उत्तर प्रदेशः बीजेपी विधायक रेप के मामले में दोषी करार, क्या रद्द होगी विधानसभा की सदस्यता?

सुप्रीम कोर्ट के 2013 में दिए एक आदेश के अनुसार कोई भी सांसद या विधायक किसी आपराधिक मामले में सक्षम न्यायालय से अगर दो साल से ज्यादा सजा पाता है तो उसकी विधायकी या सांसदी स्वतः निरस्त हो जाएगी। 15 दिसम्बर को एमपी/एमएलए कोर्ट सुनाएगा सजा।
पुलिस ने विधायक को किया गिरफ्तार।
पुलिस ने विधायक को किया गिरफ्तार।

लखनऊ। यूपी के सोनभद्र (Sonbhdra) के दुद्धी विधानसभा के वर्तमान बीजेपी विधायक रामदुलार सिंह गौड़ को रेप के मामले में दोषी मानते हुए तुरंत गिरफ्तारी का आदेश दे दिया गया, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में 15 दिसंबर को सजा का ऐलान किया जाएगा।

इस मामले में सवाल यह भी उठ रहे हैं कि इस गम्भीर अपराध के बाद क्या बीजेपी विधायक की विधायकी जाएगी? हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) द्वारा पीएम मोदी पर टिप्पणी करने के मामले में सांसदी चली गई थी। वहीं तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua moitra) पर भी यह कार्रवाई अमल में लाई गई है।

जानिए क्या है पूरा मामला ?

जानकारी के मुताबिक यूपी के सोनभद्र जिले में एक नाबालिग से रेप की ये वारदात साल 2014 में हुई थी। उस वक्त रेप के दोषी रामदुलार सिंह गौड़ की पत्नी म्योरपुर थाना क्षेत्र के एक गांव की प्रधान थीं। प्रधानपति होने की वजह से गौड़ की गांव में दबंगई थी। पीडि़ता के भाई के अनुसार 4 नवंबर 2014 को शाम 7 बजे उसकी बहन रोती हुई घर आई थी। परिजनों ने जब रोने की वजह पूछी तो काफी देर बाद उसने बताया कि रामदुलार ने उसका बलात्कार किया है। इसके बाद पीडि़ता के परिजनों ने थाने में गौड़ के खिलाफ तहरीर दी थी।

पहले रेप का ये केस जिला अदालत में चल रहा था, लेकिन रामदुलाऱ के विधायनक बन जाने के बाद इसे एमपी/एमएलए कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया। यहां चली लंबी सुनावाई के बाद अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (प्रथम) एमपी/एमएलए कोर्ट एहसान उल्लाह खान ने विधायक को रेप केस में दोषी पाया है। विशेष लोक अभियोजक (पॉक्सो) सत्यप्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि कोर्ट ने सजा सुनाने के लिए 15 दिसंबर की तारीख तय करते हुए भाजपा विधायक को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

आरोप है कि बीजेपी विधायक रामदुलार सिंह गौड़ ने पॉस्को एक्ट से बचने के लिए पीडि़ता का फर्जी स्कूल सर्टिफिकेट बनवाया था। उन्होंने अपने रसूख के दम पर स्कूल सर्टिफिकेट में उसकी जन्मतिथि बढ़ा दी थी, ताकि उसे बालिग साबित किया जा सके। लेकिन पीडि़त पक्ष ने उसकी साजिश का भंडाफोड़ करते हुए कोर्ट को सच बता दिया था। इसके बाद स्कूल के प्रधानाचार्य को तलब करके कोर्ट ने असली सर्टिफिकेट सामने रखा लिया था। विधायक की इस हरकत की वजह से उनका केस कोर्ट में कमजोर हो गया।

कोर्ट की अवमानना करने पर 3 घंटे कोर्ट में खड़ा रखा

इसी साल जनवरी में इस केस की सुनवाई के दौरान हाजिर नहीं होने पर अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय राहुल मिश्रा की अदालत ने विधायक के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था। पुलिस को उनको गिरफ्तार कर 23 जनवरी को कोर्ट में हाजिर कराने का आदेश दिया था। विधायक की तरफ से 10 जनवरी, 17 जनवरी और 19 जनवरी को बीमारी का हवाला देकर सुनवाई के दौरान गैर-हाजिर रहने की अनुमति मांगी गई थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। अगली सुनवाई में उनको कोर्ट में तीन घंटे तक खड़ा रखा गया था।

पॉस्को एक्ट के तहत उम्रकैद से मौत तक की सजा

बीजेपी विधायक रामदुलार सिंह गौड़ के खिलाफ पुलिस ने आईपीसी की धारा 376 (बलात्कार), 506 (आपराधिक धमकी के लिए सजा) और पॉस्को एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। पॉक्सो यानी प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस एक्ट को साल 2012 में लाया गया था। इस कानून में पहले मौत की सजा नहीं थी, लेकिन 2019 में इसमें संशोधन कर मौत की सजा का भी प्रावधान कर दिया। इस कानून के तहत उम्रकैद की सजा मिलती है तो दोषी को जीवन भर जेल में ही बिताने होता है।

दो साल से ज्यादा सजा तो जाएगी विधायकी

सुप्रीम कोर्ट के 2013 में दिए एक आदेश के अनुसार कोई भी सांसद या विधायक किसी आपराधिक मामले में सक्षम न्यायालय से अगर दो साल से ज्यादा सजा पाता है तो उसकी विधायकी या सांसदी स्वतः निरस्त हो जाएगी। इसके अलावा आचार संहिता या विशेषाधिकार समिति भी विशेष नियमों के तहत सदस्यता रद्द कर सकती है।

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