नई दिल्ली/रायसेन: आज़ाद समाज पार्टी (कांशीराम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में अपने एक कार्यकर्ता पर हुए कथित हमले को लेकर गहरी नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर एक पोस्ट के माध्यम से इस घटना को बहुजन समाज के स्वाभिमान पर हमला बताते हुए प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं। आज़ाद ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को टैग करते हुए तत्काल कार्रवाई न होने पर रायसेन जिले में एक बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है।
चंद्रशेखर आज़ाद के अनुसार, रायसेन जिले के सिरमौर गांव में उनके कार्यकर्ता सोनू अहिरवार के घर पर कुछ "दबंगों" ने हमला कर दिया। आरोप है कि हमलावरों ने न केवल सोनू के साथ मारपीट की, बल्कि उन्हें जातिसूचक गालियां दीं और जान से मारने की धमकियां भी दीं।
आज़ाद ने अपने पोस्ट में लिखा कि घटना की FIR दर्ज होने के बाद भी आरोपियों के हौसले बुलंद थे। उन्होंने आरोप लगाया कि FIR के बाद उन्हीं लोगों ने दोबारा सोनू के घर में घुसकर उन्हें और उनके परिवार को धमकाया। आज़ाद ने इसे "शासन-प्रशासन की गंभीर विफलता और कानून की अवहेलना" करार दिया है। उन्होंने कहा, "यह घटना केवल सोनू पर हमला नहीं, बल्कि पूरे बहुजन समाज के स्वाभिमान, आत्मसम्मान और संविधान पर हमला है।"
चंद्रशेखर आज़ाद ने मध्य प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री मोहन यादव से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हुए चार प्रमुख मांगें रखी हैं:
सभी दोषियों को तुरंत गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाए।
पीड़ित परिवार को तत्काल प्रभाव से सुरक्षा प्रदान की जाए।
SC/ST एक्ट समेत सभी सख्त धाराओं में मुकदमा दर्ज कर मामले की सुनवाई फास्ट-ट्रैक कोर्ट में की जाए।
FIR के बाद दोबारा हमला करने वालों को साजिशकर्ता मानकर उन पर और भी कठोर धाराओं में कार्रवाई की जाए।
अपने पोस्ट के अंत में, भीम आर्मी प्रमुख ने सरकार को एक स्पष्ट चेतावनी दी। उन्होंने लिखा, "मुख्यमंत्री @DrMohanYadav51 जी — आपकी सरकार में भीम आर्मी—आज़ाद समाज पार्टी (कांशीराम) कार्यकर्ताओं पर लगातार हमले हो रहे हैं और प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ है। अगर अब भी कार्रवाई नहीं हुई तो रायसेन जिले में आंदोलन होगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी सिर्फ और सिर्फ सरकार व प्रशासन की होगी।"
इस चेतावनी ने मामले को और गंभीर बना दिया है और अब प्रशासन पर त्वरित कार्रवाई का दबाव बढ़ गया है।
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