राजस्थान: आए दिन दलित, आदिवासियों की क्यों हो रही हत्याएं? प्रदेश की कानून व्यवस्था पर उठे सवाल

राजस्थान: आए दिन दलित, आदिवासियों की क्यों हो रही हत्याएं? प्रदेश की कानून व्यवस्था पर उठे सवाल

जयपुर। एक तरफ राजस्थान सरकार समानता की बात कर रही है। जबकि, समानता के दावों के विपरीत प्रदेश भर के अलग-अलग जिलों में हर दिन आदिवासी और दलितों के साथ मुसलमानों पर अत्याचार के मामले सामने आ रहे हैं। बीते 16 जून को राजस्थान के पाली और बाड़मेर जिले में दलित और आदिवासी समाज के युवकों की हत्या कर दी गई।

पुलिस के अनुसार, पाली जिले में एक सवर्ण जाति की लड़की से प्रेम करने पर लड़की के परिजनों ने दलित युवक अजय सरगरा की बेरहमी से पीट कर हत्या कर दी। जबकि बाड़मेर में भूमि विवाद को लेकर पेमाराम भील को मौत के घाट उतार दिया गया।

भीमसेना से जुड़े राहुल बामनिया ने द मूकनायक से बात करते हुए कहा कि यह घटनाएं सामान्य अपराध की तरह नहीं देखी जा सकती। इस तरह की घटनाओं पर अंकुश नहीं लगा तो यह प्रदेश में भाईचारे के लिए घातक हो सकती है। सरकार को भी कड़े कदम उठाने होंगे। एससी, एसटी, मुस्लिम और पिछड़े समुदायों के पीड़ित लोगों को समय पर न्याय दिलाने के लिए सरकार को अफशरशाही पर नकेल कसने की जरूरत है।

शव के साथ धरने पर बैठी मां

पाली जिले के इंदिरा कॉलोनी निवासी अजय सरगरा को मारपीट के बाद 16 जून को गम्भीर घायल हालत में पाली के बांगड़ अस्पताल से जोधपुर मथुरा दास माथुर अस्पताल रेफर किया गया था। 17 जून सुबह 8 बजे इलाज के दौरान अजय की मौत हो गई। मौत के बाद पुलिस ने पोस्टमार्टम की कार्रवाई शुरू की, लेकिन अजय की मां श्रीमती पिंकी सरगरा ने पुलिस को पोस्टमार्ट करने से रोक दिया।

अजय सरगरा की हत्या के खिलाफ धरने पर बैठे परिजन
अजय सरगरा की हत्या के खिलाफ धरने पर बैठे परिजन

इसके बाद मां कलेजे पर पत्थर रख बेटे के न्याय के लिए खुद ही जोधपुर मथुरा दास माथुर अस्पताल की मोर्चरी के बाहर धरना देकर बैठ गई। बाद में समाज के लोग भी एक मां के समर्थन पर धरना स्थल पहुंचे। धरना स्थल पर अजय की मां ने पुलिस को लिखित रिपोर्ट देकर आरोपियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की। शनिवार 17 जून देर रात पुलिस ने नामजद आरोपियों के खिलाफ हत्या के आरोप में एफआईआर दर्ज कर ली। बीते 24 घण्टे से भी अधिक समय से एक बेटे के न्याय के लिए भूखे प्यासे शव के साथ धरने पर बैठी है, लेकिन सिस्टम के कान पर जू तक नहीं रेंग रही। अजय की मां कहती है कि जब तक उसके बेटे की हत्या के सभी आरोपी गिरफ्तार नहीं हो जाते वह शव के साथ मोर्चरी के बाहर धरने पर बैठी रहेगी।

महाबली सेना सरगरा समाज के चीफ विष्णु सरगरा ने कहा कि "एक दलित समाज के अजय को पाली जिले के इंदिरा कॉलोनी में बुला कर कुछ लोगों ने षड़यन्त्र के तहत बेरहमी से मारपीट की है। इस वजह से अजय की मौत हो गई। हमने सबसे पहले एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी, पुलिस प्रशासन एफआईआर दर्ज करने से पूर्व पोस्टमार्टम के लिए दबाव बना रहा था। हालांकि बाद में 17 जून रात 9 बजे एफआईआर दर्ज कर ली गई। अब हमारी मांग है कि सभी आरोपियों की गिरफ्तारी हो। पीड़ित परिवार को मुआवजा दिया जाए। ताकि कानूनी लड़ाई में मदद मिल सके।"

