MP के स्वच्छ इंदौर में ज़हरीला पानी! भागीरथपुरा में दूषित पेयजल से 5 मौतें, 35 से ज्यादा बीमार, जांच समिति गठित

इलाके के मेडिकल शॉप संचालकों के मुताबिक उल्टी-दस्त, बुखार और डिहाइड्रेशन की दवाइयां इतनी तेजी से बिकीं कि कुछ ही दिनों में स्टॉक खत्म हो गया।
इंदौर के भागीरथपुरा में दूषित पेयजल से 5 मौतें, 35 से ज्यादा बीमार
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भोपाल। देश के सबसे स्वच्छ शहरों में शुमार इंदौर के भागीरथपुरा इलाके में दूषित पेयजल ने भयावह स्थिति पैदा कर दी है। यहां गंदा पानी पीने से 5 लोगों की मौत का दावा सामने आया है, जबकि 35 से अधिक लोग उल्टी-दस्त, बुखार और डिहाइड्रेशन की शिकायत के बाद अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं। मृतकों में नंदलाल पाल (75), उर्मिला यादव (69), उमा कोरी (31), मंजुला पति दिगंबर (74) और सीमा प्रजापत के नाम बताए गए हैं। हालांकि, जिला प्रशासन ने फिलहाल 3 मौतों की ही आधिकारिक पुष्टि की है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार नंदलाल पाल, उर्मिला यादव और तारा कोरी की मौत डायरिया से हुई है। अन्य मामलों की जांच जारी है।

मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने देर रात सख्त कदम उठाए। जोनल अधिकारी शालिग्राम शितोले और प्रभारी असिस्टेंट इंजीनियर (पीएचई) योगेश जोशी को निलंबित कर दिया गया, जबकि प्रभारी डिप्टी इंजीनियर (पीएचई) शुभम श्रीवास्तव की सेवाएं समाप्त कर दी गईं।

इसके साथ ही तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की गई है। समिति के अध्यक्ष आईएएस नवजीवन पंवार होंगे। इसमें सुपरिटेंडेंट इंजीनियर प्रदीप निगम और मेडिकल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शैलेश राय को भी सदस्य बनाया गया है। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।

शौचालय के नीचे मिली मेन लाइन में लीकेज

जांच के दौरान यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया कि भागीरथपुरा में चौकी से लगे एक शौचालय के ठीक नीचे मेन पानी की लाइन में लीकेज है। आशंका जताई जा रही है कि इसी लीकेज के कारण गंदा और दूषित पानी पेयजल पाइपलाइन में मिल गया, जिससे पूरे इलाके में पानी प्रदूषित हो गया।

मंत्री और महापौर ने संभाला मोर्चा

घटना के बाद मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मंगलवार को भागीरथपुरा का दौरा किया और अस्पताल पहुंचकर मरीजों का हालचाल जाना। उन्होंने बताया कि इलाके से पानी के 70 से अधिक सैंपल लिए गए हैं। सभी मरीजों का इलाज सरकार के खर्च पर कराया जाएगा। जिन लोगों ने इलाज के लिए पहले से पैसे जमा किए हैं, उन्हें रिफंड कराया जाएगा।

वहीं, महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि घटना के लिए जो भी जिम्मेदार होंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल इलाके में 50 टैंकरों के जरिए स्वच्छ पानी की आपूर्ति की जा रही है। नागरिकों की सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर 7440440511 जारी किया गया है।

दूषित पानी से बिगड़ी तबीयत

भागीरथपुरा निवासी नंदलाल पाल की मंगलवार सुबह वर्मा नर्सिंग होम में मौत हो गई। उन्हें 28 दिसंबर को उल्टी-दस्त की शिकायत के बाद भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने मौत का कारण कार्डियक अरेस्ट बताया और कहा कि नंदलाल को पहले से ब्लड प्रेशर की समस्या थी और वे नियमित दवा नहीं लेते थे।

हालांकि, परिजनों का आरोप है कि दूषित पानी पीने के बाद ही उनकी तबीयत अचानक बिगड़ी। इसी तरह अन्य मृत महिलाओं के परिजनों ने भी दावा किया कि पानी पीने के कुछ ही घंटों बाद हालत खराब हुई और उन्हें बचाया नहीं जा सका।

चार महीने पहले हुआ था टेंडर, अब आनन-फानन में खोला गया

भागीरथपुरा में नई पानी की पाइपलाइन डालने के लिए अगस्त 2025 में टेंडर जारी किया गया था, लेकिन उसे महीनों तक नहीं खोला गया। करीब 2.40 करोड़ रुपये की लागत से यह पाइपलाइन प्रस्तावित थी। टेंडर दस्तावेजों में पहले से ही गंदे और दूषित पानी की शिकायतों का उल्लेख मौजूद था, इसके बावजूद अधिकारियों ने प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ाई। अब मौतों के बाद आनन-फानन में टेंडर खोलकर काम शुरू करने की तैयारी की जा रही है।

मेडिकल दुकानों में दवाइयों का संकट

इलाके के मेडिकल शॉप संचालकों के मुताबिक उल्टी-दस्त, बुखार और डिहाइड्रेशन की दवाइयां इतनी तेजी से बिकीं कि कुछ ही दिनों में स्टॉक खत्म हो गया। दुकानदारों को दोबारा दवाइयां मंगानी पड़ीं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि समय रहते पाइपलाइन की मरम्मत और पानी की गुणवत्ता की जांच की जाती, तो इतनी बड़ी त्रासदी टाली जा सकती थी।

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