CAG रिपोर्ट में बड़ा खुलासा: मध्य प्रदेश में अंत्येष्टि, अनुग्रह और आपदा राहत राशि में करोड़ों का हेरफेर!

कैग ने श्रम सेवा पोर्टल और भुगतान नश्तियों का मिलान किया, जिससे ये खुलासा हुआ कि कई मामलों में अनधिकृत बैंक खातों में धनराशि ट्रांसफर की गई। आपदा राहत कोष की जाँच में भी पाया गया कि अनियमित भुगतान किए गए।
CAG रिपोर्ट में बड़ा खुलासा: मध्य प्रदेश में अंत्येष्टि, अनुग्रह और आपदा राहत राशि में करोड़ों का हेरफेर!
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भोपाल। भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (Comptroller and Auditor General of India, CAG) की हालिया रिपोर्ट में मध्य प्रदेश में सरकारी योजनाओं में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में कर्मकार कल्याण योजना के तहत दी जाने वाली अंत्येष्टि सहायता और अनुग्रह राशि का भुगतान गड़बड़ी से भरा रहा। इसके अलावा, आपदा राहत राशि और सरकारी भूमि आवंटन में भी बड़े पैमाने पर अनियमितताएँ पाई गई हैं।

कैग रिपोर्ट में क्या कहा गया है?

कैग रिपोर्ट वह दस्तावेज होता है, जो भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक द्वारा तैयार किया जाता है। यह रिपोर्ट केंद्र और राज्य सरकारों के वित्तीय प्रबंधन का ऑडिट करती है और अनियमितताओं को उजागर करती है। इस बार मध्य प्रदेश सरकार की कई योजनाओं में गंभीर खामियों का खुलासा हुआ है।

अंत्येष्टि और अनुग्रह राशि के भुगतान में गड़बड़ी

राज्य में पंजीकृत कर्मकारों की अंत्येष्टि सहायता और अनुग्रह सहायता राशि में भारी गड़बड़ी सामने आई है। कैग रिपोर्ट के अनुसार, 142 प्रकरणों में 52 बैंक खातों में 1.68 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया, लेकिन ये खाते कर्मकारों के उत्तराधिकारियों के नहीं थे।

कैसे होती है राशि जारी?

कर्मकार कल्याण योजना निधि के तहत, यदि किसी पंजीकृत कर्मकार की मृत्यु हो जाती है, तो उसके उत्तराधिकारी को अंत्येष्टि सहायता और अनुग्रह राशि प्राप्त करने के लिए एक निर्धारित प्रारूप में आवेदन देना होता है। इसके बाद, अधिकारी सत्यापन कर राशि सीधे उत्तराधिकारी के बैंक खाते में जमा कराते हैं। लेकिन कैग रिपोर्ट बताती है कि इस प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया और धनराशि अन्य खातों में भेज दी गई।

इस घोटाले के कारण पीड़ित परिवारों को उनका हक नहीं मिल पाया, जिससे वे जरूरी सुविधाओं से वंचित रह गए। दूसरी ओर, अनाधिकृत व्यक्तियों के खाते में सरकारी धन जमा हो गया, जिससे असली लाभार्थियों को आर्थिक नुकसान हुआ। यह मामला सरकारी धन के दुरुपयोग को उजागर करता है, जहां योजनाओं का लाभ सही लोगों तक पहुंचने के बजाय गलत हाथों में चला गया। इससे न केवल आर्थिक अनियमितता सामने आई, बल्कि सरकार की योजनाओं की पारदर्शिता और क्रियान्वयन पर भी सवाल खड़े हो गए।

आपदा राहत राशि में करोड़ों की गड़बड़ी

मध्य प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित नागरिकों के लिए आपदा राहत कोष से सहायता राशि दी जाती है। 2018-19 से 2021-22 के बीच प्रदेश में 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की आपदा राहत राशि वितरित की गई। कैग ने 13 जिलों में इस राशि के वितरण की जाँच की, जिसमें 23.81 करोड़ रुपये अनाधिकृत रूप से वितरित पाए गए।

कैसे हुआ घोटाला?

आपदा राहत राशि के वितरण में बड़े स्तर पर गड़बड़ी सामने आई है। कर्मचारियों, उनके रिश्तेदारों और अनाधिकृत व्यक्तियों को अवैध रूप से राहत राशि दी गई। इसके लिए जाली दस्तावेज तैयार किए गए, जिससे सहायता राशि का ग़लत वितरण हुआ। इस भ्रष्टाचार का फायदा उन लोगों ने उठाया, जो वास्तव में आपदा से प्रभावित नहीं थे, जबकि वास्तविक पीड़ित सहायता से वंचित रह गए। इस घोटाले ने प्रशासनिक लापरवाही और अनियमितताओं को उजागर किया है, जिससे प्रभावित लोगों में आक्रोश व्याप्त है।

सरकारी भूमि के आवंटन में अनियमितता

कैग रिपोर्ट में सरकारी भूमि के ग़लत आवंटन का भी खुलासा हुआ है। इंदौर के ग्राम बांगड़दा में एक चैरिटेबल ट्रस्ट को मात्र 1 रुपये वार्षिक पट्टे पर सरकारी जमीन आवंटित की गई।

इस मामले में सरकार को कुल 4.19 करोड़ रुपये के प्रीमियम की हानि हुई है। इसके अलावा, हर साल 4.18 लाख रुपये के वार्षिक पट्टा किराए की भी क्षति हो रही है। यह निर्णय सरकारी नियमों के विपरीत लिया गया, जिससे एक निजी संस्था को अनुचित लाभ पहुँचाया गया।

कैसे उजागर हुई ये गड़बड़ियाँ?

कैग ने श्रम सेवा पोर्टल और भुगतान नश्तियों का मिलान किया, जिससे ये खुलासा हुआ कि कई मामलों में अनधिकृत बैंक खातों में धनराशि ट्रांसफर की गई। आपदा राहत कोष की जाँच में भी पाया गया कि अनियमित भुगतान किए गए।

कांग्रेस विधायक बोले- एमपी भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया

कैग (CAG) रिपोर्ट में सरकारी योजनाओं में गड़बड़ी के खुलासे के बाद ग्वालियर पूर्व से कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार ने भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार चरम पर है और सरकार की योजनाओं में घोटाले उजागर हो रहे हैं। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में बसों के बजाय स्कूटरों और मोटरसाइकिलों के बिलों का भुगतान करना सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है। इसके अलावा, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना और संबल योजना में भी भ्रष्टाचार सामने आया है। सिकरवार ने कहा कि प्रदेश अब भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुका है।

पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव बोले- पीएसी में जाएगी रिपोर्ट

कैग रिपोर्ट को लेकर पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि हर रिपोर्ट की तरह यह भी लोक लेखा समिति (PAC) में जाएगी, जहां इसका परीक्षण किया जाएगा। भार्गव ने कहा कि प्रक्रिया के तहत रिपोर्ट की जांच होगी और उसके बाद ही इस पर कोई ठोस निर्णय लिया जाएगा।

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