भोपाल। मध्यप्रदेश के रतलाम शहर में आज सैलाना के विधायक कमलेश्वर डोडियार के नेतृत्व में प्रस्तावित आदिवासी आंदोलन को लेकर प्रशासन और पुलिस के सख्त कदमों के बीच तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई। प्रशासन ने आंदोलन के लिए अनुमति देने से इंकार कर दिया था और प्रदर्शन स्थल के 100 मीटर के दायरे में किसी भी प्रकार के प्रदर्शन पर रोक लगा दी थी। इसके बावजूद विधायक डोडियार ने सोशल मीडिया के माध्यम से जिले, प्रदेश और देशभर के आदिवासी समुदाय के लोगों से आंदोलन में शामिल होने की अपील की, जिससे मामला और अधिक गर्मा गया।
मंगलवार को जिला प्रशासन द्वारा स्टेडियम को बंद कर दिए जाने के बाद विधायक डोडियार ने अपने समर्थकों के साथ बंजली हवाई पट्टी पर प्रदर्शन करने की योजना बनाई। प्रशासन ने इसके लिए भी सख्ती बरतते हुए प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी और सुबह से ही भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। जब विधायक डोडियार अपने समर्थकों के साथ हवाई पट्टी पर पहुंचे, तो पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
आंदोलन को देखते हुए शहर के कई निजी स्कूलों ने छुट्टी की घोषणा कर दी। मित्र निवास रोड और बरबड़ रोड स्थित स्कूलों में पूर्ण अवकाश घोषित किया गया, जबकि अन्य स्कूलों ने सुबह की शिफ्ट में 11:30 बजे और दोपहर की शिफ्ट में 4:30 बजे छुट्टी करने का फैसला लिया।
घटना की शुरुआत उस समय हुई जब विधायक कमलेश्वर डोडियार जिला अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे। अस्पताल में निरीक्षण के दौरान ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर सीपीएस राठौर से उनकी तीखी बहस हो गई। विधायक का आरोप है कि डॉक्टर ने मरीजों की शिकायतों का समाधान नहीं किया और उनके साथ अभद्र व्यवहार किया। इस घटना का वीडियो वायरल हुआ, जिसके आधार पर डोडियार ने स्टेशन रोड थाने में डॉक्टर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
इसके जवाब में डॉक्टर राठौर ने भी विधायक और उनके सहयोगियों पर धमकाने और गाली-गलौज करने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने दोनों पक्षों की शिकायत पर विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर लिया है।
विधायक डोडियार ने डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर 11 दिसंबर को विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की। उन्होंने आदिवासी समुदाय और जयस के कार्यकर्ताओं से बड़ी संख्या में प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की। उनका कहना है कि प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने उनकी मांगों को अनदेखा किया है, जिससे आदिवासी समुदाय में आक्रोश है।
डोडियार ने कलेक्टर राजेश बाथम पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि वह आदिवासी समुदाय के अधिकारों को दबाने का प्रयास कर रहे हैं।
रतलाम कलेक्टर और एसपी ने विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी है। एसपी अमित कुमार ने कहा, “शहर में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रदर्शन की अनुमति देना संभव नहीं है। किसी भी प्रकार से शांति भंग करने की कोशिश करने वालों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”
प्रशासन ने यह भी कहा कि विरोध प्रदर्शन के लिए लिखित अनुमति आवश्यक है। हालांकि, विधायक डोडियार का दावा है कि उन्होंने पहले ही प्रशासन को आंदोलन की जानकारी दी थी और शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
डोडियार ने एक वीडियो संदेश जारी करते हुए कहा, “हमें शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए किसी की अनुमति की आवश्यकता नहीं है। हमने मध्य प्रदेश शासन और स्थानीय प्रशासन को लिखित में सूचना दी है। अगर प्रशासन हमारी आवाज को दबाने की कोशिश करेगा, तो आदिवासी समुदाय इसे सहन नहीं करेगा। हम 11 दिसंबर को तय समय पर प्रदर्शन करेंगे और ज्ञापन सौंपेंगे।”
दूसरी ओर, जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने भी कलेक्टर से मिलकर अपनी शिकायत दर्ज कराई है। डॉक्टरों का कहना है कि विधायक द्वारा उनके सहयोगी डॉक्टर राठौर को निशाना बनाया जा रहा है, जिससे अस्पताल का माहौल तनावपूर्ण हो गया है। डॉक्टरों ने मांग की है कि राठौर को न्याय दिलाने के लिए विधायक पर सख्त कार्रवाई की जाए।
प्रशासन के रुख और विधायक की अपील से शहर का माहौल गर्म है। आदिवासी समुदाय में विधायक के समर्थन में बड़ी संख्या में लोग एकजुट हो रहे हैं। जयस के कार्यकर्ताओं का कहना है कि वे अपने हक के लिए लड़ाई जारी रखेंगे और प्रशासन की अनुमति न मिलने पर भी शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे।
प्रदर्शन को लेकर दोनों पक्षों की जिद के चलते स्थिति तनावपूर्ण है। प्रशासन ने साफ कर दिया है कि शांति व्यवस्था बिगड़ने की स्थिति में कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वहीं, विधायक और उनके समर्थकों का कहना है कि वे किसी भी परिस्थिति में पीछे नहीं हटेंगे।
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