
चंदौली: उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले के अलीनगर थाना क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। सोमवार की शाम से लापता एक छह वर्षीय बच्ची का शव मंगलवार सुबह गांव में ही एक भूसे के ढेर में छिपाया हुआ मिला। प्रत्यक्षदर्शियों ने, बच्ची के साथ दरिंदगी (दुष्कर्म) के बाद उसकी हत्या किए जाने की आशंका जताई है।
पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और इस मामले में तीन संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।
परिजनों के अनुसार, बच्ची सोमवार रात करीब साढ़े आठ बजे अपनी दादी के साथ अपने चाचा के घर से वापस लौट रही थी। रास्ते में दादी किसी परिचित से बातचीत करने के लिए रुक गईं, जबकि बच्ची पैदल ही घर की ओर आगे बढ़ गई। जब वह काफी देर तक घर नहीं पहुंची, तो परिवार वालों को चिंता हुई और उन्होंने उसकी तलाश शुरू की।
पूरी रात खोजबीन के बाद भी जब बच्ची का कुछ पता नहीं चला, तो मंगलवार सुबह परिवार वाले फिर से उसे ढूंढने निकले। घर से कुछ ही दूरी पर उन्हें एक भूसे के ढेर के पास बच्ची के खून सने कपड़े पड़े मिले। पास में ही बिस्किट, टॉफी और गुटखे के रैपर भी बिखरे हुए थे। अनहोनी की आशंका के बीच जब भूसे को हटाया गया, तो उसमें बच्ची का शव मिला, जिसे देखते ही परिवार में कोहराम मच गया।
मृतक बच्ची के पिता रुआंसे स्वर में द मूकनायक को बताते हैं कि,
अंतिम बार लड़की को शाम को लगभग साढ़े 7 बजे देखा था. उसके बाद जब वह नहीं दिखी तो उसकी मम्मी ने मुझसे कहा कि जाकर उसे खोजकर लाओ उसके बाद खाना खाते हैं. लेकिन लड़की नहीं मिली. आज 3 दिन हो गए, आरोपी नहीं पकड़ा गया.
वारदात की सूचना मिलते ही चंदौली के पुलिस अधीक्षक (SP) आदित्य लांगेह और अपर पुलिस अधीक्षक (ASP) अनंत चंद्रशेखर पुलिस बल और फोरेंसिक टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। फोरेंसिक टीम ने मौके से खून सने कपड़े, रैपर और अन्य साक्ष्यों को जांच के लिए एकत्र किया।
पुलिस ने फौरी तौर पर कार्रवाई करते हुए तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया है, जिनसे पूछताछ की जा रही है। परिवार ने गांव के ही एक व्यक्ति पर इस वारदात को अंजाम देने का शक जाहिर किया है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि बच्ची के शरीर पर बाहरी चोट के निशान स्पष्ट नहीं हैं। एएसपी अनंत चंद्रशेखर ने बताया कि मौत का असली कारण और दुष्कर्म की पुष्टि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही हो पाएगी। फिलहाल, अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है।
इस जघन्य घटना के बाद जिला प्रशासन भी सक्रिय हो गया है। स्थानीय विधायक रमेश जायसवाल, जो वर्तमान में बिहार विधानसभा चुनाव में व्यस्त हैं, ने फोन पर अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए। उन्होंने दोषियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी और कड़ी कार्रवाई की मांग की।
विधायक के निर्देश पर, पीड़ित परिवार को रानी लक्ष्मीबाई महिला सम्मान योजना के तहत 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की गई है। यह राशि एक सप्ताह के भीतर सीधे लाभार्थी के खाते में (DBT) भेज दी जाएगी। इसके अतिरिक्त, अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया गया है कि यदि परिवार का घर कच्चा है, तो उन्हें मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत पक्का आवास उपलब्ध कराया जाए।
पीड़ित परिजनों से उनके घर मिलने पहुंचे चंदौली युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष माधवेन्द्र मूर्ति ओझा ने द मूकनायक को बताया कि मामले में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल किया है और पुलिस ने 3 संदिग्धों को पकड़ा भी है. लेकिन यह संदिग्ध हैं आरोपी अभी नहीं पकड़ा गया है. उन्होंने बताया कि, "स्थानीय विधायक अभी बिहार चुनाव में व्यक्त हैं. इतनी बड़ी घटना हो गई ये अभी तक आए भी नहीं."
उत्तर प्रदेश में NCRB (राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो) के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, नाबालिगों पर यौन उत्पीड़न के मामले देश में सबसे अधिक दर्ज किए गए हैं। वर्ष 2023 की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश में बच्चों पर अपराध के कुल 18,852 मामले दर्ज किये गए, जिनमें से 38.2% मामले पॉक्सो एक्ट (Protection of Children from Sexual Offences Act) के तहत दर्ज हुए हैं।
साल 2023 में भारतभर में बच्चों पर अपराध के कुल 1,77,335 मामले दर्ज हुए, जिसमें पॉक्सो एक्ट के तहत 67,694 मामले थे। लेकिन, उत्तर प्रदेश में 2021 में पॉक्सो एक्ट के तहत 7,129 मामले, और 2020 में 6,898 मामले दर्ज हुए थे, जो देश में सबसे अधिक है। जिन मामलों में पॉक्सो एक्ट के तहत यौन उत्पीड़न हुआ, अधिकतर मामलों के आरोपी बच्चियों के परिचित (परिवार, पड़ोसी, या दोस्त) थे। देश में अपराध दर 2023 में प्रति 1 लाख बाल जनसंख्या पर 39.9 थी। हालांकि, उत्तर प्रदेश में ये दर राष्ट्रीय औसत से थोड़ी कम (8.1 प्रति लाख) रही।
द मूकनायक की प्रीमियम और चुनिंदा खबरें अब द मूकनायक के न्यूज़ एप्प पर पढ़ें। Google Play Store से न्यूज़ एप्प इंस्टाल करने के लिए यहां क्लिक करें.