द मूकनायक ने उजागर की समस्या, प्रभारी मंत्री को देना पड़ा जवाब

राजस्थान सरकार के सार्वजनिक निर्माण विभाग मंत्री एवं सवाईमाधोपुर जिला प्रभारी मंत्री भजनलाल जाटव से ग्रामीणों ने शिक्षा व स्वास्थ्य की समस्याओं पर पूछे सवाल
सुनवाई करते प्रभारी मंत्री व अधिकारी
सुनवाई करते प्रभारी मंत्री व अधिकारीफोटो- अब्दुल माहिर, द मूकनायक

जयपुर। राजस्थान सरकार के सार्वजनिक निर्माण विभाग मंत्री एवं सवाईमाधोपुर जिला प्रभारी मंत्री भजनलाल जाटव ने शुक्रवार को जिले की पंचायत समिति मुख्यालय मलारना डूंगर में स्थानीय लोगों से संवाद किया। इस दौरान किसान व आमजन ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सहित शिक्षा से संबंधित समस्याओं के निस्तारण की मांग की। ग्रामीणों ने द मूकनायक की खबरों का हवाला देते हुए मंत्री से पुख्ता कार्रवाई करने की अपील की।

यह उठे सवाल, प्रभारी मंत्री ने दिया जवाब

ध्यान रहे कि अल्पसंख्यक व एसटी बाहुल्य ग्राम पंचायत शेषा में सौ साल पूर्व बने जर्जर भवन में ही आज भी स्कूल चल रहा है। कक्षाओं में मोटी दरारें हैं। छत की टूटी पट्टियों को रोकने के लिए बैसाखी (लकड़ी का पिलर) लगाया गया है। दीवारों में बनी दरारें डरा रही हैं। गत दिनों द मूकनायक ने समस्या उजागर की थी। शुक्रवार को राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री भजन लाल जाटव जब इसी पंचायत समिति क्षेत्र में पहुंचे तो पीसी में उनसे इससे संबंधित सवाल पूछा गया। इस पर प्रभारी मंत्री ने कहा, "यह सही है कि हमारे कुछ विद्यालय क्षतिग्रस्त हैं। हमने भारत सरकार को कई प्रस्ताव भेजे हैं। समग्र शिक्षा का पैसा लगभग 400 करोड़ रुपया भारत सरकार ने राज्य का रोक रखा है। हमारे पूर्वी राजस्थान के जो जिले हैं उन्हें एक रुपया भी नहीं दिया गया है। इसके चलते जरूरी काम नहीं हो पाए है।"

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द मूकनायक ने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना पर भी प्रमुखता से खबरें की थीं। प्रभारी मंत्री ने इस मामले में कहा कि ईआरसीपी (पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना) हमारी पहली प्राथमिकता है। यह पूर्वी राजस्थान की लाइफलाइन है। पानी जमीनों के अंदर नहीं है। किसान परेशान हो रहे है। बिजली का संकट भी है। भरतपुर में जल स्तर 1000 फिट नीचे है। ईआरसीपी जब तक नहीं आएगी, तब तक किसानों का भला नहीं हो पाएगा। केंद्र दरकार मंजूरी देगी तो हमारी सरकार की मंशा है कि ईआरसीपी लेकर आएं।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, प्रस्ताव भाजपा की सरकार ने बनाया था। चंबल नदी में मध्यप्रदेश से किसी तरह का विवाद नहीं है। हम हमारे हिस्से का पानी लेना चाहते हैं। केंद्र सरकार एक बार ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना तो घोषित करे। बाकी काम तो तब होंगे जब राष्ट्रीय परियोजना घोषित होगी।

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फूड प्रोसेसिंग प्लांट लगाने के लिए करेंगे बात

क्षेत्र में अमरूद की बागवानी बड़े स्तर पर होती है। इसको लेकर प्रभारी मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री से बात करूंगा। हम चाहते हैं कि फूड प्रोसेसिंग प्लांट चाहे सवाईमाधोपुर में हो या भरतपुर में यह लगने चाहिए। इससे नौजवानों को रोजगार भी मिलेगा। किसानों को अच्छा भाव भी मिलेगा।

अम्बेडकर पार्क के पट्टे को निरस्त करने की प्रभारी मंत्री से शिकायत करते बैरवा समाज के लोग।
अम्बेडकर पार्क के पट्टे को निरस्त करने की प्रभारी मंत्री से शिकायत करते बैरवा समाज के लोग।फोटो- अब्दुल माहिर, द मूकनायक

छात्रावास के लिए भूमि आवंटन के आदेश

प्रभारी मंत्री ने मलारना डूंगर में जनसुनवाई भी की। यहां मलारना डूंगर बैरवा समाज के लोगों ने अम्बेडकर पार्क के नाम से आवंटित पट्टे को निरस्त कर किसी अन्य व्यक्ति का नाम पट्टा बनाने का आरोप लगाया। इस पर प्रभारी मंत्री ने खण्ड विकास अधिकारी काशीराम जाट को पूरे मामले की जांच कर अम्बेडकर पार्क के लिए पट्टा जारी करने के निर्देश दिए। इस दौरान बैरवा समाज के लोगों ने मांग रखी कि हर जाति वर्ग के छात्रावास है, लेकिन अनुसूचित जाति का कोई छात्रावास नहीं है। ऐसे में उनके बच्चों को पढ़ाई में परेशानी होती है। इस पर प्रभारी मंत्री ने उपखण्ड अधिकारी किशन मुरारी मीना को तत्काल अनुसूचित जाति छात्रावास के लिए भूमि चिन्हित कर प्रस्ताव बनाने के मौके पर निर्देश दिए। साथ ही कलक्टर को भूमि आवंटन के निर्देश दिए।

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