
इटावा (उत्तर प्रदेश): उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में उस वक्त सनसनी फैल गई, जब कोर्ट के आदेश पर एक घर को खाली कराने पहुंची प्रशासनिक टीम के सामने ही 22 वर्षीय दलित युवक ने आत्मदाह की कोशिश की। अदालती फैसले के तहत बेदखली की कार्रवाई से आहत होकर युवक ने पेट्रोल छिड़ककर खुद को आग के हवाले कर दिया।
यह दुखद घटना इटावा के सदर कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत पक्का तालाब चौराहा इलाके की है। यहां रहने वाले शिवम वाल्मीकि (22) का अपने पुश्तैनी मकान को लेकर विपक्षी देवीप्रसाद पटेल से लंबे समय से कानूनी विवाद चल रहा था। हाल ही में सिविल जज जूनियर डिवीजन की अदालत ने इस मामले में शिवम के खिलाफ फैसला सुनाते हुए घर खाली करने का आदेश दिया था।
मंगलवार को जब नायब तहसीलदार और राजस्व विभाग की टीम पुलिस बल के साथ कोर्ट के आदेश का अनुपालन कराने पहुंची, तो वहां स्थिति तनावपूर्ण हो गई। प्रशासन ने जैसे ही घर का सामान बाहर निकालना शुरू किया, शिवम इस कार्रवाई को सहन नहीं कर सका।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जब राजस्व टीम घर का सामान सड़क पर रख रही थी, तभी शिवम ने अचानक पेट्रोल डालकर खुद को आग लगा ली। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों और स्थानीय लोगों ने आनन-फानन में आग बुझाई और उसे गंभीर हालत में जिला अस्पताल पहुंचाया।
शिवम की हालत चिंताजनक देखते हुए डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे बेहतर इलाज के लिए सैफई मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया है। डॉक्टरों के मुताबिक युवक काफी हद तक झुलस चुका है।
सीओ इटावा, अभय नारायण सिंह ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया, "सिविल जज जूनियर डिवीजन के आदेश पर राजस्व विभाग और पुलिस की टीम मौके पर कब्जा हटवाने गई थी। इसी दौरान युवक ने यह आत्मघाती कदम उठाया। फिलहाल युवक का इलाज चल रहा है और कानून-व्यवस्था की स्थिति नियंत्रण में है।"
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