
गुवाहाटी: असम के जनजातीय संगठनों की समन्वय समिति (CCTOA) ने राज्य में 6 समुदायों को अनुसूचित जनजाति (ST) की सूची में शामिल करने के मुद्दे पर एक बड़ा कदम उठाया है। सोमवार को हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में, समिति ने मंत्रियों के समूह (GoM) की सिफारिशों की गहन जांच और उन पर आवश्यक सुझाव देने के लिए एक 'परामर्श समूह' (Consultative Group) का गठन किया है।
कोर कमेटी की बैठक में लिया गया फैसला
CCTOA की कोर कमेटी की आज हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। इस नवगठित परामर्श समूह में ऐसे अनुभवी प्रशासकों, कानूनी विशेषज्ञों, जन प्रतिनिधियों और सामाजिक नेताओं को शामिल किया गया है, जिनके पास जनजातीय मामलों और शासन प्रणाली का लंबा अनुभव है। यह समूह GoM की रिपोर्ट का अध्ययन करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि मौजूदा जनजातीय समुदायों के अधिकारों पर कोई आंच न आए।
सुहास चकमा बनाए गए समिति के अध्यक्ष
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) में गैर-सरकारी संगठनों के कोर ग्रुप के सदस्य सुहास चकमा को इस 10 सदस्यीय समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। उनके अलावा, पैनल में राज्य के कई प्रतिष्ठित सेवानिवृत्त अधिकारियों और नेताओं को जगह दी गई है।
समिति के अन्य प्रमुख सदस्य:
कुलस्वामी लाडुवारी - आईएएस (सेवानिवृत्त)
प्रफुल्ल कुमार हजुआरी - एसीएस (सेवानिवृत्त)
जितेन बरगयारी - एसीएस (सेवानिवृत्त)
टंकेश्वर राभा - सीईएम, राभा हाजोंग स्वायत्त परिषद
धर्मसिंह टेरोन - पूर्व विधायक और पूर्व अध्यक्ष, कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद (KAAC)
एल्विन टेरोन - मुख्य सलाहकार, सीईएम (KAAC)
खारसिंह टेरोन - सलाहकार, सीईएम (KAAC)
शब्दराम राभा - वरिष्ठ अधिवक्ता, गुवाहाटी उच्च न्यायालय
बिलास चंद्र डोले - सेवानिवृत्त संयुक्त निदेशक, ऑडिट (लोकल फंड)
21 दिसंबर 2025 को होगी पहली बैठक
CCTOA के मुख्य समन्वयक आदित्य खाखलारी ने जानकारी देते हुए बताया कि परामर्श समूह की पहली बैठक 21 दिसंबर, 2025 को निर्धारित की गई है। इस बैठक में मंत्रियों के समूह (GoM) की सिफारिशों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। समिति का मुख्य उद्देश्य एक ऐसी सुविचारित राय तैयार करना है, जिससे राज्य के मूल जनजातीय समुदायों के संवैधानिक और सामाजिक-राजनीतिक हितों की रक्षा की जा सके।
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