मध्य प्रदेश: आरक्षित सीट से सरपंच बने आदिवासी युवक को मनबढ़ों ने पीटा, जानिए क्या है कारण?

आदिवासी सरपंच को मनबढ़ अपने हिसाब से चलाना चाहते हैं। मनबढ़ों के कहे मुताबिक काम नहीं करने पर गांव के कुछ लोगों ने आदिवासी सरपंच को जमकर पीटा, पुलिस ने किया मामला दर्ज.
मारपीट
मारपीटसांकेतिक चित्र

भोपाल। मध्य प्रदेश के अशोकनगर जिले के एक आदिवासी सरपंच ने गाँव के मनबढ़ों पर मारपीट का आरोप लगाया है। मामला ग्राम पंचायत गीला रोपा से सामने आया है, यहां पंचायत चुनाव में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हुई सीट से सरपंच बने आदिवासी युवक को मनबढ़ अपने हिसाब से चलाना चाहते हैं। मनबढ़ों के कहे मुताबिक काम नहीं करने पर गांव के कुछ लोगों ने पहले तो आदिवासी सरपंच को जमकर पीटा। फिर जनपद सीईओ से शिकायत करते हुए वहां चल रहे निर्माण कार्यों को रुकवा दिया।

ग्राम पंचायत गीला रोपा के सरपंच पहाड़ सिंह आदिवासी ने आरोप लगाया है कि, गांव के सुनील कटारिया और अजबसिंह कटारिया कहते हैं कि सरपंची तो हम ही चलाएंगे। पहाड़ सिंह ने कहा कि दबंगों के कहे मुताबिक काम नहीं किया तो 3 महीने पहले उन्होंने मेरे साथ मारपीट की। अब नेताओं के माध्यम से जनपद सीईओ से झूठी शिकायत करते हुए पंचायत में हो रहे निर्माण आदि सारे काम रुकवा दिए। आदिवासी सरपंच ने कहा कि आरोपी मुझे मेरे घर आकर धमकाते हैं, डराते हैं और कहते हैं कि सरपंची तुझे चलाने नही देंगे। पहाड़ सिंह ने कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ को लिखित आवेदन देकर सरपंची छीनने वाले दबंगों पर कार्रवाई करने की मांग की है।

सरपंच पहाड़ सिंह ने बताया कि, "विगत 29 फरवरी को सुनील कटारिया और राजपाल कटारिया ने बहादुरपुर से मेरा अपहरण कर लिया और मेरे साथ मारपीट की गई। बाद में मेरे परिजनों ने मुझे छुड़वाया। इसपर 1 मार्च को मेने बहादुरपुर थाने में शिकायत की जिसके बार आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। उक्त प्रकरण में समझौता करने के लिए भी दबंग लगातार मुझे धमकी दे रहे हैं।"

बहादुरपुर थाना प्रभारी अरविंद सिंह कछवाह ने द मूकनायक को बताया कि सरपंच की शिकायत पर प्रकरण दर्ज करते हुए आरोपियों की पहले ही गिरफ्तारी की जा चुकी है। आरोपियों के विरुद्ध मारपीट, गाली-गलौज व धमकी के साथ एट्रोसिटी एक्ट की धाराओं में प्रकरण दर्ज किया था। वे लोग जमानत पर ही बाहर हैं। यदि मनबढ़ अब भी धमकी दे रहे हैं, तो हम नियमानुसार कार्रवाई करेंगे।

NCRB: देशभर में एसटी पर अत्याचारों पर एमपी टॉप पर।

एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक साल 2022 में आदिवासियों के उपर 2979 मामले सामने आए जो कि पिछले साल के क्राइम के मुकाबले में 13 फीसदी अधिक हैं। पिछले तीन सालों से प्रदेश आदिवासी अत्याचारों में टॉप पर बना हुआ है। 2,521 मामलों के साथ राजस्थान दूसरे और 742 मामलों के साथ महाराष्ट्र तीसरे स्थान पर है।

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