
भोपाल। इन दिनों सोशल मीडिया पर मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल सहित इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर शहर में ढाबों होटलों में तंदूर भट्टी के प्रयोग पर पूर्णतः प्रतिबंध की खबर तेजी से प्रसारित हो रहीं है। यहां तक कि कुछ बड़े मीडिया संस्थानों ने भी इस खबर की पुष्टि किए बगैर प्रसारित कर दिया है। दरअसल सोशल मीडिया पर प्रसारित खबरों के मुताबिक तंदूर पर प्रतिबंध के बाद उपयोग किए जाने पर 5 लाख का जुर्माना लगाए जाने की खबरें चल रहीं है।
वायरल ख़बरों में मध्यप्रदेश में बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण राजधानी भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर शहर में तंदूर पर प्रतिबंध लगाया जाना बताया जा रहा है। इसके साथ में यह दावा भी किया जा रहा है। कि खाद्य सुरक्षा विभाग ने ये आदेश जारी किए हैं। साथ ही ख़बरों में आदेश के अंतर्गत बढ़ते प्रदूषण का हवाला देकर ढाबों-होटलों में तंदूर पर रोक लगाने का निर्णय लेने की बात कही गई है। इसके साथ ही खाद्य विभाग ने इस आदेश पर तुरंत अमल करने को कहा है। खाद्य सुरक्षा विभाग ने ढाबों होटलों के मालिकों को इस संबंध में नोटिस भी जारी कर दिया है। ढाबों और होटलों के संचालकों को लकड़ी और कोयला के तंदूर का उपयोग बंद करने के आदेश दिए गए हैं। उन्हें इलेक्ट्रिक ओवन या एलपीजी गैस सिलेंडर का इस्तेमाल करने के भी निर्देश दिए गए हैं। यह भी प्रसारित ख़बरों में लिखा है।
द मूकनायक ने इस पूरे मामले की पड़ताल की जिसमें पाया गया कि मध्यप्रदेश के भोपाल, इंदौर और ग्वालियर में तंदूर के प्रतिबंध का कोई भी आदेश जारी नहीं हुआ है। द मूकनायक से बातचीत करते हुए भोपाल संभाग के प्रदूषण मंडल अधिकारी बृजेश शर्मा ने बताया की मीडिया में चल रहीं खबरें गलत हैं। भोपाल में इस तरह का कोई भी आदेश की जानकारी अभी तक नहीं है। उन्होंने बताया की प्रदूषण मंडल समय-समय कई तरह के दिशा निर्देश जारी करता है। लेकिन अभी तंदूर के प्रतिबंध को लेकर कोई भी आदेश जारी नहीं हुआ है।
भोपाल के होशंगाबाद रोड में पर होटल संचालक प्रकाश मिश्रा ने बताया कि उन्हें तंदूर को बंद किए जाने संबंधी कोई भी नोटिस नहीं मिला है। लेकिन उन्होंने खबरों में पढ़ा कि भोपाल में तंदूर पर प्रतिबंध किया गया है। उन्होंने कहा खबर पढ़ने के बाद घबरा गया था। क्योंकि ज्यादातर ग्राहक खाने में तंदूर से बनी रोटी ही मांगते हैं। प्रकाश ने बताया कि "मैंने जब जानकारी ली तो पता लगा अभी ऐसा आदेश भोपाल के लिए नहीं आया है।"
दरअस्ल मध्यप्रदेश के जबलपुर में स्थानीय प्रशासन ने सिर्फ जबलपुर क्षेत्र में तंदूर पर प्रतिबंध लगाया है। लेकिन प्रदेश के अन्य शहर भोपाल, इंदौर और ग्वालियर में इस तरह का कोई भी आदेश जारी नहीं किया गया। जबलपुर में तंदूर पर प्रतिबंध के बाद होटल संचालकों का कहना है कि प्रशासन का आदेश व्यावहारिक नहीं है। आदेश का उल्लंघन करने वालों पर 5 लाख रुपए जुर्माने की बात भी कही गई है। ऐसा आदेश जारी करने वाला जबलपुर प्रदेश में पहला जिला है।
दरअसल, खाद्य विभाग ने तंदूर पर प्रतिबंध के बाद हाल ही में 50 होटलों को नोटिस जारी किया है। इसमें लकड़ी और कोयले वाले तंदूर नहीं सुलगाने की बात कही गई है। इसके बजाय एलपीजी या इलेक्ट्रिक तंदूर जलाने की सलाह दी गई है। तर्क दिया गया है कि ये निर्णय हवा की क्वालिटी सुधारने के उद्देश्य से लिया गया है।
जबलपुर संभाग आयुक्त के अनुसार केंद्र सरकार के निर्देश पर एयर क्वालिटी सुधारने और पर्यावरण की दृष्टि से सभी राज्य अलग-अलग अभियान चला रहे हैं कि कैसे प्रदूषण को कम किया जाए। इसी कड़ी में जबलपुर में प्रशासन ने भी कोशिश की है कि जिले में हवा की गुणवत्ता बेहतर रखना है। संभागायुक्त व्ही चंद्रशेखर ने बताया कि जानकारी मिली थी कि होटल में चलने वाले तंदूरों को लकड़ी और कोयला से जलाया जा रहा है। इससे निकलने वाले धुएं से प्रदूषण फैल रहा है। इसे कम करने के लिए होटल संचालकों को निर्देश दिए गए हैं कि मिट्टी के तंदूर की जगह इलेक्ट्रिक तंदूर या एलपीजी तंदूर का उपयोग करें।
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