
लखनऊ: राजधानी लखनऊ की एक प्रतिष्ठित मेडिकल यूनिवर्सिटी से एक बेहद गंभीर और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक 26 वर्षीय जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर पर अपनी ही सहकर्मी (महिला डॉक्टर) का शादी के बहाने यौन शोषण करने का आरोप लगा है। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी डॉक्टर के खिलाफ रेप, धमकी देने और जबरन धर्मांतरण (Anti-conversion law) की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन ने मंगलवार को आरोपी डॉक्टर को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया।
क्या है पूरा मामला?
पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, आरोपी और पीड़िता दोनों एक ही संस्थान में जूनियर रेजिडेंट हैं, लेकिन दोनों अलग-अलग समुदायों से ताल्लुक रखते हैं। पीड़िता शहर में किराए के मकान में रहती है। आरोप है कि दोनों एक-दूसरे को जानते थे और इसी जान-पहचान का फायदा उठाकर आरोपी ने महिला डॉक्टर को शादी का झांसा दिया। उसने पीड़िता के किराए के घर पर जाकर कई बार उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए।
पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया कि सितंबर माह में वह गर्भवती हो गई थी। जब उसने यह बात आरोपी को बताई, तो उसने धोखे से उसे गर्भपात की दवाइयां (Abortion pills) खिला दीं, जिससे उसका गर्भपात हो गया।
पहले से शादीशुदा होने का खुलासा और धर्मांतरण का दबाव
मामले में नया मोड़ तब आया जब पीड़िता के संपर्क में एक अन्य महिला आई। उस महिला ने खुद को आरोपी की पत्नी बताया। उसने दावा किया कि इसी साल फरवरी में उसने इस्लाम धर्म अपनाकर आरोपी डॉक्टर से निकाह किया था।
जब पीड़िता ने इन दावों को लेकर आरोपी डॉक्टर से सवाल किया, तो पहले तो उसने साफ इनकार कर दिया। लेकिन अक्टूबर में जब पीड़िता ने शादी के लिए जोर दिया, तो आरोपी ने शर्त रख दी कि शादी तभी होगी जब वह इस्लाम धर्म कबूल कर लेगी। जब महिला डॉक्टर ने धर्म बदलने से इनकार किया, तो आरोपी ने उसे बदनाम करने की धमकी देनी शुरू कर दी और उस पर लगातार दबाव बनाने लगा।
तंग आकर 17 दिसंबर को उठाया आत्मघाती कदम
आरोपी की धमकियों और मानसिक प्रताड़ना से तंग आकर पीड़िता ने 17 दिसंबर को नींद की गोलियों का ओवरडोज ले लिया। उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से ठीक होने के बाद अब उसे डिस्चार्ज कर दिया गया है और वह अपने परिवार के साथ है। इससे पहले पीड़िता के परिजनों ने मुख्यमंत्री पोर्टल और उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग में भी मामले की शिकायत दर्ज कराई थी।
यूनिवर्सिटी और पुलिस की कार्रवाई
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मेडिकल कॉलेज की 'विशाखा गाइडलाइंस' के तहत बनी आंतरिक समिति (Internal Committee) ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट में कहा गया कि जांच पूरी होने तक आरोपी का ड्यूटी पर रहना निष्पक्ष जांच को प्रभावित कर सकता है। इसी आधार पर यूनिवर्सिटी ने उसे सस्पेंड कर दिया है। निलंबन अवधि के दौरान आरोपी को बिना लिखित अनुमति के कैंपस या अस्पताल में प्रवेश की इजाजत नहीं होगी।
उधर, पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 69 (धोखे से यौन संबंध बनाना), 89 (सहमति के बिना गर्भपात कराना) और 351 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया है। चूंकि आरोपी शादी के लिए धर्म परिवर्तन का दबाव बना रहा था, इसलिए पुलिस ने उस पर धर्मांतरण विरोधी कानून भी लगाया है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि पीड़िता का मेडिकल चेकअप कराया गया है और जल्द ही मजिस्ट्रेट के सामने उसका बयान दर्ज कराया जाएगा।
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