दिल्ली: कामकाजी महिलाओं ने कहा- वेतन के साथ मिले माहवारी अवकाश

विचार गोष्ठी में पेड लीव के समर्थन में गाना हुआ रीलीज, फिल्म बनाने की भी हुई घोषणा
दिल्ली: कामकाजी महिलाओं ने कहा- वेतन के साथ मिले माहवारी अवकाश

नई दिल्ली। विश्व माहवारी-स्वच्छता दिवस पर गत रविवार को बिहार निवास में पेड पीरियड लीव (सवैतनिक माहवारी अवकाश) पर एक विचार गोष्ठी आयोजित हुई। इस अवसर पर पेड पीरियड लीव की मांग को प्रोमोट करने के लिए एक गाने को भी रिलीज किया गया। पेड पीरियड लीव गाने के लेखक और उसके फिल्मांकन निदेशक सुमन्त यादव हैं। गायन होमेन्द्र भारती और दीक्षा धनगर का है। इसे मयारू स्टूडियो ने प्रोड्यूस किया है। इसे रिलीज खबर लोक चौनल ने किया।

गौरतलब है कि बिहार पहला राज्य है जहां 1992 में दो दिवसीय सवैतनिक पीरियड अवकाश घोषित की गयी थी। महिला संगठनों की मांग पर सरकारी महिलाकर्मियों के लिए महीने में दो दिन के विशेष अवकाश की व्यवस्था तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने की थी।

ओडिशा के संबलपुर की रहने वाली कानून की पढ़ाई कर चुकी रंजीता प्रियदर्शिनी ने अपनी नौकरी छोड़कर पेड पीरियड अभियान शुरू किया है। रंजीता ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, बिहार, मध्य प्रदेश, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, मणिपुर, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, पुडुचेरी व झारखंड समेत अन्य कई राज्यों के नेताओं से मुलाकात कर पेड पीरियड लीव लागू करवाने के लिए ज्ञापन दे चुकी है। कामकाजी महिलाओं को पेड पीरियड लीव की सुविधा मुहैया करवाने के लिए वह केंद्रीय मंत्रियों से भी मिलती रही हैं।

रंजीता के अभियान ने कई निजी कंपनियों में पेड पीरियड लीव लागू कराया है। रंजीता लंबे दौर तक कॉरपोरेट में एचआर में काम कर चुकी हैं और अपने काम के लिए नेशनल सम्मानों से सम्मानित भी हैं। रंजीता जल्द बिहार में लालू प्रसाद और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व अन्य नेताओं से मिलकर अपने अभियान को गति देने वाली हैं।

उनकी पहल पर बिहार निवास में गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि विधायक ललन कुमार ने बताया कि बिहार विधानसभा में बजट सत्र में निजी क्षेत्रों में भी पेड पीरियड लीव की मांग उठाई। हालांकि जिस दिन विधायक ने यह मांग की उसके दूसरे दिन ही बिहार में ठेके पर कार्यरत महिला कर्मियों को पेड माहवारी लीव की सुविधा से वंचित कर दिया गया था। जिसका व्यापक विरोध हुआ।

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इस पृष्ठभूमि में बिहार निवास में हुई गोष्ठी बेहद महत्वपूर्ण है। पेड पीरियड लीव के लिए गाने को रिलीज करने के बाद इस पर इसी नाम से फिल्म बनाने की घोषणा भी पेड पीरियड गाने के निदेशक सुमन्त यादव ने किया।

इस अवसर पर स्त्रीकाल के सम्पादक संजीव चंदन, छत्तीसगढ़ में सीआरपीएफ बोर्ड मेम्बर, डॉ. आशा, सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता अनिता महापात्रा आदि वक्ताओं ने पेड लीव की आवश्यकता पर बात की और इस अभियान को समर्थन दिया। वक्ताओं ने इस अभियान को एक व्यक्ति के रूप में महिलाओं को स्वीकार किए जाने का एक अभियान और प्रसंग बताया। कार्यक्रम में कई साहित्यकार, संस्कृतिकर्मी, सोशल एक्टिविस्ट शामिल हुए।

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