ग्राउंड रिपोर्ट: सरकारी स्कूलों में कैसे सुधरेगी शिक्षा की क्वालिटी, पढ़ाने के लिए पर्याप्त शिक्षक ही नहीं!

राजस्थान के सवाईमाधोपुर जिले में राजकीय विद्यालयों में 1567 शिक्षकों के पद रिक्त [फोटो- अब्दुल माहिर, द मूकनायक]
राजस्थान के सवाईमाधोपुर जिले में राजकीय विद्यालयों में 1567 शिक्षकों के पद रिक्त [फोटो- अब्दुल माहिर, द मूकनायक]

राजस्थान के सवाईमाधोपुर जिले में राजकीय विद्यालयों में 1567 शिक्षकों के पद रिक्त, भवन व खेल मैदानों का भी अभाव, विद्यार्थियों को होती है परेशानी।

जयपुर। राजस्थान के करौली-सवाईमाधोपुर जिला बॉर्डर के बीहड़ क्षेत्र में बसे श्यामोली गांव के राजकीय प्राथमिक विद्यालय का दर्जा बढ़ा कर सरकार ने उच्च प्राथमिक विद्यालय कर दिया है, लेकिन शिक्षकों की व्यवस्था नहीं की। ऐसे में कक्षा 8 तक विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए केवल तीन शिक्षक है। यहां प्रधानाध्यापक सहित 6 शिक्षकों के पद रिक्त हैं। विशेषकर अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, संस्कृत व हिंदी पढ़ाने के लिए भी शिक्षक नहीं हैं।

राजस्थान के सवाईमाधोपुर जिले के ग्रामीण इलाके में जब द मूकनायक ने शिक्षण व्यवस्था का जायजा लिया तो स्थिति बदतर नजर आई। ज्यादातर स्कूलों में अंग्रेजी, गणित व विज्ञान जैसी महत्वपूर्ण विषयों के अध्यापकों के पद रिक्त मिले। कठिन विषयों को पढ़ने के लिए विद्यार्थी को शिक्षक के सहयोग की जरूरत होती है, लेकिन यहां ऐसा नहीं है। बिना शिक्षक के पढ़ रहे बच्चों का भविष्य अंधकार में है। आलम यह है कि केवल सवाईमाधोपुर जिले में 1567 शिक्षकों के पद रिक्त हैं।

ग्रामीण [फोटो- अब्दुल माहिर, द मूकनायक]
ग्रामीण [फोटो- अब्दुल माहिर, द मूकनायक]

द मूकनायक को श्यामोली गांव निवासी गणपतसिंह गुर्जर ने बताया कि, "रिक्त पदों पर शिक्षक लगाने के लिए ग्रामीणों ने जिला कलक्टर, जिला शिक्षा अधिकारी, क्षेत्रीय विधायक व सांसद को लिखित मांगपत्र सौंपा है। बच्चों के भविष्य की दुहाई भी दी है, लेकिन विद्यालय में रिक्त शिक्षकों के पद नहीं भरे गए।"

श्यामोली गांव का राजकीय प्राथमिक विद्यालय [फोटो- अब्दुल माहिर, द मूकनायक]
श्यामोली गांव का राजकीय प्राथमिक विद्यालय [फोटो- अब्दुल माहिर, द मूकनायक]

एक कमरे में लगती हैं तीन क्लास

विद्यालय में शिक्षण व्यवस्था का आलम यह है कि एक ही कमरे में 3 से 4 कक्षाओं के विद्यार्थियों को एक साथ बैठा कर एक शिक्षक पढ़ाता है। शिक्षक बताते हैं कि एक अध्यापक के पास शिक्षण कार्य के अलावा बूथ लेवल अधिकारी का जिम्मा भी है। ज्यादा समय मतदाताओं के घर जाकर नाम जोड़ने व हटाने में बीत जाता है। एक शिक्षक विद्यालय की सूचनाओं के आदान-प्रदान में व्यस्त रहता है। ऐसे में 8 क्लास के बच्चों को पढ़ाने के लिए एक ही शिक्षक पूरा समय दे पाता है।

शिक्षकों के पदों की स्थिति

जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार सवाईमाधोपुर जिले में स्थित राजकीय विद्यालयों के लिए प्रधानाचार्य के 292 पद स्वीकृत हैं, इनमें से 89 पद रिक्त है। प्रधानाध्यापक के 68 पद स्वीकृत हैं, इनमें से 26 पद रिक्त है। प्रथम श्रेणी शिक्षक के 1031 पद स्वीकृत हैं, इनमें से 124 पद रिक्त है। द्वितीय श्रेणी शिक्षक के 1851 पद स्वीकृत हैं, इनमें से 213 पद रिक्त है। तृतीय श्रेणी शिक्षक लेवल 2 के 1948 पद स्वीकृत हैं, इनमें से 462 पद रिक्त है। तृतीय श्रेणी शिक्षक लेवल 1 के 2811 पद स्वीकृत हैं, इनमें से 485 पद रिक्त है। इनके अलावा शारीरिक शिक्षक प्रथम, द्वितीय व तृतीय श्रेणी के 461 पद स्वीकृत हैं। इनमें से 156 पद रिक्त है।

सबसे ज्यादा प्राथमिक विद्यालय

सवाईमाधोपुर जिले में राजकीय प्राथमिक स्तर के 425, राजकीय उच्च प्राथमिक स्तर के 302 व राजकीय उच्च माध्यमिक स्तर के 312 विद्यालय हैं। यहां माध्यमिक स्तर के विद्यालय समाप्त कर उच्च माध्यमिक में मर्ज कर दिया गया है। इसके अलावा जिले में राजकीय कस्तूरबा गांधी आवासी विद्यालय 6, स्वामी विवेकानंद राजकीय मॉडल स्कूल 5 व महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की संख्या 20 है। महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय अंग्रेजी माध्यम की बात करें तो इन विद्यालयों में ज्यादातर पद रिक्त हैं।

द मूकनायक को जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक नाथू लाल खटीक ने बताया कि, "यह सच है कि स्कूल क्रमोन्नत होने से कई स्थानों पर शिक्षकों के पद रिक्त है। इस तरह की समस्याएं भी सामने आ रही हैं। गत दिनों जिला निष्पादक समिति की बैठक जिला कलक्टर की अध्यक्षता में हुई थी। बैठक में निर्णय लिया था कि सम्बन्धित पीईईओ या पंचायत प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी शिक्षकों की कमी वाले स्कूलों में कार्यव्यवस्था के तहत रोस्टर से शिक्षकों को लगा सकते हैं। श्यामोली गांव के स्कूल की समस्या भी आई थी। इस संबंध में सांकड़ा पीईईओ को शिक्षक व्यवस्था के निर्देश दिए थे।"

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