
कौशांबी: उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने राज्य को वैश्विक पटल पर लाने के लिए अपनी कवायद तेज कर दी है। इसी क्रम में, ऐतिहासिक महत्व रखने वाले कौशांबी को एक प्रमुख बौद्ध तीर्थस्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। विभाग का मुख्य उद्देश्य इसे प्रसिद्ध 'बौद्ध सर्किट' से जोड़ना है। हाल ही में शुरू हुई नई वंदे भारत ट्रेन सेवाओं ने इस मिशन को और भी गति दे दी है।
बौद्ध सर्किट का हो रहा विस्तार
'बौद्ध सर्किट पर्यटन योजना' के तहत, राज्य सरकार हेरिटेज टूरिज्म को बढ़ावा देने और विदेशी सैलानियों को आकर्षित करने के लिए सभी प्रमुख बौद्ध स्थलों पर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत कर रही है। वाराणसी-खजुराहो वंदे भारत एक्सप्रेस के शुरू होने से पर्यटकों के लिए नई राहें खुली हैं। अब सारनाथ आने वाले पर्यटक अपनी यात्रा कार्यक्रम (टूर पैकेज) में प्रयागराज और कौशांबी को भी आसानी से शामिल कर सकेंगे।
कोसम इनाम गांव का हो रहा कायाकल्प
क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी (प्रयागराज), अपराजिता सिंह ने जानकारी दी कि पर्यटन विभाग कौशांबी के कोसम इनाम गांव को एक व्यवस्थित बौद्ध तीर्थस्थल के रूप में विकसित कर रहा है। इसे बौद्ध सर्किट का हिस्सा बनाने के लिए यहां 11 हेक्टेयर क्षेत्र में एक भव्य 'बुद्ध थीम पार्क' तैयार किया जा रहा है।
इस पार्क का बजट 22.93 करोड़ रुपये तय किया गया है, और इसका 68 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा भी हो चुका है। पर्यटकों के लिए इस पार्क में कई खास सुविधाएं होंगी, जिनमें शामिल हैं:
ओपन-एयर थिएटर
महात्मा बुद्ध के जीवन पर आधारित संग्रहालय
बुद्ध के जीवन को दर्शाते भित्ति चित्र (Murals)
एक विशेष थीम वाला प्रवेश द्वार
कैफेटेरिया और ठहरने के लिए गेस्ट हाउस
इसके अतिरिक्त, यहां 22.64 करोड़ रुपये की लागत से एक 'कॉमन फैसिलिटी सेंटर' बनाया जा रहा है। साथ ही, 23.94 करोड़ रुपये की लागत से एक थीम गेट का निर्माण भी हो रहा है, जिसका 73 प्रतिशत काम पूरा कर लिया गया है। गौरतलब है कि कौशांबी के तीन बौद्ध मठ पहले से ही दुनिया भर के बौद्ध पर्यटकों के लिए आस्था और आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।
विशेषज्ञों की राय: कनेक्टिविटी से बढ़ेगा पर्यटन
आनंद भवन और खुसरो बाग के अलावा, कौशांबी के स्थलों को भी सर्किट से जोड़कर विकसित करने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। टूरिज्म वेलफेयर एसोसिएशन (प्रयागराज चैप्टर) के अध्यक्ष और 'होली वाटर्स इंडिया जर्नीज' टूर कंपनी के संचालक, नीलेश नारायण का मानना है कि नई वंदे भारत सेवा गेम-चेंजर साबित होगी।
उन्होंने कहा, "नई वंदे भारत सेवा दो प्राचीन शहरों—खजुराहो और वाराणसी—को आपस में जोड़ती है और इसका स्टॉप प्रयागराज के छिवकी में भी है। यह सेवा खजुराहो और वाराणसी को जोड़ने वाला एक आसान हेरिटेज टूर प्रदान करती है। ऐसे में कौशांबी को बौद्ध सर्किट में शामिल करने से यहां के पर्यटन को निश्चित रूप से बढ़ावा मिलेगा।"
प्रयागराज के मठों की भी बदलेगी तस्वीर
कौशांबी के अलावा, राज्य सरकार प्रयागराज में भी उन बौद्ध मठों की सुध ले रही है जो पिछली सरकारों के कार्यकाल में उपेक्षा का शिकार थे। अधिकारियों ने बताया कि इन मठों में सुविधाओं को बेहतर बनाने के प्रस्ताव सरकार को भेज दिए गए हैं:
सम्राट हर्षवर्धन बौद्ध मठ (अरैल, प्रयागराज): इसके विकास के लिए 3 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा गया है।
सुगतांद बौद्ध मठ: इसके लिए 1 करोड़ रुपये की लागत का प्रस्ताव है।
उम्मीद है कि इन दोनों बौद्ध मठों में सुविधाओं के विकास से यहां आने वाले विदेशी बौद्ध पर्यटकों की संख्या में भारी इजाफा होगा। वाराणसी-खजुराहो वंदे भारत ट्रेन का संचालन इन विदेशी मेहमानों की आवाजाही को और भी सुगम और आरामदायक बना देगा।
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