लखनऊ- उत्तर प्रदेश के पूर्व आईपीएस अधिकारी और आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने राज्यपाल को एक पत्र लिखकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पद से हटाने की मांग की है। ठाकुर का आरोप है कि योगी ने संविधान की तीसरी अनुसूची के तहत ली गई शपथ का घोर उल्लंघन किया है, जिसमें संविधान के प्रति निष्ठा, सभी लोगों के प्रति निष्पक्षता और भेदभाव रहित व्यवहार का वादा किया जाता है। ठाकुर ने दावा किया है कि योगी के कार्यों में पूर्वाग्रह, पक्षपात और दुर्भावना स्पष्ट रूप से दिखाई देती है, खासकर अल्पसंख्यक समुदायों के प्रति।
ठाकुर ने पत्र में कहा है कि अनुच्छेद 164(1) के अनुसार, मुख्यमंत्री राज्यपाल के प्रसाद पर कार्यरत रहते हैं, जिसका तात्पर्य है कि राज्यपाल स्वयं उन्हें हटा सकते हैं। उन्होंने अनुरोध किया है कि इन तथ्यों की जांच कराई जाए और यदि शपथ उल्लंघन सिद्ध हो, तो योगी को तत्काल पद से बर्खास्त किया जाए। यह मांग हाल ही में योगी के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ दिए गए कथित बयानों के बाद तेज हुई है।
ठाकुर ने योगी के कई बयानों को संविधान-विरोधी बताते हुए हवाला दिया है, जो समाज में धार्मिक विभाजन को बढ़ावा देते हैं। मार्च 2025 में लखनऊ के एमपी-एमएलए कोर्ट में दायर मुकदमे में ठाकुर ने आरोप लगाया कि योगी धार्मिक और भाषाई आधार पर समाज को बांटने का प्रयास कर रहे हैं। अप्रैल 2025 में दायर मानहानि शिकायत में ठाकुर ने योगी के 'कठमुल्लापन' वाले बयान को मुस्लिम समुदाय की धार्मिक भावनाओं का अपमान बताया, जो समाज में शत्रुता और घृणा फैलाता है। हालांकि, कोर्ट ने इस शिकायत को खारिज कर दिया, लेकिन ठाकुर का कहना है कि यह बयान शपथ के 'भय या अनुग्रह, स्नेह या द्वेष के बिना' कार्य करने के वादे का उल्लंघन है।
ठाकुर ने योगी के एक्स अकाउंट (@myogiadityanath) से जुड़े हालिया पोस्ट्स का जिक्र किया, जहां मुस्लिम आरक्षण समाप्त करने, त्रिपल तलाक पर प्रतिबंध और 'नई भारत' में 'मुस्लिम तुष्टिकरण' को अस्वीकार करने जैसे बयान दिए गए हैं।
धार्मिक पूर्वाग्रह के अलावा, ठाकुर ने योगी सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं, जो शपथ के 'कानून के अनुसार कार्य' करने के प्रावधान का उल्लंघन मानते हैं। जून 2025 में ठाकुर ने सूचना विभाग में 369 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की। सितंबर 2025 में खनन विभाग में 784 करोड़ की वित्तीय अनियमितताओं (सीएजी रिपोर्ट के आधार पर) और पीडब्ल्यूडी में ओवरप्राइसिंग व कार्टेल के माध्यम से करोड़ों के भ्रष्टाचार की शिकायत लोकायुक्त को दी गई। जुलाई 2025 में गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय में अनियमितताओं का आरोप लगाया, जो योगी का 'ड्रीम प्रोजेक्ट' है।
बीते सितंबर में एमपी-एमएलए कोर्ट में योगी पर चुनावों में असत्य शपथपत्र देने की शिकायत पर एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया गया। ठाकुर ने प्रधानमंत्री कार्यालय और गृह मंत्रालय को भी ये शिकायतें भेजी हैं। अमिताभ ठाकुर लंबे समय से योगी सरकार के आलोचक रहे हैं। 2021 में उन्होंने योगी के खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा की थी, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था। ठाकुर का दावा है कि ये कार्रवाइयां उनकी आलोचना को दबाने की कोशिश हैं। हालिया पत्र 1 अक्टूबर को वायरल हुआ, जिस पर एक्स पर चर्चा तेज हो गई। एक यूट्यूब वीडियो में भी शपथ उल्लंघन पर हटाने की मांग दोहराई गई।
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