MP: नर्मदापुरम में नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म, पीड़िता आरोपी को कहती थी चाचा, पॉक्सो एक्ट में केस दर्ज

मध्यप्रदेश लंबे समय से देश में नाबालिगों के खिलाफ यौन अपराधों के मामलों में दूसरे नम्बर पर बना हुआ है।
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भोपाल। मध्य प्रदेश में नाबालिग बच्चों के साथ यौन शोषण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ताजा घटना नर्मदापुरम जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र की है, जहां बुधवार दोपहर 17 वर्षीय 12वीं की छात्रा से रेप की वारदात सामने आई। हैरानी की बात यह है कि आरोपी पीड़िता का ही दूर का चाचा है।

कोतवाली टीआई कंचन सिंह ठाकुर ने बताया कि बुधवार दोपहर आरोपी छात्रा को बहाने से अंकिता नगर स्थित एक मकान में ले गया। उस समय घर पर और कोई मौजूद नहीं था। आरोपी ने छात्रा को डरा-धमकाकर जबरन दुष्कर्म किया और विरोध करने पर जान से मारने की धमकी भी दी।

पीड़िता रोते हुए घर पहुंची और परिजनों को पूरी बात बताई। देर रात परिजन उसे थाने लेकर पहुंचे। रात 11:30 बजे पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा बलात्कारऔर पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया। फिलहाल आरोपी फरार है और उसकी तलाश जारी है।

लगातार बढ़ रहे नाबालिगों पर अपराध

मध्यप्रदेश लंबे समय से देश में नाबालिगों के खिलाफ यौन अपराधों के मामलों में दूसरे नम्बर पर बना हुआ है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट भी यही बताती है कि प्रदेश में दर्ज होने वाले अधिकांश रेप के मामलों में पीड़ित नाबालिग होती हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि सबसे खतरनाक पहलू यह है कि अधिकांश मामलों में अपराधी कोई न कोई करीबी या परिचित ही निकलता है, रिश्तेदार, पड़ोसी या परिवार का सदस्य। इससे बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ता है और वे लंबे समय तक भय और आघात में जीते हैं।

द मूकनायक से बातचीत में राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य ओंकार सिंह ने कहा कि नाबालिगों से जुड़े यौन अपराधों में ज्यादातर आरोपी परिवार से जुड़े या जानने-पहचानने वाले ही निकलते हैं। यह समाज के लिए बेहद गंभीर चिंता का विषय है।

उन्होंने बताया कि आयोग ने इस मामले का संज्ञान लिया है और पुलिस अधीक्षक से जांच प्रतिवेदन मांगा गया है। प्रतिवेदन मिलने के बाद आगे की जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित कराई जाएगी।

NCRB के आंकड़े भयाभय!

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की 2022 की रिपोर्ट भी इस स्थिति की भयावहता को दर्शाती है। रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2022 में मध्यप्रदेश में बच्चों के खिलाफ कुल 20,415 अपराध दर्ज किए गए, जो कि देशभर में महाराष्ट्र के बाद दूसरा सबसे ऊंचा आंकड़ा है। इनमें से 6,654 मामले केवल POCSO एक्ट के तहत दर्ज हुए हैं। सबसे अधिक मामले अपहरण और बहला-फुसलाकर ले जाने से जुड़े हैं, जिनकी संख्या 10,125 रही। बच्चों की हत्या के 109 और आत्महत्या के लिए उकसाने के 90 मामले भी इस रिपोर्ट का हिस्सा हैं।

NCRB की रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि राज्य में बच्चों के खिलाफ अपराध की दर 71 प्रति एक लाख बच्चों पर है, जो कि राष्ट्रीय औसत से कहीं अधिक है। दिल्ली के बाद मध्यप्रदेश इस मामले में दूसरे स्थान पर है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि 96.8% यौन अपराधों में आरोपी पीड़िता के परिचित होते हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि पीड़िताओं के लिए सबसे असुरक्षित स्थान उनका अपना सामाजिक दायरा बनता जा रहा है।

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