मध्य प्रदेश: क्रूरता से क्यों बेटियों की जान ले रहे जन्मदाता, सामने आया एक और मामला!

पिता ने अपनी आठ साल की नाबालिग बेटी का चाकू से गला रेत कर झाड़ियों में फेंक दिया।
मध्य प्रदेश: क्रूरता से क्यों बेटियों की जान ले रहे जन्मदाता, सामने आया एक और मामला!

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बच्चों के खिलाफ लगातार घटनाएं बढ़ रही हैं। एनसीआरबी के साल 2022 के आंकड़ों में भोपाल में बच्चों के खिलाफ 758 घटनाएं दर्ज हुईं हैं, जिनमें बच्चों के साथ  गंभीर मारपीट, हत्या, बलात्कार के अपराध शामिल हैं। हाल ही में भोपाल से एक घटना सामने आई है, जिसमें पिता ने अपनी आठ साल की बेटी का चाकू से गला रेत कर झाड़ियों में मरने के लिए फेंक दिया। कुछ समय बाद बच्ची को होश आया तो वह गला पकड़कर किसी तरह सड़क किनारे तक पहुंची। वहां से गुजर रहे लोगों ने उसे खून से लथपथ देख पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने बच्ची को इलाज के लिए हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया। जहां उसका उपचार चल रहा है। इधर, पुलिस ने आरोपी पिता के खिलाफ हत्या के प्रयास का प्रकरण दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है।

कोहेफिजा पुलिस के मुताबिक सागर जिले का रहने वाला 40 वर्षीय तेजसिंह लोधी भोपाल के टीला जमालपुरा में किराए के मकान में रहता है और शादी पार्टियों में टेंट लगाने का काम करता है। परिवार में पत्नी नेहा के अलावा आठ साल की बच्ची प्रीति लोधी और करीब एक साल का बेटा है। प्रीति उसकी पहली पत्नी की बेटी है, जिसका कोरोना काल में निधन हो चुका है, जबकि नेहा लोधी से उसने दूसरी शादी की है, जिससे एक बच्चा है। सोमवार रात करीब नौ बजे तेजसिंह अपनी बेटी प्रीति को मोटर साइकिल से लेकर घर से निकला था। उसने बेटी को बताया था कि उसे अपने ताऊ राजेश लोधी के घर चलना है।

कोहेफिजा स्थित मिलन शादी हाल के पास तेजसिंह ने अपनी बाइक रोकी और बेटी को नीचे उतारा। उसके बाद प्रीति का मुंह दबाकर वह उसे सड़क से कुछ दूर झाड़ियों के पास लेकर पहुंचा और जेब से चाकू निकालकर गला रेत दिया। उसके बाद बेटी को मरने के लिए झाड़ियों में फेंककर भाग निकला।

रात करीब 11:30 बजे प्रीति को होश आया तो वह अपना गला पकड़ कर झाड़ियों से बाहर निकली, और लाइट को देखते हुए सड़क किनारे तक पहुंची। राहगीरों की नजर पड़ी तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची तो बच्ची खून से लथपथ थी और गले पर चाकू के दो गहरे घाव थे। पुलिस ने तत्काल ही उसे इलाज के लिए हमीदिया अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने करीब 12 टांके लगाकर बहने वाले खून को रोका।

बच्चे की गले और सांस की नली नहीं कटी थी, इसलिए वह बोल पा रही थी। पुलिस और डॉक्टरों की पूछताछ में बच्ची ने बताया कि उसके पिता तेजसिंह उसे ताऊ के यहां चलने के लिए बोलकर साथ लाए थे और रास्ते में सुनसान इलाके में गाड़ी रोककर उसका गला काट कर झाड़ियों में फेंक दिया। पुलिस ने रात में ही घेराबंदी कर तेजसिंह को हिरासत में ले लिया था।

आरोपी से पूछताछ कर रही पुलिस 

पुलिस ने जब तेजसिंह के पूछताछ की तो उसका कहना था कि बच्ची उसे परेशान करती थी। हालांकि, बाद में वह चुप हो गया। ज्यादा पूछताछ पर उसने चुप्पी साध ली है। पुलिस का कहना है कि उसकी मन:स्थिति बातचीत करने लायक नहीं है। इधर, बच्ची की सौतेली मां ने भी ऐसी कोई जानकारी नहीं दी, जिससे घटना के कारणों का खुलासा हो पाए। मां ने किसी प्रकार के विवाद की जानकारी भी पुलिस को नहीं बताई है। पुलिस का कहना है कि माता-पिता के विस्तृत बयान होने के बाद ही घटना के कारणों का पता चल पाएगा।

जांच में जुटी पुलिस

द मूकनायक से बातचीत में पुलिस उपायुक्त रियाज इकबाल ने बताया कि पीड़ित बच्ची का पिता तेज सिंह लोधी उसे अपने बड़े पिता (ताऊ) के घर जाने के लिए कहकर अपने साथ ले गया था। आरोपी ने सैफिया कॉलेज के पास सुनसान इलाके में लड़की का गला काट दिया और उसे झाड़ियों में फेंक दिया। आरोपी को लगा कि नाबालिग मर जाएगी, लेकिन होश आते ही लड़की झाड़ियों से निकलकर सड़क पर आ गई, और लोगों ने लड़की को घायल अवस्था में देखकर पुलिस को सूचना दी। लड़की का अस्पताल में इलाज चल रहा है। आरोपी के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है। मामले की जांच की जा रही है। आरोपी के परिवार से बात कर रहें है। घटना का कारण फिलहाल स्पष्ट नहीं हुआ है।

इससे पहले पत्नी से विवाद के चलते अपनी चार साल की मासूम बेटी को पिता ने नदी में फेंक दिया था। इस घटना के लोगों को बेटियों के खिलाफ हिंसा के मामलों के रूप में झकझोर कर रख दिया था।

बाल आयोग ने प्रतिवेदन मांगा

नाबालिग बच्ची के साथ हुई घटना के बाद उसके पुनर्वास को लेकर मध्य प्रदेश राज्य बाल संरक्षण आयोग ने कलेक्टर को पत्र लिखा है। द मूकनायक से बातचीत करते हुए बाल आयोग के सदस्य ओंकार सिंह ने बताया कि पुलिस ने आरोपी पिता के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। लेकिन अब बच्ची के पालन के लिए उसके परिवार में कौन है। जो बच्ची की जिम्मेदारी लेकर उसका पालन और संरक्षण करेंगे। इस संबंध में कलेक्टर को पत्र भेजकर जानकारी मांगी है। सिंह ने कहा यदि बच्ची के परिजन नहीं है तो, उसकी रहने की व्यवस्था करेंगे। 

NCRB: महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बड़े अपराध

एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 4,45,256 मामले दर्ज किए गए, जो 2021 में 4,28,278 की तुलना में 4% की वृद्धि है। वहीं बच्चों के खिलाफ अपराध के 1,62,449 मामले दर्ज किए गए, जो 2021 की तुलना में 8.7% (1,49,404 मामले) की वृद्धि दर्शाते हैं। मध्य प्रदेश में भी बच्चों के खिलाफ मामले बढ़े हैं। आंकड़ों के अनुसार राजधानी भोपाल में साल 2022 में 758 अपराध बच्चों के खिलाफ दर्ज हुए। 

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