मृतक की मां के आरोप

पाली के ट्रांसपोर्ट नगर थाना पुलिस के अनुसार "इंदिरा कॉलोनी श्रीमती पिंकी (42) पत्नी राजेन्द्र सरगरा ने जोधपुर मथुरा दास माथुर अस्पताल को मोर्चरी के बाहर एक रिपोर्ट दी है। पुलिस के अनुसार रिपोर्ट में आरोप लगाया कि 16 जून को रात्रि एक बजे मिकु पुत्र केसर सिंह, डूंगर सिंह पुत्र केसर सिंह के परिवार से प्रर्थिया के पुत्र अजय के मोबाइल पर फोन आया। गीतांजली स्कूल के सामने रहने वाले मिकू, डूंगर सिंह, सुखदीप सिंह, नारायण सिंह, जालम सिंह, भगत सिंह ने धोखे से बुला कर जान से मारने की नीयत से अजय के साथ बेरहमी से मारपीट की। सम्बन्धित पुलिस प्रर्थिया के बेटे को बांगड़ अस्पताल लेकर आई। जिसकी सूचना बीती रात करीब 4 बजे पुलिस वालों ने प्रर्थिया के घर पर आकर दी। प्रर्थिया ने लिखा कि हम बांगड़ अस्पताल पहुंचे तो मेरा बेटा बेहोश अवस्था में था। यहां से मेरे बेटे की गम्भीर हालत देख कर जोधपुर के मथुरा दास माथुर अस्पताल (हाई सेन्टर) के लिए रेफर किया। जहां इलाज के दौरान 17 जून सुबह 8 बजे अजय की मृत्यु हो गई।" पीड़िता ने बताया कि आरोपी उनकी जाति के कारण हमेशा टारगेट करते रहे हैं। नीच व अन्य जातिसूचक शब्दों से अपमानित करते रहे हैं। इतना ही नहीं आरोपी यह भी कहते रहे हैं कि तुम सरगरों की इतनी औकात नहीं कि हमारे यहां पड़ोसी बनकर रहो। 17 जून की रात 9 बजे के लगभग पुलिस ने हत्या के आरोप में उक्त आरोपियों को नामजद कर प्राथमिकी दर्ज कर ली।

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पुलिस का दावा हत्या का कारण प्रेम प्रसंग

ट्रांपोर्ट नगर थानाधिकारी विक्रम सांदू ने द मूकनायक को बताया कि मृतक अजय चौहान 16 जून को सुबह 3 बजे इंदिरा कॉलोनी में प्रेमिका से मिलने के लिए एक घर में घुसा था। इस दौरान लड़की के घर वालों ने देख लिया। पकड़ कर उसके साथ मारपीट की गई। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती करवाया था। 16 जून को ही पाली के अस्पताल से जोधपुर रेफर कर दिया। 17 जून को सुबह जोधपुर में मौत हो गई। मृतक एक आरोपी की लड़की से प्रेम करता था। उसी से मिलने गया था। पकड़े जाने पर लड़की के घर वालों ने मारपीट कर दी। इससे इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। हत्या के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कर आरोपियों की तलाश की जा रही है।

मां बोली, जाति के कारण की गई हत्या

अजय की हत्या को लेकर पुलिस के प्रेम प्रेम प्रसंग के दावे पर सवाल करने पर मृतक अजय सरगरा की मां पिंकी सरगरा ने बताया कि अजय किसी से प्रेम नहीं करता था। यह आरोप गलत है। उसे धोखे से घर बुलाकर मारा गया। मां कहती है कि, "मेरा बेटा कचरा गाड़ी चलता था। मोहल्ले में उसकी गाड़ी के आरोपियों की गाड़ी टच होने पर पहले भी मारपीट की थी। अजय की हत्या जातीय नफरत के कारण की गई है।" वह बताती हैं कि उनका बेटा कचरा गाड़ी चला कर परिवार का पालन पोषण करता था। अब कोई सहारा नहीं है।

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बाड़मेर में जमीनी विवाद में अदिवासी युवक की हत्या

