कौन हैं RJD प्रत्याशी सुशील कुमार? वकालत छोड़ पिता की राजनीतिक विरासत संभालने उतरे, जानें चेरिया बरियारपुर का पूरा समीकरण

सुशील कुमार बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सतीश प्रसाद सिंह के बेटे हैं। उनका मुकाबला JDU की राजनीतिक विरासत से जुड़े अभिषेक कुमार 'न्यूटन' से है, जिससे चेरिया बरियारपुर सीट 'हॉट सीट' बन गई है।
Sushil Kumar, son of former Bihar Chief Minister Satish Prasad Singh, is the Rashtriya Janata Dal (RJD) candidate from the Cheria Bariyarpur assembly constituency in Begusarai district in the 2025.jpg
कौन हैं RJD प्रत्याशी सुशील कुमार?
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पटना/बेगूसराय: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की रणभेरी बज चुकी है और सभी की निगाहें बेगूसराय जिले की चेरिया बरियारपुर (विधानसभा क्षेत्र संख्या- 141) सीट पर टिक गई हैं। यह सीट इस बार 'राजनीतिक विरासत की जंग' का अखाड़ा बन गई है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने यहां से एक नए, लेकिन राजनीतिक रूप से प्रभावशाली परिवार से आने वाले सुशील कुमार को अपना उम्मीदवार बनाया है।

सुशील कुमार का नाम सामने आते ही राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है। आखिर कौन हैं सुशील कुमार, जिन्हें RJD ने 2020 में जीती हुई सीट पर मौजूदा विधायक की जगह तरजीह दी है?

कौन हैं सुशील कुमार?

सुशील कुमार की सबसे बड़ी पहचान उनके पिता, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय सतीश प्रसाद सिंह हैं। सतीश प्रसाद सिंह बिहार के छठे मुख्यमंत्री और राज्य के पहले अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) से आने वाले मुख्यमंत्री थे। हालांकि उनका कार्यकाल बहुत छोटा (28 जनवरी 1968 से 1 फरवरी 1968) सिर्फ पांच दिनों का था, लेकिन उन्होंने बिहार की राजनीति में एक अमिट छाप छोड़ी।

सुशील कुमार (उम्र 52 वर्ष) मूल रूप से खगड़िया जिले के सौध उत्तरी गांव के निवासी हैं। राजनीति में यह उनका पहला बड़ा कदम है। पेशे से वह एक वकील (अधिवक्ता) हैं। उनके नामांकन हलफनामे के अनुसार, उन्होंने 2008 में मगध विश्वविद्यालय से एलएलबी (LLB) की डिग्री पूरी की है। राजनीति में आने से पहले उनका मुख्य पेशा वकालत ही था।

17 अक्टूबर 2025 को दाखिल किए गए अपने हलफनामे के अनुसार, सुशील कुमार करोड़ों की संपत्ति के मालिक हैं। उन्होंने अपने पास एक एनपी बोर राइफल होने की भी घोषणा भी की है।

संपत्ति व वित्तीय स्थिति

  • कुल संपत्ति: 18 करोड़ रुपये से अधिक।​

  • चल संपत्ति: 54.33 लाख रुपये।

  • अचल संपत्ति: 14.50 करोड़ रुपये (मुख्यतः विरासत में मिली)।

  • बैंक बैलेंस, नकदी, बांड और सोने सहित निवेश की पूरी सूचना चुनावी हलफनामे में दी गई है।

  • उनके पास करीब 13.63 हेक्टेयर कृषि भूमि और 23 लाख स्क्वायर फीट वाणिज्यिक बिल्डिंग है।​

  • उनके पास 25 लाख की स्कॉर्पियो गाड़ी, 4.50 लाख की वैगनआर और एक लाइसेंसी एनपी बोर राइफल भी है।

  • एक बैंक लोन: 16.55 लाख रुपये।

आपराधिक मामला

हथियार रखने और कानून-व्यवस्था से जुड़े एक मामूली मामले में उनके खिलाफ एक केस लंबित है (केस नं 24/2005, खगड़िया—संपत्ति पर झंडा लगाने से जुड़ा मामूली आरोप)।

