नई दिल्ली: भीम आर्मी प्रमुख और सांसद चन्द्र शेखर आज़ाद ने एक हालिया X (पूर्व में ट्विटर) पोस्ट में भारत की वर्तमान परिस्थितियों पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने भारत के इतिहास का हवाला देते हुए कहा कि जब सत्ता किसी विशिष्ट समुदाय या विचारधारा के हाथ में केंद्रित होती है, तो यह बहुजन समाज के अधिकारों और हितों की अनदेखी की ओर ले जाती है।
आज़ाद ने कहा कि इस तरह की सत्ता के कारण बहुसंख्यक आबादी को बेरोजगारी, गरीबी और लाचारी की ओर धकेला जाता है, जिसका नतीजा एक बड़ा सामाजिक असंतोष और विद्रोह होता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत की वर्तमान स्थिति 'चिंताजनक दिशा' में जाती दिख रही है।
अपनी पोस्ट में, उन्होंने भारत और नेपाल की सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक स्थितियों के बीच एक तुलना भी की। उन्होंने कहा कि दोनों देशों की परिस्थितियां 'समान' दिखती हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत के पास एक मजबूत और स्थायी संविधान है, जो भारतीय नागरिकों के बीच लोकतांत्रिक मूल्यों को जीवित रखता है।
पोस्ट के अंत में, आज़ाद ने भारत सरकार (@GovtOfIndia) को टैग करते हुए कहा कि सरकार को नेपाल में हुई घटनाओं से सीख लेनी चाहिए। उन्होंने आग्रह किया कि सरकार यह सुनिश्चित करे कि सत्ता और नीतियों का लाभ समाज के हर वर्ग तक समान रूप से पहुँचे।
यह पोस्ट ऐसे समय में आया है जब देश में सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर बहस तेज हो रही है। आज़ाद का यह बयान भारत की वर्तमान राजनीतिक दिशा और समावेशी विकास की आवश्यकता पर एक महत्वपूर्ण प्रश्नचिह्न लगाता है।
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