भोपाल। मध्य प्रदेश के ग्वालियर स्थित गजरा राजा मेडिकल कॉलेज के रविशंकर बॉयज हॉस्टल में सोमवार देर रात एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्र की संदिग्ध हालात में बिल्डिंग से गिरकर मौत हो गई। मृतक की पहचान आदिवासी छात्र यशराज उइके (21) निवासी रानीपुरा, बैतूल के रूप में हुई है। यशराज का नीट परीक्षा पास करने के बाद हाल ही में इस कॉलेज में एडमिशन हुआ था।
मृतक के पिता ने कहा कि उनका बेटा “डॉक्टर बनने का सपना” देख रहा था। वे मानने को तैयार नहीं कि उसने खुदकुशी की। परिजन ने घटना पर संदेह जताते हुए कहा कि, कुछ तो हुआ है। अब इस मामले में रैगिंग का संदेह भी जताया जा रहा है।
क्या है पूरी घटना?
झांसी रोड थाना पुलिस के मुताबिक, सोमवार रात करीब 9:45 बजे रविशंकर हॉस्टल के ओपन एरिया से एक छात्र के नीचे गिरने की आवाज सुनाई दी। हॉस्टल के गार्ड्स जब मौके पर पहुंचे, तो छात्र पोर्च एरिया में खून से लथपथ पड़ा था। तुरंत उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
घटनास्थल पर मौजूद गार्ड कपिल कुमार ने बताया कि आवाज सुनते ही छात्र और वार्डन मौके पर पहुंचे। छात्र के पास कोई बाहरी व्यक्ति नहीं देखा गया।
मोबाइल वहीं मिला, जिससे ‘हादसा’ मान रही पुलिस
पुलिस को घटनास्थल से मृतक यशराज का मोबाइल फोन मिला, जो ठीक वहीं रखा था जहां से वह गिरा। इस आधार पर पुलिस को प्राथमिक तौर पर यह हादसे का मामला लग रहा है।
झांसी रोड थाना प्रभारी शक्ति सिंह यादव ने बताया, “पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में स्पष्ट है कि मौत पेट में गंभीर चोट और इंटरनल ब्लीडिंग से हुई है। मोबाइल उसी जगह मिला है जहां से वह गिरा था, जिससे यह माना जा रहा है कि यह हादसा हो सकता है। फिर भी सभी एंगल से जांच की जा रही है।”
शॉर्ट पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खुलासा
शॉर्ट पीएम रिपोर्ट में सामने आया है कि यशराज की कोहनी और पैर में चोट थी। डॉक्टरों के अनुसार, “संभावना है कि वह रेलिंग पर बैठा हुआ था, मोबाइल पास में रखा था, तभी उसका संतुलन बिगड़ गया और वह पीठ के बल नीचे गिर गया। पेट पर जोर पड़ने से लिवर सहित कई आंतरिक अंग क्षतिग्रस्त हो गए, जिससे उसकी मौत हुई।”
यशराज को रूम अलॉट नहीं हुआ था
मृतक यशराज को अभी हॉस्टल में आधिकारिक रूप से कोई रूम नहीं मिला था। वह अपने दोस्त और कॉलेज के ही छात्र प्रवीण सहरिया (गुना निवासी) के रूम में अघोषित रूप से रह रहा था। प्रवीण ने बताया कि घटना से सिर्फ पांच मिनट पहले यशराज उससे मिलकर गया था और कहा था, “अभी आता हूं।”
रूम पार्टनर प्रवीण सहरिया, ने पुलिस को बताया, “थोड़ी देर बाद नीचे किसी के गिरने की आवाज आई। जब सभी छात्र दौड़े, तो छत पर यशराज का मोबाइल पड़ा था। तब समझ आया कि कुछ अनहोनी हो गई है।”
परिजनों ने जताया संदेह, बोले - “हमारा बेटा खुदकुशी नहीं कर सकता”
बैतूल से ग्वालियर पहुंचे यशराज के पिता पंचम उइके का कहना है कि वे हर दिन बेटे से फोन पर बात करते थे, लेकिन सोमवार को उसका कॉल नहीं आया।
“वह बहुत सीधा-सादा लड़का था। न किसी से झगड़ा, न किसी से दुश्मनी। पूरा ध्यान पढ़ाई पर था। वह खुदकुशी नहीं कर सकता। कुछ न कुछ जरूर हुआ है।”
परिजनों ने रैगिंग की आशंका को नकारा, लेकिन यह सवाल जरूर उठाया कि अगर वह पीठ के बल गिरा, तो शरीर पर अपेक्षित गंभीर चोटें क्यों नहीं हैं।
फॉरेंसिक टीम क्यों नहीं बुलाई गई?
घटना की गंभीरता के बावजूद पुलिस ने मौके पर फॉरेंसिक टीम नहीं बुलाई, जिससे जांच पर सवाल उठ रहे हैं। फॉरेंसिक विशेषज्ञों की राय में, यदि एक्सपर्ट मौके पर होते, तो यह स्पष्ट किया जा सकता था कि छात्र किस दिशा से गिरा, किस मुद्रा में था, और क्या किसी बाहरी हस्तक्षेप की संभावना है या नहीं। जांच अधिकारियों ने अब तक सीन रिक्रीएशन भी नहीं कराया, जो इस तरह के मामलों में सामान्य प्रक्रिया मानी जाती है।
कॉलेज प्रशासन ने दी सफाई
रविशंकर हॉस्टल के वार्डन सुरेंद्र यादव ने बताया कि घटना जांच का विषय है। उन्होंने कहा, “कैसे गिरा यह स्पष्ट नहीं है। पुलिस जांच कर रही है। रैगिंग की जो बातें सोशल मीडिया पर चल रही हैं, वे पूरी तरह अफवाह हैं। ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।”
इस साल ही हुआ था MBBS में दाखिला
यशराज उइके ने 2024 में नीट परीक्षा पास की थी। उसे गजरा राजा मेडिकल कॉलेज, ग्वालियर में एमबीबीएस कोर्स के लिए प्रवेश मिला। दीपावली पर वह बैतूल अपने घर पूजा के लिए गया था और 27 अक्टूबर को ग्वालियर लौटा था। वह फर्स्ट ईयर के पहले सेमेस्टर की पढ़ाई शुरू कर ही रहा था। परिवार के अनुसार, उसका सपना डॉक्टर बनकर “समाज की सेवा” करने का था।
जांच जारी, मोबाइल अनलॉक होने का इंतजार
पुलिस के पास अब यशराज का मोबाइल है, जिसे अनलॉक कराने की कोशिश की जा रही है। टीआई शक्ति सिंह यादव ने कहा, “हम मोबाइल की कॉल डिटेल और चैट हिस्ट्री देख रहे हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि आखिरी बार उसने किससे बात की थी या कोई मानसिक तनाव था या नहीं।”
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