केरल में आदिवासी युवक पर बर्बर हमला: जड़ी-बूटी चोरी के आरोप में पीटा, सिर की हड्डी टूटी; पुलिस की कार्रवाई पर सवाल

चोरी के शक में व्यापारी ने की थी बर्बरता, सिर की हड्डी टूटी; पीड़ित परिवार ने पुलिस पर लगाया हल्की धाराओं में केस दर्ज करने का आरोप, SC/ST एक्ट की मांग।
Attapady Tribal Assault
अट्टापदी में 26 वर्षीय आदिवासी युवक पर जानलेवा हमला। चोरी के शक में पीटा, सिर में गंभीर चोट। पुलिस की भूमिका पर उठे सवाल।(Ai Image)
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पलक्कड़: केरल का पलक्कड़ जिला अभी वालयार मॉब लिंचिंग की घटना से उजे गुस्से से पूरी तरह उबरा भी नहीं था कि अट्टापदी से एक और दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहाँ एक 26 वर्षीय आदिवासी युवक, मणिकंदन, को चोरी के शक में बेरहमी से पीटा गया। पीड़ित युवक गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती है, लेकिन परिवार का आरोप है कि पुलिस इस मामले में उदासीन रवैया अपना रही है और आरोपियों के खिलाफ हल्की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।

क्या है पूरा मामला?

घटना 7 दिसंबर की है। पलक्कड़ के पालूर निवासी मणिकंदन पर आरोप है कि उसने एक औषधीय पौधे की जड़ चुराई थी। इसी शक के आधार पर औषधीय पौधों के थोक व्यापारी, रामराज ने मणिकंदन के साथ कथित तौर पर मारपीट की। यह हमला इतना भयानक था कि मणिकंदन को गंभीर चोटें आईं।

हमले के दो दिन बाद, यानी 9 दिसंबर को, मणिकंदन कोझिकोड में एक चुनाव प्रचार अभियान के दौरान आदिवासी वाद्ययंत्र बजाने गया था। वहां कार्यक्रम के बीच में ही वह अचानक गिर पड़ा। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने जांच के बाद बताया कि उसे आंतरिक चोटें आई हैं और उसके सिर की हड्डी (स्कल) में फ्रैक्चर है। फ़िलहाल, मणिकंदन का इलाज अट्टापदी ट्राइबल तालुक स्पेशलिटी हॉस्पिटल में चल रहा है।

पुलिस की कार्रवाई और परिवार का आक्रोश

मणिकंदन के परिवार ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि जब मणिकंदन कोझिकोड के अस्पताल में भर्ती था, तब पुलिस वहां जानकारी लेने पहुंची थी, लेकिन उनका व्यवहार बेहद उदासीन था। परिवार का कहना है कि पुलिस ने आरोपी रामराज के खिलाफ शुरुआत में केवल मामूली धाराएं लगाईं, जबकि मामला बेहद गंभीर था।

पीड़ित परिवार ने मांग की है कि आरोपी के खिलाफ हत्या के प्रयास और एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत सख्त मामला दर्ज किया जाए।

अब तक क्या कार्रवाई हुई?

16 दिसंबर को, जब मणिकंदन आईसीयू में भर्ती था, पुलिस ने उसका बयान दर्ज किया। इसके बाद पुथुर पुलिस ने आरोपी रामराज के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 126(2) (गलत तरीके से रोकना) और 115(2) (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) के तहत प्राथमिकी (FIR) दर्ज की है।

अट्टापदी में हुई इस घटना ने एक बार फिर आदिवासियों की सुरक्षा और प्रशासन की संवेदनशीलता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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