भोपाल। राजधानी भोपाल के पिपलानी क्षेत्र से नाबालिग से दुष्कर्म का गंभीर मामला सामने आया है। 28 वर्षीय युवक ने नाबालिग को बहला-फुसलाकर संबंध बनाए और बाद में उसे धमकाकर लगातार शोषण करता रहा। घटना का खुलासा तब हुआ जब नाबालिग की तबीयत बिगड़ी और परिजन उसे अस्पताल लेकर पहुंचे। डॉक्टरों की जांच में यह सामने आया कि पीड़िता गर्भवती है। इसके बाद किशोरी ने अपने परिजनों को पूरी आपबीती बताई। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की और आरोपी को सागर जिले से गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, पीड़िता की मां लगभग छह महीने पहले रायसेन रोड स्थित एक निर्माणाधीन भवन में मजदूरी करती थी। वहीं पर खानूगांव निवासी 28 वर्षीय सुरेंद्र रजक भी काम करता था। इसी दौरान सुरेंद्र की पहचान पीड़िता से हुई। बाद में उसने इंटरनेट मीडिया के जरिए नाबालिग से संपर्क बढ़ाया और मार्च माह में मिलने के लिए उसे बुलाया।
आरोप है कि सुरेंद्र ने जंबूरी मैदान के पास पीड़िता से जबरन संबंध बनाए। इसके बाद वह बार-बार किशोरी को धमकाकर अलग-अलग जगह बुलाता और शोषण करता रहा। डर और शर्म की वजह से पीड़िता ने लंबे समय तक किसी को इसकी जानकारी नहीं दी।
चार दिन पहले जब पीड़िता की तबीयत बिगड़ी तो परिजन उसे नज़दीकी अस्पताल लेकर पहुंचे। वहां डॉक्टरों ने जांच के दौरान परिजनों को बताया कि किशोरी गर्भवती है। इस पर परिजनों ने जब उससे कड़ाई से पूछताछ की, तो उसने पूरी घटना बयां कर दी। इसके बाद परिवार ने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
शिकायत मिलते ही पिपलानी थाना पुलिस हरकत में आ गई। एसआई संतोष रघुवंशी के अनुसार, तकनीकी साक्ष्यों और मोबाइल लोकेशन की मदद से पुलिस ने सुरेंद्र की बाइक को ट्रेस किया। बाइक की लोकेशन सागर जिले के जरूआखेड़ा चौकी क्षेत्र स्थित पैतृक गांव में मिली। पुलिस टीम ने दबिश देकर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपी सुरेंद्र रजक के खिलाफ दुष्कर्म, पॉक्सो एक्ट और अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है। आरोपी को अदालत में पेश कर जेल भेजा जाएगा।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की 2022 की रिपोर्ट भी इस स्थिति की भयावहता को दर्शाती है। रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2022 में मध्यप्रदेश में बच्चों के खिलाफ कुल 20,415 अपराध दर्ज किए गए, जो कि देशभर में महाराष्ट्र के बाद दूसरा सबसे ऊंचा आंकड़ा है। इनमें से 6,654 मामले केवल POCSO एक्ट के तहत दर्ज हुए हैं। सबसे अधिक मामले अपहरण और बहला-फुसलाकर ले जाने से जुड़े हैं, जिनकी संख्या 10,125 रही। बच्चों की हत्या के 109 और आत्महत्या के लिए उकसाने के 90 मामले भी इस रिपोर्ट का हिस्सा हैं।
NCRB की रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि राज्य में बच्चों के खिलाफ अपराध की दर 71 प्रति एक लाख बच्चों पर है, जो कि राष्ट्रीय औसत से कहीं अधिक है। दिल्ली के बाद मध्यप्रदेश इस मामले में दूसरे स्थान पर है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि 96.8% यौन अपराधों में आरोपी पीड़िता के परिचित होते हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि पीड़िताओं के लिए सबसे असुरक्षित स्थान उनका अपना सामाजिक दायरा बनता जा रहा है।
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