
शाहजहांपुर: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में बुधवार तड़के एक पुलिस छापे के दौरान 55 वर्षीय एक दलित व्यक्ति की छत से गिरकर संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। परिवार वालों ने एक सब-इंस्पेक्टर और एक सिपाही पर उन्हें छत से धक्का देकर नीचे फेंकने का आरोप लगाया है, जिसके बाद दोनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है।
यह घटना तिलहर थाना क्षेत्र के मौजमपुर गांव की है। पुलिस के अनुसार, वे सत्य भान नाम के व्यक्ति को हत्या के प्रयास के एक मामले में गिरफ्तार करने के लिए उनके घर गए थे।
क्या हैं परिवार के आरोप?
मृतक सत्य भान के परिवार का आरोप है कि सब-इंस्पेक्टर राहुल सिसौदिया और एक सिपाही देर रात उनके घर में जबरन घुसे, परिवार के साथ गाली-गलौज की और फिर सत्य भान को छत से धक्का दे दिया।
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के हवाले से जानकारी दी गई कि, सत्य भान बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सदस्य थे और पार्टी कार्यकर्ताओं के अनुसार, वह कटारा विधानसभा क्षेत्र के जोनल प्रभारी के रूप में भी कार्यरत थे। हालांकि, पुलिस के विवरण में उनके राजनीतिक पद का उल्लेख नहीं किया गया है।
मौत से पहले का कथित वीडियो
इस घटना से जुड़ा एक कथित वीडियो भी ऑनलाइन सामने आया है, जो उनकी मृत्यु से ठीक पहले का बताया जा रहा है। वीडियो में, बुरी तरह से घायल सत्य भान यह कहते हुए दिखाई दे रहे हैं, "राहुल सिसौदिया और सिपाही ने मुझे पीटा और छत से धक्का दे दिया।"
परिवार के सदस्य उन्हें पहले तिलहर अस्पताल ले गए, जहाँ से उन्हें शाहजहांपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। बुधवार सुबह करीब 3 बजे इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
पुलिस ने क्या कहा?
घटना के तूल पकड़ने के बाद, बुधवार शाम को मृतक की पत्नी रेखा गुप्ता की शिकायत पर सब-इंस्पेक्टर राहुल सिसौदिया और एक अज्ञात सिपाही के खिलाफ बीएनएस (BNS) की धारा 105 (गैर-इरादतन हत्या) के तहत FIR दर्ज की गई है।
इस पूरे प्रकरण पर शाहजहांपुर के एसपी राजेश द्विवेदी ने मीडिया को बताया, "हम आरोपों की जांच कर रहे हैं। परिवार ने पुलिस को सूचित नहीं किया था और घायल व्यक्ति को खुद ही अस्पताल ले गए थे। बाद में उन्हें दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किया गया। दोनों अस्पतालों के किसी भी दस्तावेज़ में यह उल्लेख नहीं है कि उन्हें किसी पुलिसकर्मी द्वारा छत से धक्का दिया गया था।"
एसपी ने यह भी कहा, "दो अधिकारी उनके घर गए थे, लेकिन उन्हें बताया गया कि वह (सत्य भान) दिल्ली में हैं। इसके बाद एक टीम को दिल्ली भेजा गया, और तभी हमें इस घटना की जानकारी मिली।"
बसपा कार्यकर्ताओं में आक्रोश
हालांकि, परिवार पुलिस के इस दावे को खारिज कर रहा है। उनका कहना है कि पुलिस ने छापेमारी के दौरान दरवाजा तोड़ा, सत्य भान घर पर ही थे और उन्हें जानबूझकर निशाना बनाया गया। इस घटना के बाद स्थानीय बसपा कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश है। उन्होंने आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए इस कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया है।
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