधिकारिक तौर पर नए छात्रों के लिए अयोग्य है, तो पिछले साल हमारी एडमिशन क्यों की गई जब स्थिति और भी खराब थी?"

छात्रों ने ज़ोर देकर कहा कि वे संस्थान का विरोध नहीं कर रहे हैं, बल्कि उसे बचाने की कोशिश कर रहे हैं।
छात्रों ने ज़ोर देकर कहा कि वे संस्थान का विरोध नहीं कर रहे हैं, बल्कि उसे बचाने की कोशिश कर रहे हैं।

छात्रों ने दिसंबर 2024 से ही एसआरएफटीआई कोलकाता और मंत्रालय को कई पत्र लिखे, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। मार्च और मई 2025 में दो बार अकादमिक हॉल्ट के बावजूद, अगस्त में क्लासेस फिर शुरू हुईं तो निर्माण कार्य पूरी तरह रुक गया। गोवा में आयोजित इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (IFFI) में छात्रों ने मंत्रालय के सचिव से मिलने की कोशिश की, लेकिन उनकी मांग को अनदेखा कर दिया गया।

छात्रों की मांगें स्पष्ट हैं:"जब तक सभी न्यूनतम शैक्षणिक शर्तें पूरी नहीं हो जातीं, हम सेमेस्टर 2 शुरू नहीं करेंगे। अगर यहाँ ऐसा नहीं हो सकता, तो हमें तुरंत एक कार्यात्मक (functional) परिसर में स्थानांतरित कर दिया जाए।" छात्रों ने ज़ोर देकर कहा कि वे संस्थान का विरोध नहीं कर रहे हैं, बल्कि उसे बचाने की कोशिश कर रहे हैं। "हम FTII ईटानगर के पहले बैच हैं। हम भुला दिए गए बैच नहीं बनना चाहते हैं।"

छात्रों की मांगें स्पष्ट हैं:"जब तक सभी न्यूनतम शैक्षणिक शर्तें पूरी नहीं हो जातीं, हम सेमेस्टर 2 शुरू नहीं करेंगे।
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