भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में अतिथि शिक्षक भर्ती का विवाद लगातार गहराता जा रहा है। हाल ही में संपन्न हुई भर्ती प्रक्रिया को लेकर आरोप लग रहे हैं कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के लिए निर्धारित आरक्षण नियमों की अनदेखी की है। चयनित शिक्षकों में अधिकतर उम्मीदवार प्रदेश से बाहर के बताए जा रहे हैं, जिससे स्थानीय युवाओं और योग्य प्रतिभाओं को अवसर नहीं मिल पाया।
भर्ती विवाद के बीच स्थिति और गंभीर तब हो गई जब ओबीसी वर्ग से आने वाले चयनित शिक्षक डॉ. अभिषेक यादव ने विश्वविद्यालय के कुलगुरु विजय मनोहर तिवारी और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभागाध्यक्ष मोनिका वर्मा पर अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाया। इस घटनाक्रम ने विश्वविद्यालय परिसर में तनाव और असंतोष का माहौल और गहरा दिया है।
प्रशासन की चुप्पी और कार्रवाई न होने से नाराज राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) ने सोमवार को विश्वविद्यालय परिसर में प्रदर्शन किया। एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने बाबा साहब भीमराव आंबेडकर के 1111 चित्र और पोस्टर परिसर की दीवारों पर चिपकाकर विश्वविद्यालय प्रशासन को “संविधान विरोधी” करार दिया। इस विरोध प्रदर्शन ने परिसर में छात्रों और शिक्षकों के बीच गहमागहमी का माहौल बना दिया।
NSUI के प्रदेश सचिव अमन पठान ने कहा कि आरक्षण नियमों की अनदेखी और जातिगत भेदभाव लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ खिलवाड़ है। उन्होंने कहा कि यह संविधान और सामाजिक न्याय दोनों का अपमान है। एनएसयूआई ने स्पष्ट किया कि जब तक न्याय सुनिश्चित नहीं हो जाता, तब तक संघर्ष जारी रहेगा।
विश्वविद्यालय एनएसयूआई प्रभारी तनय शर्मा ने इसे आंदोलन की केवल प्रतीकात्मक शुरुआत बताते हुए चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने तत्काल आरक्षण नियमों का पालन सुनिश्चित नहीं किया और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं की, तो संगठन उग्र आंदोलन करेगा। उन्होंने यह भी मांग की कि कुलगुरु अपने कक्ष में बाबा साहब आंबेडकर की तस्वीर लगाकर सामाजिक न्याय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर करें।
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