2025 का 'विरासत बनाम विरासत' मुकाबला

चेरिया बरियारपुर में इस बार RJD और JDU, दोनों ने ही राजनीतिक घरानों की दूसरी पीढ़ी पर दांव खेला है।

  • RJD के सुशील कुमार: वह पूर्व मुख्यमंत्री सतीश प्रसाद सिंह के बेटे हैं।

  • JDU के अभिषेक कुमार 'न्यूटन': RJD प्रत्याशी को टक्कर देने के लिए NDA (JDU) की तरफ से अभिषेक कुमार उर्फ न्यूटन मैदान में हैं। अभिषेक पूर्व मंत्री और 2020 में JDU की प्रत्याशी रहीं मंजू वर्मा के बेटे हैं।

यह मुकाबला इसलिए भी दिलचस्प है क्योंकि 2020 के चुनाव में RJD के राजवंशी महतो ने JDU की मंजू वर्मा को ही 40 हजार से अधिक वोटों के बड़े अंतर से हराया था। इस बार RJD ने अपने मौजूदा विधायक राजवंशी महतो का टिकट काटकर सुशील कुमार को मौका दिया है, वहीं JDU ने भी हारी हुई प्रत्याशी (मंजू वर्मा) की जगह उनके बेटे पर भरोसा जताया है।

क्या कहते हैं चेरिया बरियारपुर के सियासी समीकरण?

चेरिया बरियारपुर विधानसभा सीट को राजनीतिक रूप से बेहद एक्टिव माना जाता है। यहां का चुनावी नतीजा काफी हद तक जातीय समीकरणों पर निर्भर करता रहा है। 2020 की लहर में RJD ने इस सीट पर शानदार जीत दर्ज की थी। पार्टी का 'M-Y' (मुस्लिम-यादव) समीकरण यहां मजबूत माना जाता है।

परंपरागत रूप से, इस सीट पर भूमिहार और कुशवाहा (कोइरी) समुदाय के मतदाताओं का दबदबा रहा है। अब तक के अधिकांश विधायक इन्हीं दो समुदायों से चुने गए हैं। RJD ने सतीश प्रसाद सिंह (जो कुशवाहा समुदाय से आते थे) के बेटे सुशील कुमार (सुशील सिंह कुशवाहा) को उतारकर इस समीकरण को साधने की सीधी कोशिश की है।

दोनों प्रमुख गठबंधनों ने "डेब्यूटेंट" यानी पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों को उतारा है। ऐसे में मुकाबला सीधा 'नीतीश के नाम' बनाम 'लालू-तेजस्वी के काम' और स्थानीय जातीय गठजोड़ पर निर्भर करेगा।

सुशील कुमार के सामने अपने पिता की राजनीतिक विरासत को जीत में बदलने और RJD के लिए यह सीट बरकरार रखने की दोहरी चुनौती है।

सामाजिक छवि और समर्थन

शालीन, मिलनसार छवि और जमीनी मुद्दों पर विशेष जोर देने वाले सुशील कुमार क्षेत्र में बाहरी उम्मीदवार माने जा रहे हैं, लेकिन अपने पारिवारिक विरासत को लेकर स्थानीय राजनीति में खूब चर्चित हैं।​ जनसंपर्क के दौरान उन्हें गली-गली में जनता द्वारा अच्छा समर्थन मिल रहा है। उनकी रैलियों में “RJD जिंदाबाद” के नारे हर मोहल्ले में गूंज रहे हैं।​​ माना जा रहा है कि, आरजेडी के पुराने वोटर और युवा वर्ग की वह उम्मीदों का केंद्र हैं।

उनके चुनावी प्रमुख मुद्दों में स्थानीय विकास, रोजगार, शिक्षा व ग्रामीण ढांचे के विकास शामिल हैं। इसके अलावा, जातीय समावेश और गरीबों की आवाज उठाना, आरजेडी की नीतियों को चेरिया बरियारपुर तक पहुंचाने का भी वादा उन्होंने किया है।

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