
नई दिल्ली: जानी-मानी पत्रकार और 'वाशिंगटन पोस्ट' की स्तंभकार राणा अय्यूब को फोन पर कई गंभीर धमकियाँ मिली हैं। धमकी देने वाले ने न केवल उनके घर का पता बताया, बल्कि उन्हें और उनके परिवार को नुकसान पहुँचाने की भी बात कही। इस भयावह घटना के बाद, 'कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स' (CPJ) ने सोमवार को भारतीय अधिकारियों से अय्यूब और उनके परिवार की सुरक्षा तुरंत सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाने की पुरजोर मांग की है।
क्या है पूरा मामला?
राणा अय्यूब ने CPJ को जानकारी दी और 3 नवंबर को पुलिस में एक शिकायत भी दर्ज कराई। शिकायत के अनुसार, उन्हें 2 नवंबर को 20 मिनट के भीतर एक अंतरराष्ट्रीय नंबर से व्हाट्सएप पर कई वीडियो कॉल, फोन कॉल और संदेश आए।
4 नवंबर को अय्यूब ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर इस घटना का विवरण साझा किया। उन्होंने लिखा, "2 नवंबर की रात, मुझे एक कनाडाई नंबर से फोन आया, जिसमें मुझे 'वाशिंगटन पोस्ट' में इंदिरा गांधी की हत्या का महिमामंडन करने वाला एक ऑप-एड (लेख) प्रकाशित नहीं करने पर मुझे और मेरे पिता को जान से मारने की धमकी दी गई।"
धमकी देने वाले ने दी घर के पते की जानकारी
अय्यूब के अनुसार, धमकी देने वाले ने उनकी निजी जानकारी का खुलासा किया। उन्होंने लिखा, "डिस्प्ले पिक्चर (DP) लॉरेंस बिश्नोई की थी। जिस व्यक्ति का नाम 'हैरी शूटर' के रूप में था, उसने मेरा निवास पता लिखा और कहा कि वह शूटरों को मेरे घर भेजेगा।"
धमकी देने वाले ने उनके परिवार को भी निशाना बनाया। अय्यूब ने बताया, "मेरे माता-पिता यात्रा कर रहे हैं, उसने उस शहर के बारे में लिखा जहाँ वे थे और कहा कि वह मेरे पिता को मार डालेगा और कोई भी उन्हें बचा नहीं पाएगा।"
अपनी पुलिस शिकायत में भी अय्यूब ने इस बात का उल्लेख किया कि फोन करने वाले की प्रोफाइल इमेज भारतीय गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की तस्वीर से मेल खाती है, जो वर्तमान में गुजरात राज्य की एक जेल में बंद है।
CPJ ने की तत्काल कार्रवाई की मांग
CPJ के भारत प्रतिनिधि कुणाल मजूमदार ने इस घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा, "राणा अय्यूब और उनके पिता को एक अज्ञात अंतरराष्ट्रीय नंबर से दी गई हिंसा की धमकियाँ बेहद चिंताजनक हैं। अधिकारियों को जिम्मेदार लोगों की पहचान करने और उन्हें जवाबदेह ठहराने के लिए तेजी से कार्रवाई करनी चाहिए और भारत में सभी पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए ताकि वे बिना किसी डर या हिंसा के काम कर सकें।"
पुलिस ने शुरू की जांच
राणा अय्यूब ने यह शिकायत नवी मुंबई के कोपर खैराने पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई है। धमकियों के तुरंत बाद, उन्होंने नवी मुंबई पुलिस से संपर्क किया, जिन्होंने सुरक्षा के लिए उनके आवास पर पुलिस अधिकारियों को भेजा और रात भर उनके आवास पर गश्त की। अय्यूब ने यह भी बताया कि पुलिस उनके माता-पिता के पास भी पहुँची, जहाँ वे यात्रा कर रहे थे।
हालांकि, 4 नवंबर की सुबह तक उन्होंने सूचित किया कि "अभी तक कोई FIR दर्ज नहीं की गई है।"
जब इस मामले पर नवी मुंबई के पुलिस आयुक्त मिलिंद भारांबे से मीडियाकर्मियों ने संपर्क किया, तो उन्होंने तुरंत कोई जवाब नहीं दिया। वहीं, वरिष्ठ निरीक्षक उमेश गवली ने यह कहते हुए टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि वह उस समय अय्यूब का बयान दर्ज करने की प्रक्रिया में थे।
यह पहली बार नहीं है जब राणा अय्यूब को इस तरह के उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है। पिछले साल भी पत्रकार का निजी नंबर ऑनलाइन लीक कर दिया गया था। उनकी रिपोर्टिंग के कारण उन्हें पहले भी लगातार ऑनलाइन ट्रोलिंग, आधिकारिक धमकी, आपराधिक जाँच और यहाँ तक कि बलात्कार और जान से मारने की धमकियों का सामना करना पड़ा है।
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