जबलपुर: 'सच्ची रामायण' और 'मनु बनाम लादेन' किताबों की लगी थी स्टाल, आ धमके अज्ञात युवकों ने शुरू किया बवाल

'सच्ची रामायण' और 'मनु बनाम लादेन' के विरोध में फाड़ी किताबें, भीड़ ने विहिप कार्यकर्ताओं को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा; कांग्रेस विधायक ने पुलिस पर उठाए सवाल।
Books were torn in protest against 'Sachchi Ramayan' and 'Manu vs. Laden', and VHP workers were chased and beaten by the mob.
'सच्ची रामायण' और 'मनु बनाम लादेन' के विरोध में फाड़ी किताबें, भीड़ ने विहिप कार्यकर्ताओं को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा(फोटो साभार- mpcg.ndtv.in / संजीव चौधरी)
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जबलपुर: मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित मानस भवन में रविवार को एक सामाजिक महासम्मेलन अखाड़े में तब्दील हो गया। कार्यक्रम के दौरान पुस्तक स्टॉल पर ‘पेरियार की सच्ची रामायण’ और अन्य विवादित साहित्य बिकने को लेकर भारी बवाल हुआ। आरोप है कि कुछ युवकों ने स्टॉल पर रखीं किताबें फाड़ दीं, जिसके बाद वहां मौजूद भीड़ उग्र हो गई और युवकों की जमकर पिटाई कर दी।

क्या है पूरा मामला?

रविवार को कुशवाहा जन जागृति विकास समिति और सम्राट अशोक क्रांति सेना के संयुक्त तत्वावधान में 'सामाजिक, शैक्षणिक और राजनीतिक जन चेतना महासम्मेलन' का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम स्थल के बाहर किताबों के स्टॉल लगाए गए थे।

विवाद की मुख्य वजह स्टॉल पर उपलब्ध साहित्य था। यहां 'पेरियार की सच्ची रामायण', 'मनु बनाम लादेन' और 'भारत का संविधान' जैसी पुस्तकें बेची जा रही थीं। चश्मदीदों के मुताबिक, तभी दो-तीन युवक अचानक कार्यक्रम में घुसे और मंच के पास पहुंचकर आपत्तिजनक टिप्पणियां करने लगे। आरोप है कि इन युवकों ने स्टॉल पर रखी कुछ किताबों को फाड़ दिया।

इस हरकत से नाराज कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने युवकों को घेर लिया और उन्हें दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में भीड़ इन युवकों को खदेड़ते हुए नजर आ रही है।

कांग्रेस विधायक का आरोप: 'पुलिस की मौजूदगी में हुई गुंडागर्दी'

घटनास्थल पर मौजूद कांग्रेस विधायक लखन घनघोरिया ने इसे एक सुनियोजित साजिश करार दिया है। उन्होंने पुलिस प्रशासन पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा: "पुलिस की मौजूदगी में युवकों का मंच तक पहुंचना सुरक्षा में बड़ी चूक है। पुलिस हमलावरों को रोकने के बजाय यह जांचने में व्यस्त थी कि पुस्तक स्टॉल की अनुमति है या नहीं।"

घनघोरिया ने तंज कसते हुए पूछा, "क्या अब देश में संविधान की किताब बेचना भी गुनाह हो गया है?" उन्होंने हमलावरों को संघी विचारधारा से प्रेरित बताया।

VHP का दावा: 'देवताओं का अपमान बर्दाश्त नहीं'

घटना के बाद विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने थाने पहुंचकर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रांत सचिव सुमित ठाकुर ने पुष्टि की है कि जिनके साथ मारपीट हुई, वे विहिप के कार्यकर्ता थे।

VHP का आरोप है कि सम्मेलन की आड़ में हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करने वाली पुस्तकें बेची जा रही थीं। संगठन का कहना है कि उनके कार्यकर्ता हिंदू विरोधी गतिविधियों का विरोध करने गए थे, जहां उनके साथ बर्बरता की गई। विहिप ने कार्यकर्ताओं को पीटने वालों के खिलाफ तत्काल एफआईआर (FIR) दर्ज करने की मांग की है।

जांच में जुटी पुलिस

हंगामे के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर किसी तरह स्थिति को नियंत्रित किया। फिलहाल पुलिस वायरल वीडियो और दोनों पक्षों के बयानों के आधार पर मामले की जांच कर रही है। तनाव को देखते हुए इलाके में सतर्कता बढ़ा दी गई है।

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