Good Governance की कवायद: लेटलतीफी अब नहीं चलेगी, जानिये राजस्थान के सरकारी दफ्तरों में क्या होने वाला है नया प्रयोग!

चीफ मिनिस्टर कर रहे हैं मोनिटरिंग, सरकारी दफ्तरों में समय पर उपस्थिति के लिए एसएसओ-अटेंडेंस मैनेजमेंट सिस्टम लागू हुआ तो कार्मिक नहीं कर पाएंगे दफ्तर से बंक.
Good Governance की कवायद: लेटलतीफी अब नहीं चलेगी, जानिये राजस्थान के सरकारी दफ्तरों में क्या होने वाला है नया प्रयोग!

जयपुर। सत्ता परिवर्तन के साथ ही भाजपा की भजनलाल सरकार सरकारी दफ्तरों में व्यवस्था सुधार के साथ ही अफसरों / कर्मियों की  कार्यशैली सुधारने पर काम कर रही है। मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री व उच्च अधिकारी भी सरकारी संस्थानों का औचक निरीक्षण कर रहे हैं। इसका परिणाम यह है कि अब निर्धारित समय पर कर्मियों की उपस्थिति होने लगी है। व्यवस्थाओं में भी सुधार के प्रयास हो रहे हैं।

आपको बता दें कि खुद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जनवरी माह में आधी रात को जयपुर शहर के एक पुलिस थाने का औचक निरीक्षण कर इसकी शुरुआत की थी। इसके बाद मुख्य सचिव सहित प्रदेश के बड़े अफसर व मंत्री भी अपने अपने विभागों के कार्यालयों का औचक निरीक्षण कर कार्य व्यवस्था को सुधारने पर काम कर रहे हैं।

इसी क्रम में निजी यात्रा पर सवाईमाधोपुर पर आए चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर भी गुरुवार को अचानक जिला अस्पताल पहुंच गए। चिकित्सा मंत्री के आने की खबर मिली तो चिकित्सा स्टाफ में खलबली मच गई। अधिकारी भी जिला अस्पताल पहुंच गए। यहां चिकित्सा मंत्री ने अस्पताल में निरीक्षण के दौरान परिसर में फैली गंदगी को देख कर नाराजगी जताई। मंत्री ने अस्पताल प्रशासन को अविलंब सफाई व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए। इस दौरान अस्पताल में जरूरी जांच मशीनों की कमी बताई गई। इससे जांच के लिए या तो निजी लैबों पर या फिर बड़े शहरों में जाना पड़ रहा है। इस पर संज्ञान लेते हुए चिकित्सा मंत्री ने सभी आवश्यक जांच मशीनों को प्रस्ताव तैयार कर भिजवाने के निर्देश दिए। मंत्री ने चिकित्सा स्टाफ के समय पर उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।

इससे पूर्व भी चिकित्सा मंत्री खींवसर ने अपने गृह जिले के दौरे के दौरान चिकित्सा विभाग के डॉक्टरों, कर्मचारियों को ड्यूटी पर समय पर नहीं आने पर सख्त कार्रवाई की हिदायत दी थी। चिकित्सा मंत्री की हिदायत के बाद भी समय पर नहीं आने वाले डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की शुरूआत हो चुकी है। सरकारी अस्पताल में समय पर नहीं आने वाले डॉक्टरों को नागौर के मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी ने नोटिस देकर देरी से आने का कारण पूछा है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने समय पर अस्पताल नहीं पहुंचने वाले चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों पर कार्रवाई की हिदायत दी गई थी। इसके बावजूद पांच चिकित्सकों के समय पर अस्पताल पहुंचने में लेटलतीफी की शिकायत के बाद पांचों को नोटिस जारी किया गया था। नागौर जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के अनुसार राजकीय चिकित्सालय जायल के डॉ. दातार सिंह, डॉ. किशन राम, डॉ. रमेश कुमार सोनी तथा नेत्र सहायक हरिशंकर गरबा को नोटिस दिया गया था।

