नई दिल्ली: संसद के उच्च सदन में बुधवार को उस वक्त सियासी पारा चढ़ गया जब कांग्रेस ने एक सवाल वापस लिए जाने के विरोध में सदन से वॉकआउट कर दिया। यह पूरा मामला भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के एक सांसद द्वारा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से पूछे जाने वाले 'तारांकित प्रश्न' (Starred Question) से जुड़ा था, जिसका सरोकार निर्भया फंड और फॉरेंसिक जांच क्षमताओं से था।
क्या था सवाल और क्यों हुआ विवाद?
प्रश्नकाल के दौरान प्रश्न संख्या 107, जो कि दिन का दूसरा तारांकित प्रश्न था, झारखंड से बीजेपी सांसद आदित्य प्रसाद के नाम पर सूचीबद्ध था। सांसद ने गृह मंत्री से यह जानना चाहा था कि क्या सरकार नए आपराधिक कानूनों की अनिवार्यताओं को पूरा करने के लिए केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं (Central Forensic Science Laboratories) का विस्तार कर रही है? साथ ही, उन्होंने यह भी पूछा था कि क्या निर्भया फंड के तहत फॉरेंसिक क्षमताओं को बढ़ाने के लिए कोई कदम उठाए गए हैं।
हालांकि, जब कार्यवाही आगे बढ़ी, तो यह सवाल सदन के पटल पर नहीं आया क्योंकि इसे वापस ले लिया गया था।
नियमों का हवाला और सभापति का रुख
राज्यसभा के सभापति सी.पी. राधाकृष्णन ने जैसे ही पहले सवाल (प्रश्न संख्या 106) के बाद सीधे प्रश्न संख्या 108 के लिए डीएमके सांसद तिरुचि शिवा को पुकारा, कांग्रेस सांसदों ने इस पर आपत्ति जताई। विपक्ष का सवाल था कि आखिर पिछला प्रश्न क्यों हटा दिया गया।
इस पर स्थिति स्पष्ट करते हुए सभापति ने कहा, "यह सदस्य का अधिकार है। मैं इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकता।"
जब कांग्रेस सदस्यों ने विरोध जारी रखा, तो सभापति राधाकृष्णन ने 'राज्यसभा की प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमों' के नियम 53 का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, "नियम 53 किसी भी सदस्य को यह अनुमति देता है कि वह अपनी मर्जी से कोई भी सवाल वापस ले सकता है। आप भी चाहें तो ऐसा कर सकते हैं। मैं किसी सदस्य के अधिकारों में दखल नहीं दे सकता और आपको इसे उठाने का कोई अधिकार नहीं है।"
मंत्री को रोका, कांग्रेस ने छोड़ा सदन
हंगामे के बीच केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू अपनी सीट से कुछ कहने के लिए खड़े हुए, लेकिन सभापति ने उन्हें रोकते हुए कहा, "माननीय मंत्री जी, जवाब देने की कोई आवश्यकता नहीं है।" सभापति के स्पष्टीकरण से असंतुष्ट होकर कांग्रेस सांसदों ने विरोध स्वरूप सदन से वॉकआउट कर दिया।
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