बाड़मेर के चौहटन थाना इलाके के डूंगरपुरा सणाऊ गांव निवासी पेमाराम भील पर गांव के ही मनबढ़ों ने मिलकर धारदार हथियारों से हमला कर हत्या कर दी। आरोपियों के साथ पेमाराम के परिवार का जमीन को लेकर विवाद चल रहा था।

चौहटन थाना इलाके के डूंगरपुरा सणाऊ गांव में रहने वाले मृतक के पिता बलवंताराम पुत्र सूजाराम भील इसी गांव के रतन सिंह, जयसिंह पुत्रान कमल सिंह, कमल सिंह पुत्र मलसिंह, किशन सिंह पुत्र खुशाल सिंह व इनके साथ दो अन्य व्यक्तियों पर बेटे पेमाराम भील की हत्या का आरोप लगा चौहटन पुलिस थाने में तहरीर दी है।

बाड़मेर में पेमाराम भील, गंभीर हालत में घायल अवस्था में
बाड़मेर में पेमाराम भील, गंभीर हालत में घायल अवस्था में

पुलिस के अनुसार, मृतक के पिता ने बताया कि "17 जून को प्रार्थी लड़का पेमाराम भील 3:30 बजे घर से पड़ोसी गुमनाराम भील से मिलने गया था। रास्ते में पहले से घात लगाकर बैठे उक्त आरोपियों ने धारदार हथियार से पेमाराम पर हमला कर दिया। बेटे पर हमला होते ही वह जान बचाने के लिए घर की तरफ दौड़ा तो, रतन सिंह ने तलवार से हमला कर दिया। सर में चोट लगने से पेमाराम जमीन पर गिर गया। इतने में पीछे से दौड़ते हुए आये जयसिंह, कमल सिंह और किशन सिंह ने धारियां, कुल्हाड़ी और लाठी से हमला कर दिया। पेमाराम बचाव के लिए चिल्लाया तो पेमाराम की मां और अन्य लोग बचाने आए। इस दौरान आरोपियों ने जातिसूचक गाली देते हुए कहा कि आज कल में गांव छोड़ कर चले जाना। नहीं तो एक को मारा है अब सभी की बारी है। प्रार्थी के पुत्र को आरोपी मरा समझ कर छोड़कर चले गए।"

घायल अवस्था में पेमाराम को परिजन पहले बाड़मेर फिर जोधपुर लेकर गए। जहां देर रात पेमाराम की मौत हो गई। चौहटन थानाधिकारी ने बताया कि आरोपी मृतक के गांव के ही हैं। पेमाराम के साथ 17 जून को दोपहर में मारपीट हुई थी। देर रात जोधपुर के अस्पताल में मौत हो गई। मृतक के पिता की रिपोर्ट पर हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज कर लिया है। इन दोनों पक्षों में भूमि को लेकर विवाद चल रहा था।

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जोधपुर मथुरा दास माथुर अस्पताल की मोर्चरी के बाहर पाली के अजय की मां के साथ धरने में शामिल बहुजन नेता कुशाल ने कहा कि राजस्थान में एससी, एसटी के लोगों पर दिनों दिन अत्याचार बढ़ रहे हैं।

उन्होंने कहा "कार्तिक भील का परिवार 7 महीने हत्यारोपियों की गिरफ्तारी को लेकर सिरोही में धरना दे रहा है। जितेंद्र मेघवाल की हत्या हुई। इंद्र मेघवाल हत्या कांड, फलोदी रेवतीराम भील हत्या कांड, अजय हत्या कांड, पेमाराम हत्याकांड यह बताने के लिए काफी है कि राजस्थान में अपराधियों में एक प्रतिशत भी भय नहीं है। ना ही इन मामलों को सरकार ने गम्भीरता से लिया है। ऐसे में इन समुदायों की सुरक्षा और इनके प्रति निष्पक्ष न्याय को लेकर भी सवाल खड़े होने लगे हैं। अक्सर देखा गया है कि असामाजिक तत्वों और जातिवादियों की से प्रताड़ित दलित, आदिवासी और मुस्लिम समुदाय के परिवारों को हत्या के आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए भी धरना देना पड़ रहा है। जबकि अन्य समुदाय से आने वाले पीड़ितों को तत्काल न्याय मिलता है।"

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