एसएसओ-अटेंडेंस मैनेजमेंट सिस्टम लागू होगा

सरकारी दफ्तरों में आमजन की समस्याओं का  समय पर निवारण नहीं होने की शिकायत आम है। सीट पर अफसर की गैर मौजूदगी को इसका कारण माना जाता रहा है। कार्यालय में समय पर कार्य निस्तारण के लिए मुखिया की सख्ती के बाद मुख्य सचिव सुधांश पंत नौकरशाहों, अफसरों और कर्मचारियों को समय से दफ्तर बुलाने  के फॉर्मूले पर काम कर रहे हैं। सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग की तर्ज पर सभी विभागों में एसएसओ-अटेंडेंस मैनेजमेंट सिस्टम लागू करने की तैयारी है। इस एप की सबसे खास बात ये है कि विभाग की वेबसाइट पर आम व्यक्ति देख पाता है कि कौन सा अफसर दफ्तर में है या नहीं।

क्या है एएमएस एप?

सामाजिक न्याय विभाग में एएमएस एप  (अटेंडेंस मैनेजमेंट सिस्टम) लागू किया गया है। जिसके जरिए विभागीय कर्मी रोजाना अपनी अटेंडेंस लगाते हैं। खास बात ये है कि एप में अटेंडेंस केवल दफ्तर के परिसर में ही लग पाएगी, यदि कार्मिक दूसरी लोकेशन से अटेंडेंस लगाएगा तो उनकी चोरी पकड़ी जाएगी और लोकेशन ट्रेस होकर रिकॉर्ड में आ जाएगी। विभाग के सीनियर अफसरों को ये पता लग जाता है कि वो एम्प्लॉई ऑफिस में मौजूद ही नहीं है। सरकार यदि  हाजिरी का यह सिस्टम सभी विभागों में लागू करने में सफल रही तो संबंधित दफ्तर में जाने से पहले कोई भी कार्मिक की उपस्थिति के बारे में ऑनलाइन पड़ताल कर सकेगा। बीते दिनों मुख्य सचिव को जेडीए में निरीक्षण के दौरान खामियां मिली थी। जिसके बाद जेडीए सचिव आईएएस नलिनी कठोतिया, अतिरिक्त आयुक्त आनंदी लाल वैष्णव, उपायुक्त प्रवीण कुमार को एपीओ किया गया था। किसी आईएएस अधिकारी को कार्यालय से नदारद रहने पर एपीओ करने का यह पहला मामला बताया गया है।  

नहीं सुधरी कार्यशैली, क्या एक्शन लेगी भजनलाल सरकार?

अफसरों की कार्यशैली को सुधारने के लिए सीएम व सीएस के औचक निरीक्षणों के बावजूद कई दफ्तरों मे अफसरों की वर्किंग में सुधार नहीं होने के मामले भी सामने आए हैं। सीएम के निरीक्षण में कार्यालय से नदारद मिले एक आईएएस अधिकारी को एपीओ करने के बाद प्रशासनिक सुधार विभाग (एआरडी) की टीम ने नगर निगम के जोन कार्यालय, एक सरकारी अस्पताल और एक डिस्पेंसरी सहित कई कार्यालयों का औचक निरीक्षण किया था। पौने दस बजे तक भी दफ्तरों में पौने दस बजे तक कार्मिक नहीं पहुंचे। समय पर नहीं पहुंचने वाले कार्मिकों की सूची बनाई गई। टीम को 394 अराजपत्रित में से 49 कर्मचारी, 110 में से 11 राजपत्रित अधिकारी गैरहाजिर मिले थे। अब सवाल यह है कि दफ्तरों से नदारद मिलने पर आईएएस व आरएएस अफसरों पर कार्रवाई करने वाली भजन लाल सरकार इन पर भी कार्रवाई कर पाएगी?

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